नगर निगम में हंगामा जमकर भिड़ंत देंखे पूरा वीडियो

हंगामे से शुरू और हंगामे से खत्म। गाजियाबाद नगर निगम की नवगठित सदन की पहली बोर्ड बैठक जबरदस्त हंगामेदार रही। इंदिरापुरम हैंडओवर  मामले से शुरू हुआ हंगामा सीवर मेंटेनेंस का काम देखने वाली कंपनी वीए टेक वाबाग के खिलाफ नारेबाजी पर जाकर खत्म हुआ।

नगर निगम के नए सदन की मंगलवार को पहली बोर्ड बैठक की शुरूआत में ही इंदिरापुरम कॉलोनी हैंडओवर को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। इंदिरापुरम स्थित वार्ड-100 के पार्षद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर न कर वहां रह रही 4.50 लाख की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पार्षद वहां पर विकास कार्य नहीं करा पा रहे हैं। जबकि 300 से अधिक अवैध कालोनियों में नगर निगम लगातार विकास कार्य करा रहा है। 1200 एकड़ में इंदिरापुरम कॉलोनी है। संजय सिंह ने कहा कि इंदिरापुरम के हम सभी पार्षद भिक्षा मांगते हैं कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर किया जाए। हैंडओवर को लेकर टेक्निकल पहलू और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का बातों को उठाते हुए नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने विरोध जताया। राजीव शर्मा ने कहा कि जीडीए ने इंदिरापुरम को बसाया है। वहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की जिम्मेदारी जीडीए की है। बिना रुपए लिए हैंडओवर की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाए। काफी देर तक दोनों पक्षों में हंगामा होता रहा और दोनों पक्ष एक दूसरे के काफी नजदीक आ गये।म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य मलिक ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की गई। इंदिरापुरम के अन्य पार्षदों ने विरोध जताया और उन पर हैंडओवर की प्रक्रिया में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया। इसके बाद हंगामा तेज हो गया। करीब 15 मिनट तक दोनों पक्ष के बीच जमकर बहस हुई। मेयर सुनीता दयाल ने कि हैंडओवर की प्रक्रिया को नियम के तहत आगे बढ़ाया जाएगा, वहां पर जीडीए को विकास कार्य कराने होंगे। हालांकि, अब नगर निगम द्वारा पार्षदों को विकास कार्य के लिए जो कोटा दिया जाएगा, उस कोटे 30-30 लाख रुपए के इंदिरापुरम के पांच पार्षदों को कार्य के लिए दिया जाएगा। जिससे वहां पर वह विकास कार्य करा सकेंगे। पार्षद प्रवीण चौधरी ने कहा कि इंदिरापुरम में जरूरी कार्य होने चाहिए। पार्षद आदिल मलिक ने सभी वार्डों में समान कार्य की मांग की गई।

 

वीए टेक वाबाग कंपनी द्वारा एक बड़ा भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। जिसे खत्म किया जाएगा। मेयर ने कूड़ा उठाने वाली कंपनी नेचर ग्रीन के खिलाफ भी कड़े शब्दों का प्रयोग किया। बैठक के अंत में मेयर ने बीएटेक वागबाग और कूड़ा उठाने वाली कंपनी नेचर ग्रीन का मुद्दा उठाया। वाबाग गो बैक का नारा लगाते लगाते पार्षद हंगामा करने लगे। मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि वाबाग का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कराने के लिए विधायकों के माध्यम से सदन में इस मामले को भी उठवाएंगी। सीवर समस्या शहर की सबसे गंभीर समस्या है। सीवर मेंटीनेंस का बुरा हाल है। कंपनी काम के नाम पर खानापूर्ति कर रही है और करोड़ों रुपये हजम कर रही है।