फ्रंटफुट पर खेले विक्रमादित्य सिंह मलिक पहली बोर्ड बैठक में छोड़ी अमिट छाप

कुशल नेतृत्वकर्ता की तरह पार्षदों के हर बाउंसर को खेला, नियमों को लेकर दिखे सख्त, कठिन परिस्थितियों को बड़े ही सरल और सहज ढ़ंग से संभाला
उदय भूमि ब्यूरो

गाजियाबाद। अधिकारी टफ है, नियमों को लेकर सख्त है, लेकिन काम को लेकर मस्त है। गाजियाबाद के नवनियुक्त म्युनिसिपल कमिश्नर आईएएस विक्रमादित्य सिंह मलिक का यह परिचय है। सिर्फ एक पखवाड़े में शहरवासियों के बीच विक्रमादित्य सिंह मलिक की यह छवि बनी है। मंगलवार को नगर निगम की बोर्ड बैठक में छवि के अनुरूप ही विक्रमादित्य सिंह मलिक की कार्यशैली देखने को मिली। गाजियाबाद नगर निगम की नवगठित सदन की पहली बोर्ड बैठक में फ्रंटफुट पर खेलते हुए पार्षदों के बाउंसरों को बड़े ही सहज ढ़ंग से खेला। एक कुशल नेतृत्वकर्ता की तरह टीम का नेतृत्व किया। कठिन परिस्थितियों को बड़े ही सरल और सहज ढ़ंग से संभाला। पहली बोर्ड बैठक में अपनी कार्यशैली की अमिट छाप छोड़ते हुए म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक ने यह जता दिया कि वह हर गलत चीज के खिलाफ हैं। लेकिन यदि कोई दवाब की रणनीति या फिर गलत मंशा के साथ अपनी मनमर्जी करने की कोशिश करेंगा तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि सिस्टम में कोई गड़बड़ी है तो उसे दुरूस्त किया जाएगा। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी गलत है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन सिर्फ रौब गांठने या फिर अपने हुक्म का इक्का चलाने के लिए अधिकारियों पर बिना तथ्यों के आरोप लगाये जाएंगे तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

गाजियाबाद नगर निगम पिछले कुछ समय से गलत कारणों से सुर्खियों में बना हुआ है। गाजियाबाद की मेयर सुनीता दयाल और निगम अधिकारियों के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। मेयर द्वारा अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गये। नगर निकाय चुनाव के दौरान मेयर ने गाजियाबाद नगर निगम में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था और चुनाव जीतने के बाद उसे ठीक करने की बात कही थी। पूर्व म्युनिसिपल कमिश्नर डॉ. नितिन गौड़ के साथ रिश्ते बड़े असहज रहे। नवनियुक्त म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक के साथ भी तालमेल नहीं बैठ रहा है। ऐसे में मंगलवार को हुई नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक विक्रमादित्य सिंह मलिक के लिए एक बड़ी परीक्षा थी। परोक्ष और अपरोक्ष रूप से म्युनिसिपल कमिश्नर पर जो भी हमले हो सकते थे वह सभी हमले हुए। लेकिन विक्रमादित्य सिंह मलिक ने ना सिर्फ अपने ऊपर हुए हमलों को झेला बल्कि निगम अधिकारियों पर पार्षदों द्वारा फेंके गये बाउंसरों को भी फ्रंटफुट पर आकर खेला। पार्षदों ने नगर निगम अधिकारियों पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया। कई बार ऐसा लगा कि हंगामे के कारण नगर निगम की बैठक स्थगित हो सकती है। ऐसी परिस्थिति में भी धैर्य का परिचय देते हुए विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बैठक को कुशलतापूर्वक संपन्न कराया।

यह बात सर्वविदित है कि डीएम से अधिक चुनौतीपूर्ण पद म्युनिसिपल कमिश्नर का है। पार्षदों को संतुष्ट करना मेढ़क तौलने जैसा है। म्युनिसिपल कमिश्नर का चार्ज संभालने के बाद से विक्रमादित्य सिंह मलिक लगातार पार्षदों के साथ बैठकें कर रह हैं। शहरवासियों की समस्याओं को सुनकर उनकी समस्याओं के निस्तारण को प्राथमिकता दे रहे हैं। मंगलवार को बोर्ड बैठक के दौरान पार्षदों ने जिन मुद्दों को उठाया म्युनिसिपल कमिश्नर ने उसका बेबाकी से जवाब दिया। लेकिन जब भी अधिकारियों पर अर्नगल और तथ्यविहीन आरोप लगाये गये तो उसका पूरजोर विरोध किया। विक्रमादित्य सिंह मलिक नगर निगम को आर्थिक रूप से स्वाबलंबी बनाने के लिए आमदनी के स्त्रोत बढ़ाने पर फोकस कर रहे हैं। विकास कार्यों में तेजी आए इसके लिए फाइलों के त्वरित निस्तारण पर जोर दे रहे हैं। बहरहाल पहली बोर्ड बैठक के जरिये विक्रमादित्य सिंह मलिक ने यह संदेश दे दिया है कि वह काम को तरजीह देंगे, लेकिन नियम कानून को लेकर किसी भी तरह की नरमी नहीं दिखाएंगे।