विद्यार्थियों ने गुरुओं के पैर पखारे, आरती उतारकर लिया आशीर्वाद

-भारतीय शिक्षण मंडल एवं मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने अनूठे ढंग से मनाई गुरु पूर्णिमा

गाजियाबाद। वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के विवेकानंद सभागार में गुरु पूर्णिमा पर आयोजित गुरु वंदन समारोह में विद्यार्थियों ने एक दर्जन से अधिक गुरुओं का तिलक लगाकर, फूल मालाएं पहनाकर और आरती उतारकर वंदन-पूजन किया। भारतीय शिक्षण मंडल मेरठ प्रांत और मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की ओर से आयोजित इस विशेष गुरु वंदन समारोह में विद्यार्थियों ने गुरु समान सभी शिक्षकों-शिक्षिकाओं को तिलक लगाया और उनके सम्मान में गीत, भजन और गुरु की महिमा उजागर करते सम्भाषण दिये।

अपने आपमें अनूठे इस कार्यक्रम में मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन एवं भारतीय शिक्षण मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि आज अध्यापन प्रोफेशन बन गया है। शिक्षक गुरु नहीं महज ट्यूटर बनकर रह गये हैं। जबकि शिक्षक या ट्यूटर विद्यार्थियों को केवल पढ़ाता है, जबकि गुरु उन्हें गढ़ता है। उनका सर्वांगीण विकास करता है। उन्हें देश और समाज के लिए अच्छा नागरिक बनाता है। उन्होंने कई प्रसंगों और संदर्भों द्वारा साबित किया कि गुरुत्व शिष्य पर निर्भर करता है। गुरु जिन्दगी की हकीकत बताता है। उन्होंने शिक्षक से गुरु बनने के भी अनेक टिप्स शिक्षकों को दिये।

मेवाड़ गु्रप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशिका एवं भारतीय शिक्षण मंडल सम्पर्क विभाग की सह-संयोजक डॉ. अलका अग्रवाल ने कहा कि आशीर्वाद बिना सबकुछ अधूरा है। शिक्षकों को गुरु बनने के बाद अच्छे शिष्यों को आशीर्वाद देने का सही हक मिलता है। गुरु के लिए असीम समर्पण और श्रद्धाभाव शिष्यों के मन में होना चाहिए। क्योंकि गुरु लौकिक और अलौकिक दोनों ही ज्ञान कराता है। विद्यार्थियों को नई दृष्टि देता है। उन्होंने अनेक ऐसे महापुरुषों के नाम बताये जिन्होंने अच्छे शिष्य बनाये। जिनकी वजह से गुरुओं की परम्परा आगे बढ़ी। इस अवसर पर नंदिनी, अपूर्वा, अक्षत, माही एवं अंकिता मजूमदार आदि विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। सफल संचालन अमित पाराशर ने किया। समारोह में मेवाड़ परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।