कोरोना काल: प्रदेश सरकार से व्यापारियों ने की आर्थिक रियायत देने की मांग

-कोरोना मृतक के परिजनों को 10 लाख की आर्थिक मदद करें सरकार

गाजियाबाद। व्यापारी एकता समिति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने कोरोना काल में प्रभावित व्यापारियों को आर्थिक रियायत देने की मांग की है। इस संबंध में उप्र सरकार के प्रमुख सचिव, उपाध्यक्ष व्यापारी कल्याण बोर्ड उप्र और जिलाधिकारी गाजियाबाद को पत्र भेजा गया है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि उत्तर प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामले को देखकर योगी सरकार ने 30 अप्रैल से लॉक डाउन लगाने का फैसला किया। जो अब तक जारी है। इस दौरान अनिवार्य वस्तुओं के अलावा सभी तरह के कारोबार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा है। एक हफ़्ते से शुरू हुआ लॉक डाउन बढ़ते-बढ़ते 24 मई तक लागू रहेगा। 24 मई के बाद भी जारी रह सकता है। ऐसे में अब व्यापारियों को बैंक लोन की किश्तें और बिजली बिल की चिंता सताने लगी है। कारोबार बंद होने के कारण व्यापरियों की आमदनी पूरी तरह बंद है, मगर बिजली बिल, पानी बिल, जीएसटी पेमेंट, बैंक लोन की ईएमआई, स्टाफ की सैलरी का बोझ अब भी बरकरार है। कोरोना काल में मेडिकल से जुड़े खर्चें भी बढ़ गया है। इसे देखकर सरकार व्यापारियों को जल्द से जल्द राहत दे। सरकार को बिजली बिल और हाउस टैक्स में रियायत देनी चाहिए। साथ ही बैंकों से बात करके बैंक लोन के ईएमआई में भी कम से कम ब्याज में राहत दिलाए तथा जो व्यापारी भाई इस आपदा में मारे गए हैं और उनके घर कोई कमाने वाला नहीं है तो सरकार कम से कम 10 लाख की राशि तुरंत प्रभाव से उस परिवार को दें। अच्छे समय में व्यपारी कमाता है तो लोगों को रोजगार देने के साथ साथ सरकार को भारी भरकम टैक्स भी देता है। ऐसे में अगर इस वक्त लॉक डाउन के कारण कारोबार बंद है तो सरकार को व्यपारियों के बारे में ज़रूर सोचना चाहिए। केंद्र और यूपी दोनों सरकार से मांग है कि सरकार व्यपारियों को राहत देने के लिए तत्काल कदम उठाए।