सदी की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना, जिम्मेदार अधिकारियों पर भी हो कार्रवाई: केके शर्मा

गाजियाबाद। सदी की सबसे बड़ी रेल दुर्घटना ओडिशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे ने हर किसी को गमगीन कर दिया है। इस हादसे में अभी तक जो जानकारी मिली है उसमें कई ऐसे लोग हैं जिसमें किसी ने अपना बेटा, पति, पिता और बेटी को खोया है। हादसे के बाद जो तस्वीर सामने आ रही हैं, वो हैरान करने वाली हैं। इस दर्दनाक हादसे में करीब 261 लोगों की मौत हो गई है जबकि 900 से अधिक लोग घायल हैं। इस दुर्घटना में तीन ट्रेन शामिल थीं-कोरोमंडल एक्सप्रेस 12841, यशवंतपुर-हावड़ा एसएफ और एक मालगाड़ी। कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरी से उतर गई और (बगल में लूप ट्रैक पर खड़ी) मालगाड़ी से टकरा गई।

इस दर्दनाक हादसे पर सोशल चौकीदार के संस्थापक व समाजसेवी के.के शर्मा ने कहा ओडिशा के बालासोर में हुए दुखद हादसे से मन आहत है। मैं पीड़ित परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। दुख की इस घड़ी में, मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सभी के लिए मेरी संवेदनाएं अनेकों रेल दुर्घटनाओं मे हजारों लोग तबाह हुए। यह दुर्घटना इस बात को सोचने के लिए बाध्य करती है कि रेलवे में सुरक्षा हमेशा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इस दुर्घटना को लेकर कई सवाल उठाने की जरूरत है। जांच हुई लेकिन फिर भी दुर्घटना हो रही हैं इसका कारण क्या है। सबसे बड़ा कारण है कि कोई अधिकारी जेल नहीं गया, कार्यवाही हुईं भी तो बहुत जूनियर कर्मचारियों पर ही क्यों, बड़े अधिकारी इस हादसें के जिम्मेदारी नहीं है? मोटी तनख्वाह लेने वाले तमाम जिम्मेदार लोगों की नौकरियां क्यों नहीं गई।

क्या लोग मरने के लिए हैं और अधिकारी मौज मस्ती के लिए है। नेता बयानबाजी करने के लिये ही है। हर सरकार में दुर्घटनाओं में लोग मरे है। मगर सब मदद करने बजाए राजनीति शुरु कर देते है। इस ट्रेन में एंटी कोलिशन डिवाइस नहीं था। अगर वह होता तो यह हादसा नहीं होता। कोई अपनी सरकार में हुए हादसे की जिम्मेदारी नहीं लेता है। जब तक जिम्मेदार लोग जेल नहीं जाएंगे रेलवे के नुकसान की भरपाई अधिकारियों की संपत्ति से नहीं की जाएगी तब तक लोग मरते रहेंगे। बच्चे अनाथ होते रहेंगे लोग अपाहिज होते रहेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि वे पिछले 20 वर्षों की दुर्घटनाओं की जांच निकालने का काम करके दोषियों को जेल भेजने का काम करें। जिस दिन इस पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी तो भविष्य में ऐसी दुर्घटना भी होना संभव नहीं है।