देश की महंगाई ने 24 साल में बनाया नया रिकॉर्ड: प्रदीप गुप्ता

महंगाई रोकने के लिए सरकार तत्काल उठाए ठोस कदम

गाजियाबाद। देश में महंगाई आसमान छू रही है। इस चौतरफा महंगाई ने आम लोगों की कमर तोड़ दी है। थोक महंगाई ने 24 साल के रिकॉर्ड को तोड़कर एक नया इतिहास रच दिया है। थोक कीमतों पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में बढकर 15.08 फिसदी बढ़कर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। मंहगाई यदि इसी तरह बढ़ती रही तो देश में आर्थिक अराजकता के हालात बन सकते हैं। यह बातें गुरुवार को केन्द्र सरकार को पत्र जारी करते हुए व्यापारी एकता समिति इंदिरापुरम के संयोजक प्रदीप गुप्ता ने कहीं। उन्होंने कहा तेल की कीमतें बढ़ीं तो उसके कारण देश में एक जगह से दूसरी जगह जानेवाली हर चीज की कीमत बढ़ गई। पेट्रोल, डीजल और गैस की कीमतें इतनी ज्यादा हो गई कि समाज के लगभग हर वर्ग के लोग हैरान और परेशान हैं। बसों और मेट्रो के किराए भी लगभग दुगुने हो गए हैं। रेल और हवाई किराये में भी इजाफा हो चुका है। आम आदमी की मुसीबतें ज्यादा बढ़ गई हैं। अनाज, दाल, मसालों जैसी रोजमर्रा की चीजें खरीदते वक्त उनके के पसीने छूटने लगते हैं। मध्यम वर्ग, कर्मचारी वर्ग और मेहनतकश लोगों की आमदनी तो जस की तस है लेकिन उनका खर्चा काफी बढ़ गया है।

प्रदीप गुप्ता ने बताया देश में कोरोना महामारी के बाद अर्थ तंत्र का गणित बिल्कुल बदल गया है। हालात ऐसे हो गए हैं कि कुछ लोगों को तो अपना रोजमर्रा का जीवन चलाने के लिए बैंकों से अपनी स्थायी जमा राशियों को तुड़वाना पड़ गया है। लेकिन इस देश की विडंबना देखिए जिस दौर में आम आदमी की आमदनी कम हो गई। जिस दौर में करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गई। उस दौर में भी हमारी तेल बेचनेवाली कंपनियों ने अरबों रुपए का मुनाफा कमाया है। सरकार भले ही आर्थिक तंगी का रोना रोए लेकिन जीएसटी की जरिए सरकारें भारी भरकम रकम जुटा रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है? कि जब सरकार को अच्छी खासी आमदनी हो रही है तो सरकार ने आम जनता को इधर कौन सी विशेष राहत दी है? या सरकारी खर्चे में कितनी कटौती की है? ये जानने का हक देश की जनता को है और मैं सरकार से मांग करता हूँ कि उन्हें ये जानकारी सार्वजनिक हो। जिससे देश की जनता को पता चले की सरकार ने जनता को क्या राहत दी है और सरकारी खर्चों में कितनी कटौती हुई है।

यदि थोक चीजों के दाम 15 प्रतिशत बढ़े हैं तो जऱा बाजारों में जाकर मालूम कीजिए की उनके खुदरा दाम कितने बढ़े हैं? कई चीजों के दाम दुगुने-तिगुने हो गए हैं। उन्हें रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है? इस मंहगाई ने मालदार लोगों को पहले से कहीं ज्यादा मालदार बना दिया है। और मध्यम वर्ग,गरीबों,मजदूरों की माली हालत किसी से छिपी हुई नहीं है। उन्होंने बताया महंगाई पर लगाम लगाने के मकसद से सरकार को मुनाफाखोरों और मिलावटखोरों के खिलाफ भी कड़े क़दम उठाने चाहिए। लेकिन सरकार की ओर से अब तक ऐसा कोई भी प्रयास नही किया गया है। बर्दाश्त के बाहर होती महंगाई ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। सरकार से मांग करते हुए कहा कि महंगाई से आम लोगों को निजात दिलाने के लिए तत्काल कदम उठाए जाए। जिससे देश की जनता को महंगाई से राहत मिल सकें। नहीं तो जिस जनता ने सिर माथे बिठाया है। वही सबक सिखाना भी जानती है।