एडीएम शैलेंद्र सिंह बने यमुना प्राधिकरण के ओएसडी

तेज-तर्रार पीसीएस अधिकारी के तौर पर बनाई है पहचान

गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद के अपर जिलाधिकारी (नगर) शैलेंद्र सिंह अब यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) में विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) की जिम्मेदारी संभालेंगे। उत्तर प्रदेश शासन ने शैलेंद्र सिंह का तबादला कर दिया है। उन्हें यमुना प्राधिकरण का ओएसडी बनाया गया है। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी सिंह की कार्यशैली काफी अच्छी है। गाजियाबाद में कोरोना काल में उन्होंने महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन किया था।

कोरोना संक्रमण से उबरने के बाद वह पुन: मोर्चे पर आ डटे थे। विषम परिस्थितियों में सही एवं प्रभावी निर्णय लेने में भी वह माहिर हैं। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी शैलेंद्र सिंह ने फरवरी 2019 में गाजियाबाद जनपद में अपर जिलाधिकारी (नगर) का कार्यभार संभाला था। उप्र शासन द्वारा सौंपी गई जिम्मेदारी का उन्होंने बखूबी निर्वहन किया। गाजियाबाद में उन्होंने 3 पूर्व जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी, अजय शंकर पांडेय और वर्तमान जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के साथ कार्य किया। यमुना प्राधिकरण में ओएसडी तैनात किए गए शैलेंद्र सिंह का गाजियाबाद में लगभग 3 साल का कार्यकाल उत्तम रहा है। इन्होंने किसान आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से चलाए जाने में जहां महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई, वहीं सीएए के विरोध में आंदोलन को आक्रामक नहीं होने दिया था।

मुरादनगर में अंत्येष्टि स्थल हादसा रहा हो या फिर कोई भी धरना-प्रदर्शन, एडीएम सिटी के तौर पर शैलेंद्र सिंह ने शांति एवं कानून व्यवस्था को कभी बिगड़ने नहीं दिया। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी शैलेंद्र सिंह व्यवहार कुशल एवं मिलनसार अधिकारी होने के कारण फरियादियों की समस्याओं को सुनने के बाद उनका निस्तारण कराने में हर पल प्रयासरत रहे। खुद तत्कालीन जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय भी अपना तबादला होने से पहले इन्हें यहीं पर तैनात रहने तक की शासन में सिफारिश कर चुके थे। शैलेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन का मामला हो अथवा भूमि अधिग्रहण से लेकर किसानों के मुआवजा संबंधी मामले, सभी में किसानों को इनका पूरा समर्थन मिलता रहा है।