शराब माफिया पर अंकुश लगाने को प्रशासन ने कसी कमर

-शराब माफिया को चिन्हित कर कार्रवाई के डीएम ने दिए निर्देश

-दो चेक पोस्टों पर आबकारी, पुलिस समेत 24 की तैनाती

-तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए 7 टीमों का गठन

गाजियाबाद। जनपद में शराब माफिया पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन ने नए कदम उठाए हैं। इसके चलते तहसीलवार टास्क फोर्स का गठन किया गया है। सभी उप-जिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारियों को शराब माफिया को चिन्हित कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही अवैध शराब के कारोबारियों के विरूद्ध पंजीकृत सभी मामलों की सूची संयुक्त निदेशक अभियोजन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय ने तहसीलदार टास्क फोर्स का गठन किया है। जिसमें उप-जिलाधिककारी एवं क्षेत्राधिकारी (पुलिस) को शराब माफियाओं को चिन्हित कराकर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है। उप-जिलाधिकारी एवं क्षेत्राधिकारी (पुलिस) प्रति सप्ताह ग्राम चौकीदार एवं संबधित थाना प्रभारियों के साथ बैठक करके अवैध शराब तस्करों के बारे में जानकारी एकत्रित करेंगे। थाना प्रभारी एवं आबकारी निरीक्षक द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है और क्या की गई हैै, इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए है। सभी थाना प्रभारी, आबकारी निरीक्षक एवं ग्राम चौकीदार से इस बार का प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे की उनके क्षेत्र में अवैध शराब का कारोबार करने वाला कोई भी तस्कर सक्रिय नही है। अगर है तो उसका पूरा विवरण प्राप्त करेंगे और पुलिस एवं आबकारी विभाग संबधित तस्करों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करेंगे। जिलाधिकारी ने उप-जिलाधिकारी की अध्यक्षता में साप्ताहिक समीक्षा के लिए तहसील सदर में सोमवार, लोनी में बुधवार एवं तहसील मोदीनगर में शुक्रवार के दिन समीक्षा करने के निर्देश दिए है। प्रमाण पत्र में शून्य सूचना देने के बाद भी अगर कोई मामला संज्ञान में आता है तो संबधित थाना प्रभारी एवं आबकारी निरीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला आबकारी अधिकारी अवैध शराब का कारोबार करने वालों के खिलाफ सभी मामलों की सूची संयुक्त निदेशक, अभियोजन को उपलब्ध कराएगें। संयुक्त निदेशक अभियोजन प्रत्येक मामले की समीक्षा करते हुए उन कारणों को बताएगें, जिनके चलते शराब तस्कर जमानत कराने में सफल रहें है या दोषमुक्त हो गये है। जमानत निरस्तीकरण एवं दोषमुक्ति के मामले में अपीलीय न्यायलय में अपील दायर करने की पूरी कार्रवाई संयुक्त निदेशक अभियोजन की होगी। जिला आबकारी अधिकारी को संसाधनों के संबध में निर्देश दिए गये है कि उन्हें प्रवर्तन के लिए जब संसाधनों की जरूरत हो तो तत्काल अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) एवं पुलिस विभाग की ओर से नामित नोडल अधिकारी से संपर्क करे। नोडल अधिकारी को निर्देशित किया है कि वह तत्काल वांछित संसाधन उपलब्ध कराएगें। ग्रामीण क्षेत्र के जिन ग्रामों में अवैध शराब के धंधों की शिकायत है, उन ग्रामों में ग्राम प्रधान, चौकीदार एवं थाना प्रभारी तथा आबकारी निरीक्षक के साथ बैठक जिला आबकारी के साथ बैठक करेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि 1 जनवरी से 22 मार्च तक कुल 2025 स्थलों पर दबिश की कार्र्रवाई की जा चुकी है। दबिश के दौरान अवैध कच्ची शराब के 6 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें कुल 410 लीटर कच्ची शराब बरामद किया गया है। इसके अलावा देशी शराब के 10 मुकदमे दर्ज है और 119.24 लीटर देशी शराब बरामद किया गया है। अग्रेजी शराब तस्करी में 47 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 2036 लीटर अवैध अग्रेजी शराब बरामद किया गया। अवैध शराब के निर्माणए परिवहन, विकी के 63 मुकदमें दर्ज है, जिसमें 2569. 62 लीटर अवैध शराब बरामद किया गया। अवैध शराब का परिवहन करते हुए 8 वाहनों को आबकारी अधिनियम के तहत धारा 72 के तहत जब्तीकरण की कार्रवार्ई की गई है। होली पर्व एवं पंचायत चुनाव को लेकर दुहाई एवं डासना पर चेकपोस्ट बनाए गये है। जो कि 24 घंटे संचलित होगें। दोनों चेकपोस्टों पर 4 आबकारी निरीक्षक, दो पुलिस उप निरीक्षक, 6 प्रधान आबकारी सिपाही और 12 आबकारी सिपाहियों को तैनात किया गया है। अवैध शराब की बिक्री, निर्र्माण, परिवहन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उप-जिलाधिकारी, सिटी मजिस्टे्रट, अपर सिटी मजिस्टे्रट, क्षेत्राधिकारी पुलिस, आबकारी निरीक्षक व संबधित थानाध्यक्ष समेत 7 टीमों का गठन किया गया है।