निगम की पार्किंग के नाम पर इंडस्ट्रीज एरिया में करते थे अवैध वसूली, दो गिरफ्तार

-नगर आयुक्त के पत्र पर हुई तत्काल कार्रवाई

गाजियाबाद। नगर निगम ने जिस फर्म का टेंडर कैंसल कर दिया था। बावजूद इसके कुछ अज्ञात लोग फिर भी नगर निगम के स्वयं को ठेकेदार बनाकर वाहन पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली कर रहे थे। नगर आयुक्त की शिकायत पर नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर नगर निगम की पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली करने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी बाहर से आने वाले वाहन चालकों से अवैध वसूली करते थे। नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक को शिकायत मिली कि इंडस्ट्रीज एरिया में नगर निगम के नाम पर अवैध वसूली हो रही है। जबकि पूर्व में ही जिस फर्म को टेंडर दिया गया था, उसे केसिंल कर दिया गया है। नगर आयुक्त ने पुलिस उपायुक्त शहरी क्षेत्र को पत्र लिखा है। पत्र में नगर आयुक्त ने बताया कि कविनगर जोन एरिया स्थित औद्यौगिक क्षेत्र, बुलंदशहर रोड इंडस्ट्री एरिया और अमृत स्टील कंपाउंड के निकट इंडस्ट्री एरिया जीटी रोड में कुछ लोग पार्किंग के नाम पर वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहे है। जबकि इससे पहले इस एरिया में वाहन पार्किंग की वसूली का ठेका फर्म को दिया गया था।

बकाया पैसा जमा नहीं करने के बाद तत्कालीन नगर आयुक्त ने पांच नवंबर को पिछले वर्ष इस फर्म का टेंडर कैंसल कर दिया था। अभी नगर निगम किसी दूसरी फर्म को यहां पार्किंग का ठेका जारी नहीं कर पाया है। मगर उसके बाद भी इस एरिया में अवैध रूप से पार्किंग के नाम पर कुछ लोग अवैध वसूली कर रहे है। इसकी शिकायत थाना विजयनगर प्रभारी से भी की गई थी। मगर कार्रवाई नहीं होने के कारण इस मामले में पुलिस उपाध्यक्ष शहरी क्षेत्र को इसके लिए शिकायत की गई। एसीपी नगर निमिष पाटिल ने बताया बुधवार को नगर निगम संपत्ति लिपिक कार्यवाहक राजकुमार द्वारा थाना नगर कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दी गई। शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर बुधवार को पुलिस ने राजेश पुत्र श्री भगवान सिंह निवासी अम्बेडकर नगर विजय नगर और प्रभाकर सैनी उर्फ सोनू पुत्र रामलाल सैनी निवासी सी 42 अशोक नगर सिहानी गेट को अमृत स्टील कम्पाउंड के पास से अवैध वसूली करते हुए गिरफ्तार किया गया है। जिनके पास से नगर निगम की फर्जी पर्ची बरामद किया गया। पकड़े गए आरोपियों को पता था पूर्व में नगर निगम का पार्किंग का ठेका निरस्त हो चुका है। जिसका फायदा उठाकर पूर्व की पर्ची की तरह ही नई पार्किंग पर्ची छपवाकर उस मोहर लगाकर खडे वाहनों से अवैध वसूली करते थे। क्योंकि बाहर से आने वाहनों को यह पता नहीं होता था कि नगर निगम की यह पार्किंग बंद हो गई है।