छठ महापर्व : छठ घाट पर दिन भर डटे रहे निगम अधिकारी, खरना के साथ शुरू 36 घंटे का निर्जला व्रत

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। आस्था के महापर्व छठ पूजा पर्व को लेकर जिले में तैयारियां पूरी हो गई है। छठ घाटों की जहां रंगाई-पुताई करने के साथ श्रद्धालुओं के लिए तैयार किए गए है। हिंडन छट घाट पर नगर निगम के अधिकारी दिन भर डटे रहे। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने हिंडन छठ घाट की तैयारियों का निरीक्षण किया। अपर नगर आयुक्त शिवपूजन यादव ने बताया कि छठ घाट पर श्रद्धालुओं को कोर्इ्र परेशानी ना हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा। हिंडन छठ घाट पर व्रतियों को नगर निगम द्वारा गंगाजल उपलब्ध कराया जाएगा।

चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, जीएम जलकल आनंद त्रिपाठी, नगर स्वास्थ अधिकारी डॉ. मिथलेश, जोनल प्रभारी सुनील राय, एग्जयूकेटिव इंजीनियर देशराज सिंह, एई एसके रायल, अनूप सिंह, जेई संजय गंगवार दिन भर छट घाट पर डटे रहे। रविवार दोपहर 12 बजे से हिंडन नदी से लेकर अन्य मार्गों पर रूट डायवर्जन लागू हो जाएगा। शनिवार को खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया। खरना में व्रतियों ने खीर और फलों का प्रसाद बनाकर अर्घ्य दिया। इसके बाद प्रसाद ग्रहण करने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास महिलाओं ने शुरू किया।

खरना पूजा में पूरे दिन व्रत रखा जाता है, इसके बाद शाम को गुड़,अरवा चावल व दूध से खीर बनाई जाती है जिसका भोग छठी मैया को लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि मां छठी एकांत व शांत रहने पर ही भोग ग्रहण करती हैं। इसके बाद सूर्यास्त का अर्घ्य देने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत भी शुरू होगा। रविवार शाम को छठ पूजा का पहला अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा और सोमवार सुबह उदयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूजा का समापन होगा। सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही व्रती प्रसाद ग्रहण करेंगी। छठ पूजा को लेकर कई मान्यताएं हैं। सूर्य स्नान बीमारियों से बचाता है और इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

खरना के दिन बड़े पैमाने पर छठ पूजन की सामग्री भी खरीदी जाती है जिसमें विशेष तौर पर बांस के सूप, टोकरी में प्रसाद की सामग्री रखी जाती है। पूजन सामग्री में लौंग, बड़ी इलायची, पान-सुपारी, अग्रपात, गड़ी-छोहड़ा, चने, मिठाई, कच्ची हल्दी, अदरख, केला, नींबू, सिंघाड़ा, सुथनी, मूली, नारियल, सिंदूर, अमरूद, शरीफा, नारियल, संतरा, अन्नास, गन्ना, तिल, साठी के चावल का चिउड़ा, चावल के लडडू, ठेकुआ शामिल कर उन्हें बांस के सूप में रखकर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानों पर दिन भर खरीददारी की गई। बाजारों में जगह-जगह पूजन सामग्रियों की दुकानें लगीं। पुराना बस अड्डा सब्जी मंडी,घंटाघर,साहिबाबाद सब्जी मंडी आदि प्रमुख बाजारों में पूजन सामग्री की दुकानें लगाई गई। पूजन सामग्री की अधिकतर खरीद खरना के दिन की जाती है।