गाजियाबाद में सप्लाई के लिए झारखंड से लाए थे सवा करोड़ की अफीम, दो अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार

गाजियाबाद। झारखंड से बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, गाजियाबाद, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर में ऑन डिमांड अफीम सप्लाई करने वाले दो अंतरराज्यीय तस्कर को सवा करोड़ की अफीम समेत क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी ऑन डिमांड झारखंड से तस्करी करते थे। पुलिस से बचने के लिए आरोपी कभी बस तो ट्रेन का सहारा लेकर सफर करते थे। जिसे जिले और राज्यों में अफीम सप्लाई होनी होती थी, उस जगह का स्थान पहले ही चयनित कर लेते थे। उसके बाद तो पुलिस को चकमा देने के लिए बस और ट्रेन बदल-बदल कर पहुंच जाते थे और अफीम सप्लाई कर वापस झारखण्ड पहुंच जाते थे।

सोमवार को अफीम तस्करी का खुलासा करते हुए एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने एसीपी क्राइम अजित कुमार रजक की मौजूदगी में बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने रविवार रात मुखबिर की सूचना पर झारखंड से अफीम लेकर गाजियाबाद समेत अन्य राज्यों में सप्लाई करने आ रहे छोटू कुमार पुत्र रमेश दांगी निवासी मोहल्ला चंदाबांध कस्बा जिला चतरा झारखंड और राजेंद्र कुमार दांगी पुत्र जिबलाल महतो निवासी ग्राम ढोढी जिला चतरा झारखंड को मोहन नगर कट के पास से गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से पांच किलो अफीम बरामद किया गया। बरामद अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 1 करोड़ 25 लाख रुपये है। पकड़े गए तस्कर अंतरराज्यीय तस्कर है, जो गाजियाबाद में अफीम सप्लाई के लिए आए थे।

एडीसीपी क्राइम ने बताया कि पकड़े गए तस्कर झारखंड में खेती का काम करते है। झारखंड में मादक पदार्थो की खेती बहुत होती है तो वह मादक पदार्थो की तस्करी करने लगे। वहीं के कुछ लोग से गांजा व अफीम की तस्करी झारखण्ड से बाहर ले जाकर तस्करी करने वालों से इनका संपर्क हुआ तो एक दो बार उनके साथ गए। उस दौरान उन्हें 10 हजार रुपए मिले। जब उन्हें लगा कि कम समय में ज्यादा पैसे मिल रहे है तो इससे अच्छा और कोई काम नही हो सकता है। पकड़ा गया दुसरा तस्कर राजेन्द्र कुमार डांगी 9वीं पास है, बीच में ही पढ़ाई छोड़कर फर्नीचर का काम सीखने के बाद मुंबई चला गया। वहां दो वर्ष रहने के बाद जब कोई कमाई नही हुई तो वह वापस झारखण्ड आ गया। उसके बाद वह अपने दोस्त छोटू के सम्पर्क में आया और इससे काम के लिए कहा तो उसने इस काम के बारे में बताया तभी से तस्करी करने लगा। उन्होंने बताया पकड़े गए तस्कर बरेली, बदायूं, मुरादाबाद, गाजियाबाद, दिल्ली व एनसीआर के अलावा हरियाणा, राजस्थान व पंजाब में डिमांड आने पर मादक पदार्थों की सप्लाई करते थे।

पुलिस को चकमा देने के लिए बस और ट्रेन में करते थे सफर

एसीपी क्राइम अजित कुमार रजक ने बताया कि पकड़े गए तस्करों जब ऑर्डर मिलता था तो वह अफीम, गांजा और चरस आदि मादक पदार्थों को झारखंड से लेकर चल देते थे। जिस जगह माल सप्लाई करना होता था, वह जगह पहले ही चिन्हिंत कर लेते थे। जिसके बाद झारखंड से कभी बस तो कभी ट्रेन द्वारा बताए गए स्थान पर पहुंच जाते थे। सफर के दौरान मोबाइल पूरी तरह से बंद रखते थे। जिससे उन्हें कोई ट्रेस न कर सकें। रविवार रात को भी पकड़े गए आरोपी माल लेकर ट्रेन बदल-बदलकर कानपुर तक आये। फिर वहां से बस से गाजियाबाद पहुंचे। तस्करों को दिल्ली बॉर्डर के पास पांच किलो अफीम सप्लाई करने का ऑर्डर मिला था। जिसे सप्लाई के लिए यहां आए थे, मगर टीम ने सप्लाई से पहले ही आरोपियों को पकड़ लिया।
क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया पकड़े गए तस्करों को मादक पदार्थ सप्लाई करने के लिए पूरा खर्चा मिलता था, इन सबके अलावा सप्लाई के लिए 10 हजार रुपए प्रति ऑर्डर मिलता था। आरोपी कम समय में ज्यादा अमीर बनना चाहते थे। घर खर्च और खुद के शौक पूरा करने के लिए तस्करी करते थे। तस्करों से कई और जानकारी मिली है। जिस पर मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है।