15 हजार विद्युत उपभोक्ताओं ने जमा नहीं किया बिल

गाजियाबाद। बिजली कनेक्शन चालू होने के बाद भी जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 15 हजार से अधिक ऐसे उपभोक्ता है,जो बिजली बिल का बकाया जमा नहीं कर रहे हैं। इन उपभोक्ताओं पर विद्युत विभाग का लगभग 82 करोड़ रुपए बकाया है। विद्युत वितरण निगम अब इन उपभोक्ताओं पर शिकंजा कसने के लिए बिजली कनेक्शन काटने के साथ बकाया वसूली करेगा। विद्युत विभाग ने कुल 28 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को कभी बिल जमा न करने वालों की श्रेणी में रखा था। इन पर विभाग का करीब 86 करोड़ रुपया बकाया था। जुलाई माह में 13 हजार से अधिक उपभोक्ताओं से करीब 4 करोड़ रुपए बकाया बिजली बिल वसूला गया। बाकी 15 हजार उपभोक्ताओं से बिजली बिलों का करीब 82 करोड़ रुपए की वसूली करने के लिए अब सभी खंड अधिकारियों को अभियान चलाकर वसूली करने और कनेक्शन काटने के निर्देश दिए गए। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम के चीफ इंजीनियर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि यह ऐसे उपभोक्ता हैं, जिन्होंने चार से पांच माह पहले बिजली कनेक्शन ले लिया। मगर इसके बाद उन्होंने कभी बिजली का बिल जमा नहीं किया। इनके खिलाफ  अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। जुलाई माह में 13 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने अपना बिजली बिल का बकाया जमा किया। सौभाग्य योजना के उपभोक्ताओं पर करीब 10 करोड़ बकाया है। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के घर रोशन करने के लिए प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत जिले में 20,459 लोगों को विद्युत कनेक्शन दिए गए थे। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को एक व दो किलोवाट के कनेक्शन, मीटर, होल्डर और एलईडी बल्ब दिया गया। बीपीएल कार्डधारकों को नि:शुल्क और एपीएल कार्डधारकों को 12 किस्तों में बिजली की राशि जमा करनी थी। चीफ इंजीनियर ने बताया कि सौभाग्य योजना के तहत कनेक्शन लेने वाले 8,278 उपभोक्ताओं पर विभाग का 9.80 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसकी वसूली करने के लिए अब अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल में लगे लाकडाउन के बाद शहर के ऐसे 500 से अधिक विद्युत उपभोक्ता है। जिनके अभी तक बिल नहीं बन सके हैं। ऐसे उपभोक्ताओं के प्रतिष्ठान बंद चल रहे हैं। तीन माह से अधिक बकाया बिल होने के बाद अब बिजली बिल जमा नहीं करने पर इनके कनेक्शन काटे जा रहे हैं। इसके अलावा वसूली के लिए विभाग की ओर से अभियान चल रहा है। सौभाग्य योजना के लाभार्थियों से भी अभियान चलाकर बकाया वसूली की जा रही है।