लॉजिस्टिक पार्क से यमुना सिटी को मिलेगी नई पहचान 1040 करोड़ की योजना की डीपीआर को मिली स्वीकृति यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में जल्द रफ्तार पकड़ेगा महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट

यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से लॉजिस्टिक पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिलने से यह प्रोजेक्ट जल्द रफ्तार पकड़ता नजर आएगा। बोर्ड बैठक से स्वीकृत डीपीआर को अब शासन को भेजा जाना है। शासन के रूख के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1040 करोड़ रुपए है। लॉजिस्टिक पार्क विकसित होने से यमुना प्राधिकरण को नई पहचान मिल सकेगी।

ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे लॉजिस्टिक पार्क को धरातल पर उतारने की दिशा में तेजी से प्रयास चल रही हैं। इसी क्रम में महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है। यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से लॉजिस्टिक पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिलने से यह प्रोजेक्ट जल्द रफ्तार पकड़ता नजर आएगा। बोर्ड बैठक से स्वीकृत डीपीआर को अब शासन को भेजा जाना है। शासन के रूख के बाद अगला कदम उठाया जाएगा। इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 1040 करोड़ रुपए है। लॉजिस्टिक पार्क विकसित होने से यमुना प्राधिकरण को नई पहचान मिल सकेगी। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन के लिए काफी समय से प्रयास किए जा रहे हैं। यमुना प्राधिकरण ने लॉजिस्टिक पार्क की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी डीलाइट कंपनी को सौंपी थी। इस कंपनी ने डीपीआर तैयार कर प्राधिकरण को सौंप दी थी। डीपीआर को बोर्ड बैठक में रखा गया। बोर्ड बैठक में विचार-विमर्श के बाद डीपीआर को मंजूरी दे दी गई।

टप्पल में 160 हेक्टेयर में बनेगा लॉजिस्टिक पार्क
यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे टप्पल में 160 हेक्टेयर में लॉजिस्टिक पार्क प्रोजेक्ट बनाया जाना है। पीपीपी मॉडल पर यह प्रोजेक्ट होगा। प्रोजेक्ट पर 1040 करोड़ करोड़ रुपए की लागत आएगी। यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक से डीपीआर को हरी ­ांडी मिलने के बाद अब शासन को डीपीआर भेजी जाएगी। शासन स्तर से निर्णय होने के उपरांत आगामी कार्रवाई हो सकेगी। लॉजिस्टिक पार्क की विशेषता भी अलग होती है। यह खाद्य वस्तुओं को स्टोर करने का एडवांस सिस्टम है। इस पार्क में कोड स्टोरेज और दूसरे सुविधाएं होती हैं। इन सुविधाओं की मदद से देशभर से लाए माल कोवहां स्टोर किया जा सकता है। वह खराब नहीं होता है। जिसके बाद समय आने पर जरूरत के अनुरूप लोकल लेवल पर इस माल की आपूर्ति की जाती है।

11104 हेक्टेयर में टप्पल-बाजना नगरीय केंद्र का भी होगा विकास
यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 11104 हेक्टेयर में टप्पल-बाजना नगरीय केंद्र भी विकसित किया जाना है। यह यमुना प्राधिकरण के दूसरे चरण में प्रस्तावित है। उत्तर प्रदेश सरकार से इसका मास्टर प्लान मंजूर हो चुका है। इसी क्षेत्र में लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाना है। जिस भूमि पर लॉजिस्टिक पार्क विकसित होना था, वह भूमि टप्पल नगर पंचायत में चली गई। अलीगढ़ के टप्पल नगर पंचायत में टप्पल, नूरपुर, उदयपुर, मेवा नगला और मिल्क की पूरी भूमि आरक्षित की जा चुकी है। उधर, लॉजिस्टिक पार्क के विकसित होने से यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकेंगे। इस प्रोजेक्ट के जरिए बढ़ी संख्या में जरूरतमंदों को रोजगार मिलेगा। इसे लेकर भी आस-पास के ग्रामीणों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है।