3 वर्षों से पदोन्नति न होने से श्रम विभाग के कर्मचारियों में रोष

गाजियाबाद। श्रम विभाग कार्यालय में तैनात कर्मचारियों में पदोन्नति न होने से आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं। सोमवार को श्रम विभाग कर्मचारी संघ, शाखा-गाजियाबाद के बैनर तले एकत्र होकर श्रम विभाग कार्यालय में कर्मचारियों ने मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। वहीं मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन सहायक श्रमायुक्त वीरेन्द्र कुमार को दिया। ज्ञापन के माध्यम से बताया कि मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव के निर्देशों के बाद भी श्रम विभाग व श्रमायुक्त, कानपुर प्रधान सहायक से प्रशासनिक अधिकारी व श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर पदोन्नतियां नहीं की गई।

जिसके कारण प्रदेश के सभी श्रम विभाग के कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। श्रम विभाग कर्मचारी संघ पिछले कई वर्षों से यह मांग उठा रहे है, मगर इसके बाद भी उनके सेवाहितों की अनदेखी की जा रही है। श्रम विभाग के हितकारी संवर्ग (मृत संवर्ग) के पदोन्नति वाले रिक्त 25 प्रतिशत (80 पद) श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पदों को लिपिकीय संवर्ग में समाहित किया जाए तथा प्रधान सहायक से श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर 05 वर्ष की आवश्यक सेवा की बाध्यता को 01 वर्ष किया जाए किन्तु शासन द्वारा नियमावली में संशोधन नहीं कराया जा रहा है जो कि विगत 10 वर्षो से लम्बित है। श्रम विभाग उप्र शासन व श्रमायुक्त उप्र कानपुर की शिथिल प्रक्रिया के कारण कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। पदोन्नति संबंधी मांग शीघ्र पूरी न होने पर अब 27 अक्टूबर को श्रमायुक्त, उत्तर प्रदेश कानपुर कार्यालय में विशाल धरना प्रदर्शन व ज्ञापन दिया जाएगा।

श्रम विभाग के कर्मचारियों द्वारा संघ के माध्यम से अपनी उचित मांगों समय रहते श्रमायुक्त उ.प्र. व श्रम विभाग उप्र शासन को अवगत कराते रहे हैं, किन्तु कर्मचारियों की उक्त मांगों को बिना गहराई से लेते हुए विगत 3 वर्षों से न तो पदोन्नतियां ही की जा रही हैं और न ही नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। जबकि नियमावली संशोधन में समस्त कर्मचारियों के साथ-साथ अधिकारी संवर्ग के हित भी निहित हैं। ज्ञापन देने वालों में मंत्री अकुंर शर्मा, अध्यक्ष रागनी अग्रवाल, उपाध्यक्ष राधेलाल, सदस्य वीरेन्द्र कुमार, रेहान अख्तर, अमित, राकेश कुमार, अरुण शर्मा, पवन, रवि, मिनाक्षी समेत आदि सदस्य मौजूद रहे।