अतुल गर्ग का टिकट कटेगा या होगा कंफर्म, लोनी से अनिल कसाना प्रबल दावेदार, गाजियाबाद के मौजूदा विधायकों की लग सकती है लॉटरी

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। जनपद गाजियाबाद में विधान सभा चुनाव की हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी (सपा) एवं रालोद गठबंधन ने ब्रहस्पतिवार को 3-3 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी। जबकि भाजपा के प्रत्याशियों की प्रथम लिस्ट की घोषणा को लेकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मैराथन बैठकें हो चुकी हैं। संभावना जताई जा रही है कि अगले 2 दिन में भाजपा भी गाजियाबाद-नोएडा, हापुड़ और मेरठ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रथम एवं द्वितीय चरण में होने वाले चुनाव के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर देगी। गाजियाबाद जिले में विधान सभा की 5 सीट हैं। इनमें किसे टिकट मिलेगा और किसका टिकट बचेगा, इसे लेकर चर्चाओं एवं अटकलों का बाजार इन दिनों काफी गर्म है।

स्वामी प्रसाद मौर्य प्रकरण के बाद बदले समीकरण
पुष्ट रूप से तो अभी कोई कुछ नहीं कह पा रहा है, लेकिन इन चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थक विधायकों के जाने के कारण गाजियाबाद के मौजूदा भाजपा विधायकों की लॉटरी लग गई है। भाजपा से जुड़े सूत्र बताते हैं कि भाजपा में अब इस बात पर जोर दिया जा रहा है कि जो सीटिंग उम्मीदवार हैं, उनके टिकट ना काटे जाएं। सिर्फ उन्हीं विधायकों के टिकट काटे जाएं, जिनके खिलाफ जनता का रूख अच्छा नहीं है और एंटी इनकंबेंसी का खतरा अधिक है। लोनी में अनिल कसाना को भाजपा की तरफ से टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अभी तक चर्चा यह चल रही थी कि गाजियाबाद के 5 सीटिंग विधायकों में से अधिकांश का टिकट कट जाएगा, मगर बदले हालात ने इन विधायकों के पक्ष को मजबूत किया है। हालांकि एक चर्चा यह भी है कि भाजपा में प्रत्याशी का वोट बैंक नहीं होता है बल्कि यहां संगठन का वोट बैंक काम करता है। ऐसे में किसी मौजूदा विधायक का टिकट कटता है तो उससे कोई बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ना है।

इनके टिकट कटने की थी चर्चाएं
ऐसे में यदि मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा जाता है तो यह पार्टी के लिए अधिक फायदेमंद रहेगा। इसी पर फोकस भी किया जा रहा था और पार्टी पदाधिकारियों के साथ-साथ राजनीति के जानकार भी यह चर्चा कर रहे थे कि साहिबाबाद से विधायक सुनील शर्मा, लोनी से नंदकिशोर गुर्जर, मुरादनगर से अजीत पाल त्यागी और मोदीनगर से डॉ. मंजू शिवाच का टिकट कट सकता है। गाजियाबाद शहर विधान सभा क्षेत्र में मौजूदा विधायक एवं मंत्री अतुल गर्ग के खिलाफ जबरदस्त जनाक्रोश है, लेकिन अतुल गर्ग की संगठन में पकड़ अच्छी मानी जाती है और भाजपा के बड़े नेताओं से भी उनके अच्छे ताल्लुकात बताए जाते हैं। चर्चा है कि कई बड़े नेता भी अतुल गर्ग के पक्ष में लॉबिंग कर सकते हैं। ऐसे में यह चर्चाएं तेज हो गई और अतुल गर्ग पक्ष के लोगों ने भी यह संकेत दिया कि वह मुरादनगर विधान सभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। नंदकिशोर गुर्जर को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं में भी विरोध के स्वर उठ रहे थे।

लोनी से अनिल कसाना दौड़ में बरकरार
किसान आंदोलन के दौरान और पूर्व में नंदकिशोर गुर्जर के रवैया को लेकर उनके टिकट पर सबसे ज्यादा खतरा मंडरा रहा था। लोनी से पूर्व विधायक मदन भैया के भी चुनाव लड़ने की बात सामने आई थी। ऐसे में यह चर्चाएं तेज हो गई थीं कि नंदकिशोर गुर्जर के स्थान पर अनिल कसाना को भाजपा अपना उम्मीदवार बनाएगी। अनिल कसाना का नाम अभी भी लोनी क्षेत्र से टिकट के मजबूत दावेदारों के रूप में चल रहा है। अनिल कसाना के अलावा ईश्वर मावी, पवन मावी, विनोद बंसल सहित कई और लोग टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। साहिबाबाद विधान सभा क्षेत्र से ईडी के रिटायर्ड अधिकारी राजेश्वर सिंह को टिकट दिए जाने की चर्चाएं जोरों पर हैं। इस विधान सभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक सुनील शर्मा का टिकट कटने की बात कही जा रही है। मुरादनगर से अजीत पाल त्यागी का टिकट काटकर उनके स्थान पर जनता दल (यू) के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी के बेटे अमरीश त्यागी को टिकट दिए जाने की चर्चाएं जोरों पर चल रही हैं।

अमरीश त्यागी भी चर्चाओं में
अरमरीश त्यागी ने कुछ दिन पहले ही भाजपा ज्वाइन की है। लेकिन हालिया घटनाक्रम ने अब कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं। संभव है कि भाजपा में टिकट वितरण को लेकर अंतिम फैसले में अब नए तरीके से नामों की घोषणा की जाए। सूत्र बताते हैं कि स्वामी प्रसाद मौर्या प्रकरण के कारण गाजियाबाद के कई विधायक जिनका टिकट कटना कंफर्म था, उनकी लॉटरी लग सकती है। चर्चा यह भी है कि ईडी के रिटायर्ड अधिकारी एवं भाजपा ज्वाइन कर चुके राजेश्वर सिंह को साहिबाबाद की बजाय धौलाना से चुनाव लड़ाया जाए। धौलाना विधान सभा सीट पर धर्मेश तोमर, वाईपी सिंह व पूर्व सांसद डॉ. रमेश चंद तोमर सहित कई दावेदार हैं, लेकिन इन दावेदारों में आपसी टांग खिंचाई भी जबरदस्त है। ऐसे में यह चर्चा चली कि धौलाना से इन तीनों के बजाय किसी और को चुनाव लड़ाया जाए तो स्थिति बेहतर होगी। लोनी से नंदकिशोर गुर्जर का टिकट कटता है तो अनिल कसाना बाजी मार सकते हैं, लेकिन हालिया घटनाक्रम नंदकिशोर गुर्जर के पक्ष में नजर आ रहा है।

भाजपा का मजबूत गढ़ है गाजियाबाद
शहर विधायक एवं मंत्री अतुल गर्ग यदि अपनी रणनीति में असफल होते हैं तो गाजियाबाद से संगठन से जुड़े किसी कार्यकर्ता को टिकट मिल सकता है। साहिबाबाद से संभव है कि सुनील शर्मा अपना टिकट बचा लें। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि पार्टी के लोग भी चाह रहे हैं कि किसी बाहरी को टिकट मिले, इससे बेहतर है कि सुनील शर्मा को ही टिकट मिल जाए। हालांकि सुनील शर्मा का संगठन स्तर पर ही सबसे अधिक विरोध है। बहरहाल भाजपा के प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होने में अधिक समय नहीं बचा है। ऐसे में भाजपा किन-किन नेताओं को गाजियाबाद से टिकट देती है, यह देखना काफी दिलचस्प होगा। दिल्ली से सटा गाजियाबाद भाजपा का मजबूत गढ़ है। यहां किसी प्रत्याशी का अपना कोई वोट बैंक नहीं है, लेकिन पार्टी यह भी चाह रही है कि कहीं भी किसी स्तर पर चूक ना हो।