आईआईए की बैठक में मंथन: प्रदूषण भी होगा कम और उद्योग भी नही होगा प्रभावित

-एनजीटी व सीएक्यूएम के आदेशों व नियमों के बारे में आईआईए ने किया उद्यमियों को जागरूक
-सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के दृष्टिगत प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड को दिए सुझाव

गाजियाबाद। इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) गाजियाबाद चैप्टर द्वारा शुक्रवार को संजय नगर होटल फार्च्यून इन गाजियाबाद में एक जनरल बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में एनसीआर एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबन्धन के लिए आयोग के आदेशों एवं नियमों के बारे उद्यमियों को जागरूक किया गया। मुख्य अतिथि प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने आयोग के आदेशों एवं नियमों के बारे में उद्यमियों को जागरूक किया। बैठक में संजय अग्रवाल सचिव, आईआईए गाजियाबाद चैप्टर द्वारा सभी उद्यमियों एवं अधिकारियों का स्वागत किया। आईआईए गाजियाबाद चैप्टर के चेयरमैन राकेश अनेजा ने गाजियाबाद चैप्टर के उद्यमियों की समस्याओं से उत्सव शर्मा को अवगत कराया। उन्होनें राजस्व को बढ़ाए जाने एवं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम-एमएसएमई वर्ग को बढ़ावा दिए जाने के उददेश्य से सहमति प्राप्त किए जाने के लिए समाधान योजना संचालित किए जाने, वायु एवं जल सहमति निर्गत करने के सापेक्ष वार्षिक वसूल की जाने वाली फीस में लेखा परीक्षित बैलेंस सीट के अनुसार फार्मूला (अचल सम्पत्ति$, वर्तमान सम्पत्ति-वर्तमान देयताऐं) के अन्तर्गत वर्तमान देयताऐं में औद्योगिक ऋण को सम्मलित कराए जाने इकाई मैसर्स प्लास्टो केम, भूखण्ड सं0-सी-215, बीएस रोड, औद्योगिक क्षेत्र, गाजियाबाद पर पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति के सापेक्ष में अधिरोपित धनराशि का समाप्त किए जाने अनापत्ति, सहमति प्राप्त किए जाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया एवं फीस तथा आवश्यक प्रपत्रों की जानकारी दिए जाने के लिए क्षेत्रवार शिविर लगाने का अनुरोध किया।

मनोज कुमार, चेयरमैन, पीएनजी एवं एंवायरमेंट समिति, आईआईए ने बताया कि एनसीआर में जेनसेट औसतन 25-35 घण्टे प्रतिमाह के अनुसार उद्योगों में उपयोग में लाए जाते है, क्योंकि यहाँ पर उद्योगों में जेनसेट को स्टेंड बाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। जेनसेट से मिलने वाली बिजली व ग्रीड से मिलने वाली बिजली से लगभग 25-30 रूपये प्रति यूनिट महंगी होती है। प्रदीप कुमार गुप्ता, राष्ट्रीय सचिव, आईआईए ने बताया कि व्हाइट एवं ग्रीन श्रेणी की औद्योगिक इकाईयों को उ0प्र0 प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड द्वारा कंसेंट टू ऑपरेट की श्रेणी से अवमुक्त रखा गया है। मगर निरीक्षण के दौरान निरीक्षण दल द्वारा कंसेंट टू ऑपरेट प्रमाण पत्र की मांग की जाती है। साथ ही पिछले वर्ष ग्रेप की अवधि के दौरान संज्ञान में आया था कि निरीक्षण दल के निरीक्षण में काफी अव्यवस्था फैली थी, साथ ही साथ कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा निरीक्षण के नाम पर उद्यमियों का मानसिक व आर्थिक शोषण किया गया था।

आईआईए के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में लगभग 4 लाख से अधिक औद्योगिक इकाईयां संचालित हैं। उदाहरणत: जनपद गाजियाबाद में 28 हजार से अधिक एमएसएमई संचालित हैं, जिनमें लगभग 850 औद्योगिक इकाईयों को पिछले कई वर्षों में पीएनजी की आपूर्ति प्रदान की गई है। लगभग 40 गुणा औद्योगिक इकाईयों को 20 दिन में पीएनजी की आपूर्ति पूर्ण इन्फ्रास्ट्रेक्चर के साथ सम्भव नहीं है एवं न ही इकाईयों के अनुरूप गैस की उपलब्धता है। वर्तमान स्थिति यह है कि अनुबन्ध होने के उपरान्त 6 से 9 माह पीएनजी की आपूर्ति में लग रहे हैं। अनुरोध है कि आयोग के आदेश कि जिन क्षेत्रों में पीएनजी इन्फ्रास्ट्रेक्चर उपलब्ध है, उद्योगों एवं डीजल आधारित जेनसेटों को पीएनजी में परिवर्तित किए जाने की अन्तिम तिथि 30 सितम्बर तथा जिन क्षेत्रों में पीएनजी इन्फ्रास्ट्रेक्चर उपलब्ध नहीं है, उद्योगों एवं डीजल आधारित जेनसेटों को पीएनजी में परिवर्तित किए जाने की अन्तिम तिथि 31 दिसम्बर निर्धारित की गई है।

जिसे कम से कम दो वर्षों के लिए बढाया जाए। उत्सव शर्मा ने बैठक के दौरान आश्वस्त किया कि आईआईए द्वारा प्रस्तुत किए गये बिन्दुओं पर प्राथमिकता पर कार्यवाही की जायेगी। बैठक में संजय गर्ग, कोषाध्यक्ष, राजीव गोयल, यश जुनेजा, अनिल कपूर, संजय बंसल, अरूण गुप्ता, संदीप गुप्ता, अमरिक सिंह, हर्ष अग्रवाल, अजय पटेल, ब्रिजेश गर्ग, सीएस स्वरूप, अमित बंसल, पीयूष गोयल, मनीष मदान, चैतन्य शाह, सुरेश जैन, प्रशांक गुप्ता, पारस बाटला, सुरेश अग्रवाल, वरूण बंसल, रोहित गर्ग, राकेश तलवर, जितेन्द्र गोयल, रमन मिगलानी, डी.के. अग्रवाल, नवनीत मलिक, शिवम मौर्या, कैप्टन गोपाल, अनिल गोयल, जितेन्द्र चौहान इत्यादि सहित विभिन्न उद्यमियों ने प्रतिभाग किया।