15 लाख विद्युतकर्मी कार्य बहिष्कार कर आज सड़क पर करेगें विरोध प्रदर्शन

प्रदेश व आम जनता के हित में नहीं निजीकरण

मुनाफे के लिए काम कर रही निजी कंपनी

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में देश के सभी प्रांतों के 15 लाख विद्युतकर्मी आज पूरे दिन कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन करेगें। यदि उत्त्र प्रदेश के बिजली कर्मियों को गिरफ्तार और दमन किया गया तो देश के सभी प्रदेशों के बिजली कर्मी मूकदर्शक नहीं रहेंगे। उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के समर्थन में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा। प्रदेश के बिजली कर्मचारी 29 सितंबर से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। संयोजक अवधेश कुमार ने बताया कि रविवार को बैठक के दौरान पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव के विरोध में उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों को देश भर के बिजली कर्मचारियो का समर्थन मिला है। देश के 15 लाख बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अभियंता उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के निजीकरण के विरुद्ध संघर्ष में आज यानि सोमवार को देशभर में विरोध प्रदर्शन एवं कार्य बहिष्कार करेंगे। बिजली कर्मचारियों व अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड एंड इंजिनियर्स (एनसीसीओईईई), जेके पावर इंजीनियर्स, एम्प्लॉयीज कोआर्डिनेशन कमिटी, विद्युत कनीय अभियंता संघ, बिहार, उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा और जॉइंट कन्वेंशन ऑफ नेशनल ट्रेड यूनियन एवं अन्य कई एसोसिएशन ने भी पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में चल रहे संघर्ष में उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारियों के साथ आंदोलन में समर्थन देने का निर्णय लिया है। उन्होने बताया कि संघर्ष समिति द्वारा सरकार और प्रबंधन को भेजे गए नोटिस में यह स्पष्ट कर दिया कि यदि निजीकरण का प्रस्ताव निरस्त न किया गया तो पूरे दिन का कार्य बहिष्कार करेंगे। संघर्ष समिति ने जनता से अपील करते हुए कहा कि  पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम का निजीकरण किसी भी प्रकार से प्रदेश व आम जनता के हित में नहीं है। निजी कंपनी मुनाफे के लिए काम करती है जबकि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम बिना भेदभाव के किसानों और गरीब उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली आपूर्ति कर रही है। निजी कंपनी अधिक राजस्व वाले वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को प्राथमिकता पर बिजली देगी जो ग्रेटर नोएडा और आगरा में हो रहा है। निजी कंपनी लागत से कम मूल्य पर किसी उपभोक्ता को बिजली नहीं देगी। अभी किसानों, गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को पॉवर कारपोरेशन घाटा उठाकर बिजली देता है। जिसके चलते इन उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है। अब निजीकरण के बाद इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी होगी। उत्तर प्रदेश में बिजली की लागत का औसत रुपए 7.90 प्रति यूनिट है और निजी कंपनी द्वारा एक्ट के अनुसार कम से कम 16 प्रतिशत मुनाफा लेने के बाद रुपउए 9.50 प्रति यूनिट से कम दर पर बिजली किसी को नहीं मिलेगी। किसान को लगभग 8000 रुपए प्रति माह और घरेलू उपभोक्ताओं को 8000 से 10000 रु प्रति माह तक बिजली बिल देना होगा। बैठक के दौरान अनिल चौरसिया,विशाल कंसल, जय भगवान, राज सिंह, रामनारायण, केके सोलंकी, दिलनवाज, उमेश, अमरदीप समेत सैकड़ो विद्युतकर्मी उपस्थित रहे।