बिगड़ते पर्यावरण को बचाने की ‘नवनीत’ मुहिम

-पौधे लगाने के साथ उनकी देखभाल का लेते हैं जिम्मा
-बोले, पौधे वृक्ष बनेंगे तभी मानव जीवन सुरक्षित होगा

नई दिल्ली। प्राकृतिक संसाधनों के अंधाधुंध दोहन ने पूरे विश्व को चिंता में डाल रखा है। इसके चलते पारिस्थितिकी तंत्र भी गड़बड़ा रहा है। मानव जीवन के लिए पर्यावरण दुरुस्त रखना सबसे जरूरी है। इसी उद्देश्य को लेकर पर्यावरणविद नवनीत पांडेय अपनी मुहिम में जुटे हुए हैं। इस मुहिम में पौधे लगाने के साथ ही वह उनकी देखभाल का भी जिम्मा लेते हैं। ताकि पौधे वृक्ष बनकर मानव जीवन को बेहतर कर सकें।

दुनियाभर में प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन हो रहा है। विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति के साथ छेड़छाड़ जारी है। खनिज संपदा से लेकर पेड़ों की कटाई जारी है। बदले में इसकी भरपाई भी नहीं होती है। दुनिया के तमाम बड़े जंगलों में आग लगी है। उन पर भी काबू करना बड़ी चुनौती है। इन सब वजहों से पारिस्थितिकी तंत्र भी गड़बड़ा रहा है। पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। अक्टूबर महीने में ही दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ने लगा है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ेगी यह प्रदूषण स्तर बढ़ता जाएगा। लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इसके बड़े कारण वन क्षेत्र कम होना, वाहनों की बढ़ती संख्या और कंक्रीट में तब्दील होते शहर हैं।

जीवन बचाने के लिए पहल जरूरी
जब यह समस्या पर्यावरणविद नवनीत पाण्डेय के समक्ष रखी गई तो उन्होंने कहा कि इस समस्या के निदान में पौधरोपण सबसे बड़ी भूमिका निभाएगा। हरियाली बढ़ाई जाए ताकि लोगों को जीने के लिए सांस मिल सके। खुद नवनीत पांडेय ने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। पर्यावरण बचाने की मुहिम में जुटे हुए हैं। वह अपने टीम के साथ पौधे लगाते हैं और उनकी देखभाल भी करते हैं। उनका मानना है कि पौधे लगा देने भर से ही जिम्मेदारी पूरी नहीं होती बल्कि उनका रखरखाव जरूरी है। रखरखाव होगा तभी वह पेड़ वृक्ष बनेंगे और लोगों को जीवनदायिनी ऑक्सीजन दे सकेंगे।

पौधरोपण के लिए चलाते हैं अभियान
पर्यावरणविद नवनीत पांडेय सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर भी पौधरोपण अभियान चलाते हैं। पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में वह पौधारोपण अभियान चला चुके हैं। बीएसएफ, सीआरपीएफ और रेलवे के साथ मिलकर वह पौधेरोपण करते हैं। उन्होंने रायबरेली जिले के लालगंज स्थित आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना प्रबंधन को 4000 पौधे भेंट किए। यह पौधे पश्चिम बंगाल से लाकर दिए थे। वह पौधों की देखभाल करते हैं। उनका मानना है कि पर्यावरण बचाने के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत है। इसमें लोगों को आगे आना चाहिए। धरा को बचाने के लिए पौधरोपण जरूरी है।

सम्मान मिलने से बढ़ती है जिम्मेदारी
पर्यावरण बचाने की मुहिम में जुटे नवनीत पाण्डेय के कामों को सरकार ने भी सराहा। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी उन्हें सम्मानित कर चुके हैं। दर्जनों संस्थाओं ने उनके काम को पहचाना है और उन्हें सम्मानित किया। हालांकि नवनीत पाण्डेय कहते हैं कि लोगों ने उनके काम को देखा और सम्मान दिया। इसका मतलब उनके काम को लोग देख रहे हैं। सम्मान मिलने से जिम्मेदारी और बढ़ जाती है।