हिंडन नदी को अविरल बनाने एवं रिवर फ्रंट को लेकर जिला प्रशासन की कवायद तेज

-बिना ट्रीट किए पानी का प्रवाह कर रही औद्योगिक इकाइयों पर करें कार्रवाई: डीएम
-21 विभागों द्वारा हिंडन नदी को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने पर किया जाएगा काम

गाजियाबाद। हिंडन नदी को अविरल बनाने एवं हिंडन रिवर फ्रंट को लेकर अब जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। इसी क्रम में लगभग 21 विभागों द्वारा हिंडन नदी को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए काम किया जाएगा।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने सीडीओ विक्रमादित्य सिंह मलिक, नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़, एसडीएम सदर विनय सिंह, परियोजना निदेशक डीआरडीए पीएन दीक्षित,जिला अर्थ एवं सांख्यिकीधिकारी पुष्पलता, तहसीलदार समेत अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिलाधिकारी ने 21 दिसंबर को हुई बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में संबंधित विभाग के अधिकारियों से इसी प्रगति रिपोर्ट की जानकारी ली। हिंडन व उसकी सहायक नदियों को उनके पुराने स्वरूप में लाने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे के निर्देशन में जिलाधिकारी इस कार्य को पूरा कराने में लगे है।

जिलाधिकारी ने समीक्षा बैठक में लगभग 21 विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा करते हुए प्रगति जानी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हिंडन नदी को अविरल बनाने और प्रदूषण मुक्त करने की दिशा में पूर्व में निर्देश जारी किए गए थे। मेरठ मंडल की मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में पिछले दिनों हिंडन नदी एवं आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया था। मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी को निर्देशित किया था कि हिंडन नदी को अविरल बनाए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार कर उन्हें अवगत कराते रहे। जिलाधिकारी की देखरेख में विभिन्न विभागों द्वारा हिंडन नदी को फिर से जीवित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। गाजियाबाद प्राणदायिनी हिंडन नदी में डाले जा रहे प्रदूषित पानी को रोकने एवं अतिक्रमण हटाने एवं नालों से डाला जा रहे पानी को रोकने के लिए केेमिकल युक्त पानी डालने वाली इकाइयों को चिन्हित किया गया है।

जिलाधिकारी ने बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हिंडन नदी को किसी भी हाल में उसके पुराने स्वरूप में लाना है। इसमें कोई बाधा आ रही है तो उसे दूर करने का कार्य किया जाए। जिले की सीमा में प्रवेश करने और अंतिम छोर तक हिंडन नदी की सफाई से लेकर उसमें अविरल धारा बहने तक के कार्य को प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
जिलाधिकरी ने बैठक में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, लघु सिंचाई विभाग, औद्योगिक इकाइयों व यूपीसीडा के आरएम को निर्देश दिए कि हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। नदी में गिरने वाले औद्योगिक कचरे को रोकने के लिए उद्योगों की मैपिंग कर जीरो डिस्चार्ज की दिशा में कार्य किया जाए। हिंडन नदी के आसपास 222 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हैं, ऐसे में इन इकाइयों में ईटीपी, सीईटीपी की व्यवस्था की जांच की जाए।

पानी को ट्रीट करके ही नदी में डाला जाए। ऐसी औद्योगिक इकाइयां चिन्हित की जाए जो बिना ट्रीट किए पानी का प्रवाह नदी में कर रही हैं। उन्हें नोटिस जारी करें। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, जीडीए आवास एवं विकास परिषद, जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारियों को निर्देेशित किया कि वे नगरीय सीवरेज,ठोस अपशिष्ट की रोकथाम को लेकर कार्ययोजना तैयार करें एवं इस पर प्रभावी अंकुश लगाएं। नगर निगम व नगर निकायों द्वारा निर्मित नालों का प्रबंधन इस प्रकार से किया जाए कि उनका गंदा पानी व अपशिष्ट नदी में न जाने पाए। उन्होंने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि हिंडन नदी का ग्रामवार, गाटावार, क्षेत्रफलवार एवं नदी की भूमि पर किए गए अतिक्रमण को चिन्हित करते हुए सिजरा शीट तैयार कराए।