कागजों पर नही धरातल पर हो नालों की सफाई: नगर आयुक्त

-बरसात से पूर्व शहर को जलभराव मुक्त के लिए नगर आयुक्त ने की अधिकारियों के साथ बैठक

गाजियाबाद। मानसून आने से शहर को जलभराव मुक्त करने के लिए नगर निगम ने कमर कस ली है। हालांकि हर बार मानसून से पूर्व नालों की सफाई को लेकर नगर निगम बेहद सजग है। लेकिन इस बार नगर आयुक्त ने भी पूर्व के कार्यों को लेकर सख्ती बरतना शुरु कर दिया है। नगर आयुक्त ने महेंद्र सिंह तंवर शहर को जलभराव मुक्त करने के लिए अधिकारियों के साथ मंत्रणा करते हुए सख्त निर्देश दिए कि मुझे कागजों पर नहीं बल्कि मौके पर सभी नालों की सफाई चाहिए, तभी मैं विश्वास करूंगा। किसी भी सूरत में शहर में जलभराव नहीं होना चाहिए। कहीं पर भी अगर जलभराव हुआ तो इसकी जिम्मेदारी क्षेत्रीय इंस्पेक्टर के साथ अधिकारी की भी होगी।

मानसून के दौरान भारी वर्षा से शहर में जल भराव को रोकने के लिए नगर निगम की ओर से कई तरह के उपायों पर जोर दिया जा रहा है। इसी क्रम में गुरुवार को कैंप कार्यालय पर नगर आयुक्त ने बैठक कर अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, शिवपूजन यादव, जलकल महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार आदि अधिकारियों के साथ बैठक कर जलकल एवं अन्य विभाग के अधिकारी को टीम बनाकर शहर को जलभराव से मुक्त करने की योजना बनाई गई। जिसमें सभी विभागीय अध्यक्षों को निर्देश दिए कार्यवाही करते हुए शहर को जल मुक्त रखा जाए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को विशेष निर्देश दिए कि नालों की साफ सफाई का भ्रमण कर विशेष ध्यान रखा जाए। ताकि कहीं भी जल अवरुद्ध ना हो ताकि जलभराव की स्थिति पैदा ना हो सकें। साथ ही जहां पर नालो का जल अवरुद्ध है। वहां पर तत्काल प्रभाव से सफाई व्यवस्था कराने के लिए नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मिथिलेश को निर्देश दिए। उन्होंने कहा सफाई कार्य सिर्फ कागजों तक ही सीमित न रहें, बल्कि धरातल भी काम किया जाए। नगर निगम की आन बान और शान बनाए रखने की जिम्मेदारी आपकी है। आपको उसी मूल भावना के साथ कार्य करना है।

निगम खुद अपने संसाधनों से करेगा नालों की सफाई
नालों की सफाई के लिए ठेकेदारों द्वारा टेंडर नहीं डालने की वजह से अब निगम खुद ही अपने संसाधनों से शहर के 66 बड़े नालों के अलावा छोटे-बड़े 650 सभी नालों की स्वयं ही सफाई कराएगा। निगम में दूसरी बार नालों की सफाई का टेंडर खोला गया,लेकिन एक भी ठेकेदार ने सफाई के लिए टेंडर नहीं डाला है। ठेके के लिए बड़े 66 नालों समेत शहर के 650 नालों को नगर निगम अब जून माह साफ करेगा। उम्मीद है कि प्रदेश में मानसून की दस्तक भी 20-22 जून के आसपास बताई जा रही है। ाहर में छोटे नाले-408,कुल लंबाई 1,61,401 मीटर,5 फॉसिंग मशीन,मंझले नाले-105 इनकी लंबाई-1,21,234 मीटर 20 मिनी पॉकलेन मशीन,बड़े-66 नाले,लंबाई-80,803 मीटर 24 जेसीबी मशीन समेत 66 बड़े नालों को मिलाकर कुल 650 छोटे-बड़़े नालों समेत 3,65,438 मीटर लंबाई में फैले नालों की सफाई के लिए 49 मशीनें है।

जलभराव वाले स्थान करें चिन्हित
जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित करने तथा पंप ऑपरेट के लिए महाप्रबंधक जल आनंद कुमार त्रिपाठी को नगर आयुक्त ने निर्देश दिए कि टीम सहित सर्वे कराया जाए। ताकि वर्षा ऋतु से पूर्व ही जलभराव वाले स्थानों की जानकारी प्राप्त हो सकें और कार्यवाही की जा सकें। पंप ऑपरेटर को भी 8 घंटे तीन शिफ्ट बनाकर कार्य कराने के निर्देश दिए। ताकि लगातार जलभराव मुक्ति के लिए कार्य निगम द्वारा किया जा सकें। नगर आयुक्त द्वारा पंप आपूर्ति के लिए विशेष व्यवस्था कराने के लिए भी आदेश दिए ताकि मौके पर इसी प्रकार की लापरवाही कार्य में ना दिखाई दें।

नाले अतिक्रमण व पुलिया की सफाई हो अनिवार्य
नालो को अतिक्रमण मुक्त करना तथा पुलिया की सफाई अनिवार्य जलभराव से शहर को मुक्ति दिलाने के लिए नालों की सफाई के साथ-साथ नालों के ऊपर से अतिक्रमण को भी हटाना होगा। वहां पर अवैध रूप से खड़े होने वाले फल विक्रेता, सब्जी विक्रेता व अन्य अवैध अतिक्रमण को शांतिपूर्वक हटवाया जाएगा। ताकि नालों की सफाई के बाद शहर से जल भराव को कम किया जाए और जलभराव वाले स्थानों से भरा हुआ पानी नालो के माध्यम से प्रवाहित हो जाए। जिसके लिए जोनल प्रभारियों की टीम बनाई गई। साथ ही पुलिया का भी विशेष ध्यान रखने के लिए कहा गया। ताकि नीचे अगर जल अवरुद्ध हो रहा है तो उसको भी प्रवाहित स्थिति में किया जाना सुनिश्चित करना है, ताकि किसी भी प्रकार जलभराव की स्थिति पैदा ना हो।

जनप्रतिनिधियों तथा आरडब्लूए करे सहयोग
जनप्रतिनिधियों तथा आरडब्लूए सहयोग करेगी। शहर के वार्डो में पार्षदों के साथ साथ आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों से भी जलभराव वाली स्थिति को समाप्त करने के लिए विचार विमर्श करने के लिए निगम टीम को निर्देश दिए। ताकि उनके अनुरूप मौके पर जलभराव से मुक्ति के लिए व्यवस्था बनाई जा सके और लोगों को आवागमन में सुविधा बनी रहें। नगर निगम टीम का पूर्व में भी शहर वासियों का विशेष सहयोग रहा है। इसी क्रम को बढ़ाते हुए आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों सामाजिक संस्थाओं का भी जलभराव मुक्ति के लिए सहयोग लेने के लिए निर्देशित किया गया। कमांड एंड कंट्रोल रूम से तत्काल जलभराव समस्याओं का निस्तारण होगा। नगर आयुक्त ने डॉक्टर संजीव सिन्हा मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को प्रात: 7 से 9 तक 2 घंटे के लिए कमांड एंड कंट्रोल रूम से जलभराव की शिकायतों का निस्तारण करने के निर्देश दिए। ताकि समय रहते जलभराव स्थानों से पंप व अन्य माध्यमों से शहर को जलभराव मुक्त किया जा सकें। संबंधित अधिकारियों को प्रात: भ्रमण के दौरान विशेष कार्यवाही जलभराव को लेकर करने के लिए निर्देशित किया गया।

शहर के प्रमुख नालें
हापुड़ चुंगी से हरसांव,गोविंदपुरम सी-ब्लॉक,राजनगर रेलवे क्रॉसिंग से इंग्राहम स्कूल तक।विवेकानंद नगर से मुखर्जी पार्क होते हुए साउथ साइड जीटी रोड तक।शास्त्री नगर सी-ब्लॉक से बाग वाली कॉलोनी। राजनगर सेक्टर-1 से इंडो जर्मन अस्पताल तक। गोविंदपुरम पुलिस चौकी से ई-ब्लॉक तक। दौलतपुरा पुल के नीचे से आईएमएस कॉलेज। हापुड़ रोड से चिरंजीव विहार तक। रजापुर फ्लाईओवर से चिरंजीव विहार। गुलधर इंडस्ट्रियल एरिया, संजय नगर में ट्रांजिट हॉस्टल से रामलीला ग्राउंड होते हुए एसबीआई तक। पीएसी चौक से लेकर मोती मस्जिद-हिना पब्लिक स्कूल होते हुए साईं उपवन तक।पटेल नगर से शिब्बनपुरा,पटेल मार्ग,मेरठ रोड तक। चौधरी मोड़ से दौलतपुरा फ्लाईओवर होते हुए रेलवे लाइन तक। डासना गेट से रमतेराम रोड होते हुए जस्सीपुरा मोड़ तक।