एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर सतर्क रहे विभागीय अधिकारी :नगर आयुक्त

-प्रदूषण रोकथाम के लिए विभाग वार क्षेत्रों में कार्य करने के निर्देश

गाजियाबाद। वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए नगर निगम भी सतर्क हो गया है। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर अब निगम के सभी विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए हैं। वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विभाग वार क्षेत्रों में प्रदूषण रोकथाम के लिए कार्य करें। ताकि शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकें। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के तहत वायु प्रदूषण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए नगर निगम सीमा क्षेत्र में प्रभावी उपाय लागू करने एवं प्रतिबंधित कार्य ना करने के निर्देश दिए है। इसी क्रम में नगर आयुक्त ने निगम के सभी विभाग के अधिकारियों को पत्र जारी करते हुए निर्देशित किया है।

नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथिलेश कुमार को वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए सफाई कराने से पहले पानी का छिड़काव कराने के निर्देश दिए। वहीं,सड़कों पर कूड़ा एकत्रित न हो। नियमित कूड़ा का उठान कराया जाए। शहरवासियों को कूड़ा कूड़े गाड़ी में ही डालने के लिए जागरूक करें। एंटी स्मोक गन की व्यवस्था जारी रखने के लिए निर्देश दिए।वहीं,नगर निगम के चीफ इंजीनियर एनके चौधरी को नगर निगम द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्यों के स्थल पर समय-समय पर पानी का छिड़काव एंटी स्मोक गन के माध्यम से कराना सुनिश्चित करें। खुले में निर्माण सामग्री रखे पर होने पर कार्रवाई करें। ताकि किसी प्रकार से पर्यावरण प्रभावित ना हो, शहर की सड़कों के गड्ढों को चिन्हित कर उनमें पैच वर्क कराया जाए।

यह कार्रवाई विभाग के अधिकारी को प्रतिदिन करनी होगी। वहीं,नगर आयुक्त ने जलकल महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी को निर्देश दिए कि वह पानी के टैंकरों से नियमित रूप से शहर के मुख्य मार्गों पर पानी के छिड़काव की व्यवस्था कराएं तथा मुख्य चौराहों पर भी पानी के छिड़काव की व्यवस्था कराएं। प्रतिदिन चौराहों को खुलवाने की व्यवस्था भी कराई जाए ताकि धूल मुक्त स्थान कर प्रदूषण नियंत्रण की कार्रवाई की जा सकें। उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह को निर्देश दिए कि रोजाना पेड़-पौधों पर स्प्रिंकलर,वाटर टैंकर के माध्यम से छिड़काव कराना सुनिश्चित करें ताकि पेड़ पौधों पर कम से कम धूल रहे जिससे कि वायु प्रदूषण नियंत्रित रहेगा।