आईटीएस मोहन नगर में एमसीए पाठ्यक्रम के 26वें बैच का शुभारम्भ

-वर्तमान परिदृष्य में अपना लक्ष्य निर्धारित कर पूर्ण मनोयोग प्रयास करें छात्र: अर्पित चढ्ढा

गाजियाबाद। मोहन नगर स्थित इन्स्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइन्स (आईटीएस) परिसर में एमसीए पाठ्यक्रम के 26वें बैच का उद्घाटन समारोह सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल मलिक मुख्य अतिथि के रूप में कैप्टन फेलिक्स मोहन एवं डॉ बुरूजिन भरूचा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थे।
उद्घाटन सत्र का औपचारिक शुभारम्भ आईटीएस समूह के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा, मुख्य अतिथि, मुख्य वक्ता, आईटी विभाग के निदेशक डा सुनील कुमार पाण्डेय, स्नातक परिसर की उप प्रधानाध्यपिका प्रो नैनसी शर्मा, तथा एमसीए पाठ्यक्रम की सहसंयोजिका प्रो स्मिता कंसल ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलन से किया। आईटीएस समूह के वाइस चेयरमैन अर्पित चढ्ढा ने नवप्रवेशी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिदृष्य में छात्रों को अपना लक्ष्य निर्धारित कर पूर्ण मनोयोग से उसके लिए सतत् प्रयास करते रहने की आवश्यकता है।

आईटी विभाग के निदेशक डा सुनील पाण्डेय ने कहा कि आज जब सम्पूर्ण विश्व सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की चारो तरफ केन्द्रित हो रहा है, भविष्य में रोजगार की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने छात्रों को अपने आपको आवश्यकताओं को समझते हुए अपने आपको तकनीकी एवं व्यक्तिगत रूप से अवसरों के दोहन के लिए तैयार रहने एवं सफल होने की शुभकामनाएं दी।

मुख्य अतिथि के रूप में अपने संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल मलिक ने सूचना प्रौद्योगिकी के विकास पर चर्चा करते हुए गत दशकों में चरणबद्ध रूप में परिवर्तनों एवं नवीन तकनीकों के विकास पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने संबोधन में कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ सामयिक रूप से प्रयोगी कौशल एवं तकनीकों को समझने एवं निपुणता विकसित करने की अत्यन्त आवश्यकता है। मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कैप्टन फैलिक्स मोहन ने कहा कि वर्तमान परिदृष्य में छात्रों को तकनीकी दक्षता एवं वैयक्तिक गुणों के सही संतुलन के साथ अपने आप को तैयार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने आईटी के क्षेत्र में वैश्विक चुनौतियों एवं अवसरों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अपने सम्बोधन में छात्रों को सैधान्तिक अध्ययन के अनुप्रयोगों पर विशेष रूप से प्रयास करने एवं नवीन तकनीकों को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज वर्चुअल रियलिटी, बिग डाटा, रोबोटिक्स, मोबाइल अनुप्रयोग इत्यादि ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें रोजगार एवं स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं जिनके द्वारा अपने लक्ष्य की प्राप्ति बहुत संभव है। आवश्यकता इस बात की है कि उसके लिए पूरे मन से प्रयास किया जाये। उन्होंने छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।

डॉ बुर्जिन भरूचा, सलाहकार ई एंड वाई ने नव प्रवेशी छात्रों को स्पंज की तरह बनने की सलाह दी जो सब कुछ सोख लेता है। एक विद्यार्थी को भी सब कुछ सीखना चाहिये। उन्होंने कहा जीवन गन्तव्य नहीं एक यात्रा है और हमें हमेशा चलते रहना है। इसलिये हर दिन को जिन्दगी का पहला दिन समझ कर पूरे उत्साह व प्रसन्नमन से काम करना चाहिये। उन्होंने सतत् केन्द्रित प्रयास, दृढ़ता से अपने जीवन के लक्ष्य को निर्धारित कर उसे प्राप्त करने के लिये पूरे मनोयोग से जुडऩे एवं प्रयास करने पर बल दिया। इसके पूर्व एमसीए पाठ्यक्रम के संकाय सदस्य प्रो वरुण अरोरा ने अतिथियों एवं नवप्रवेशी छात्रों का स्वागत करते हुए एमसीए पाठ्यक्रम एवं संस्था में उपलब्ध संसाधनों, सुविधाओं के बारे में अवगत कराया।