उन्नाव केस : गम और गुस्से के बीच अंतिम संस्कार

बबुरहा गांव में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव में शुक्रवार को गम और गुस्से के बीच दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस बीच एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। दोनों किशोरियों के शवों को दफनाया गया। बता दें कि उन्नाव के असोहा थाना क्षेत्र के बबुरहा गांव में 3 दलित किशोरियां बेहोशी की हालत में पड़ी मिली थीं। बाद में 2 किशोरियों की मौत हो गई थी। तीसरी किशोरी का उपचार चल रहा है। इस घटना के बाद बबुरहा गांव में बवाल मच गया था। ग्रामीणों ने हत्या का आरोप लगाकर पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। ग्रामीणों ने वीरवार को दोनों किशोरियों का अंतिम संस्कार होने नहीं दिया था। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के मध्य दोनों बेटियों का अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हितेश चंद्र अवस्थी ने बताया कि बेहोश बच्ची का इलाज कानपुर में चल रहा है। डॉक्टरों ने इसे सस्पेक्टेड केस ऑफ प्वॉइजनिंग बताया है। डॉक्टरों के एक पैनल ने इनमें से 2 मृत बच्चियों का पोस्टमॉर्टम किया है। इनकी रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की चोट नहीं पाई गई है। डीजीपी ने बताया कि विसरा को सुरक्षित कर रासायनिक विश्लेषण हेतु भेजा दिया गया है। घटनाक्रम की जांच हेतु फॉरेंसिक एक्सपर्ट की सहायता ली जा रही है। पुलिस की 6 टीमें गठित की गई हैं। सभी संभावनाओं को ध्यान में रखकर सीनियर अफसरों की निगरानी में घटना की जांच चल रही है। उधर, अस्पताल में भर्ती बच्ची के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। बता दें कि उन्नाव की घटना पर सपा-बसपा और कांग्रेस ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। विपक्षी दलों ने सूबे में महिलाओं और बच्चियों के प्रति बढ़ती वारदातों पर चिंता जाहिर की थी। सपा कार्यकर्ताओं ने बबुरहा गांव में ग्रामीणों के साथ धरना-प्रदर्शन तक किया था।