पराली, फसलों के अपशिष्ट जलाने पर लगेगा 15 हजार का जुर्माना: राकेश कुमार सिंह

-पराली से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन ने कसी कमर

गाजियाबाद। वायु प्रदूषण में धान की पराली और अन्य फसलों के अपशिष्ट को जलाने से भी जहर घोलने का काम करती है। ऐसे में पराली जलाने के मामले अब धान की कटाई होने पर बढ़ेंगे। इसके मद्देनजर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मोदीनगर, मुरादनगर, लोनी, सदर तहसील क्षेत्र में एसडीएम, खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार, कृषि अधिकारी,जिला गन्ना अधिकारी एवं संबंधित क्षेत्र के सहायक पुलिस आयुक्त को शामिल करते हुए सचल दस्ते का गठन किया हैं। एसडीएम के नेतृत्व में गठित किए गए यह सचल दस्ता फसलों की कटाई के शुरू होने के पूर्व क्रियाशील कर दिया जाए। सचल दस्ते का यह दायित्व होगा कि फसल अवशेष जलने की घटना की सूचना मिलते ही तत्काल मौके पर पहुंचकर संबंधित के विरूद्ध दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।

जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कहा कि धान की पराली व अन्य फसलों के अपशिष्ठ जलाने पर 15 हजार रुपए तक जुर्माना लगाया जाएगा। पराली जलाने की घटनाएं रोकने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। तहसीलवार सचल दस्ते गठित कर दिए गए हैं। इसमें पुलिस सहित पांच विभाग के अधिकारियों को लगाया गया है। ये अपने-अपने इलाके में भ्रमण करेंगे और पराली जलाने वालों पर नजर रखेंगे। रजापुर, लोनी, मुरादनगर और भोजपुर ब्लॉक क्षेत्र में ये सचल दस्ते बनाए हैं। इनका प्रभारी एसडीएम को बनाया गया है। जबकि टीम में ब्लॉक के खंड विकास अधिकारी, तहसीलदार, कृषि विभाग के एक अधिकारी, गन्ना अधिकारी और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) को शामिल किया गया है।जिलाधिकारी ने कहा कि जनपरद में गन्ने की पत्तियां जलाने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इसलिए गन्ना विभाग और चीनी मिलें कृषक गोष्ठियां आयोजित करके किसानों को जागरुक करें।

किसानों को बताएं कि इन पत्तियों को मिट्टी में पुन: मिलाने से क्या लाभ होते हैं। पर्यावरण क्षतिपूर्ति के अंर्तगत 2 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए 2500 रुपए, 2 एकड़ से पांच एकड़ के लिए 5000 रुपए एवं 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए 15 हजार रुपए प्रति पराली जलाने की घटना पर अर्थदंड आरोपित किया जाएगा।जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि विकास खंड स्तर पर फसल अवशेष प्रबंधन के लिए खंड विकास अधिकारी द्वारा समिति का गठन कर लिया जाए। इसकी अध्यक्षता खंड विकास अधिकारी द्वारा की जाएगी। समिति में संबंधित नायब तहसीलदार एवं संबंधित विभागों के विकास खंड स्तर के अधिकारी और सहायक विकास अधिकारी कृषि को शामिल करते हुए समिति के सभी सदस्य समन्वय स्थापित कर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे।