इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर में होगा 15 हजार करोड़ का निवेश हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार सेक्टर 10 में 200 एकड़ जमीन रिजर्व, जल्द लगेगी केंद्र सरकार की मुहर

यमुना सिटी और गौतमबुद्धनगर को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाने के लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है। इन परियोजनाओं से औद्योगिक निवेश बढ़ेगा और हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर (ईएमसी) इन्हीं परियोजनाओं में से एक है। ईएमसी 2.0 के माध्यम से औद्योगिक निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न होंगे।

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
ग्रेटर नोएडा। गौतमबुद्धनगर इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनेगा। यमुना प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-10 में 200 एकड़ क्षेत्रफल में इलैक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) डेवलप होगा। ईएमसी में लगभग 15 हजार करोड़ का निवेश होगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना के लिए यमुना प्राधिकरण ने सभी तैयारियां पूरी कर ली है। केंद्र सरकार की निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत भी ईएमसी को सपोर्ट मिलेगा। प्रदेश सरकार द्वारा इस नीति के तहत केंद्र सरकार के पास आवेदन (प्रपोजल) भेजा गया है। उम्मीद जताई जा रही है कि जून में इसे स्वीकृति मिल जाएगी। यमुना प्राधिकरण द्वारा केंद्र सरकार की नीति के तहत सभी शर्तों को पूरा किया जा रहा है। ऐसे में इस स्कीम पर तेजी से काम होगा।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कह चुके हैं कि जेवर में बन रहा नोएडा एयरपोर्ट यूपी की आर्थिकी में एक लाख करोड़ की वृद्धि करेगा। यह बात सच साबित होता दिखाई दे रहा है। एयरपोर्ट के साथ फिल्मसिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं का भी तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। यमुना सिटी और गौतमबुद्धनगर को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का केंद्र बनाने के लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह द्वारा औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है। इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग कलस्टर इन्हीं परियोजनाओं में से एक है। ईएमसी 2.0 के माध्यम से औद्योगिक निवेश बढ़ेगा और रोजगार के अधिक अवसर उत्पन्न होंगे।

विदित हो कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग में तेजी लाने के लिए भारत सरकार द्वारा ईएमसी 2.0 स्कीम के तहत मदद दी जाती है। ईएमसी 2.0 योजना में बड़े निर्माण क्लस्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके तहत परियोजना लागत और निवेश पर 50 फीसदी या प्रत्येक 100 एकड़ के लिए 70 करोड़ रुपए तक के  अनुदान का प्रावधान है। इस स्कीम के तहत कॉमन फैसिलिटी सेंटर के निर्माण पर अनुदान मिलेगा। इस योजना में प्लग एंड प्ले जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया है। यमुना प्राधिकरण द्वारा प्रदेश सरकार के माध्यम से ईएमसी 2.0 स्कीम में आवेदन किया गया है। भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार स्कीम के लिए 20 फीसद जमीन की खरीददारी होनी चाहिये, 300 करोड़ का इनवेस्टमेंट प्रपोजल, कॉमन फैसिलिटी सेंटर, प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटिंग एजेंसी होनी चाहिये। यमुना प्राधिकरण का प्रस्ताव सभी शर्तों को पूरा करता है। यमुना प्राधिकरण की योजना है कि यीडा सेक्टर-10 में 200 एकड़ में डेवलप किया जाएगा। जमीन आरक्षित कर ली गई है। यीडा द्वारा जल्द ही एक प्रमुख मल्टीनेशनल कंपनी के साथ एंकर कंपनी के रूप में करार किया जाएगा। इसके अलावा 10 अन्य बड़ी कंपनियां भी यहां निवेश करेंगी। सेक्टर-10 में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित करने से संबंधित एक पत्र प्रमुख सचिव एवं यमुना प्राधिकरण के चेयरमैन अनिल कुमार सागर द्वारा एक पत्र सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कस ऑफ इंडिया के डायरेक्टर को भेजा गया है। केंद्र सरकार से यीडा को जल्द ग्रीन सिग्नल मिलने की संभावना है।