फाइलें गायब तो नहीं दें प्रमाण पत्र, नहीं तो दर्ज कराए एफआईआर: डॉ. नितिन गौड़

नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त से लेकर विभागीय अधिकारियों को जारी किया पत्र

गाजियाबाद। नगर निगम के कार्यालयों को व्यवस्थित करने करने के लिए अब नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने सख्त रूख अख्तियार करना शुरू कर दिया है। नगर आयुक्त ने नगर निगम के  अपर नगर आयुक्त से लेकर विभाग के अधिकारी को पत्र जारी करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि अपने-अपने अधीनस्थ विभाग एवं कार्यालयों की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित कर लें कि विभाग एवं अधीनस्थ कार्यालय में सभी फाइलें संरक्षित है। इसका प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया जाए कि कोई पत्रावली गायब नहीं है। अगर विभाग या पटल की कोई पत्रावली गायब है तो उसके लिए सुसंगत धाराओं में एफआईआर थाने में दर्ज कराई जाए। इसके साथ ही पत्रावली गायब के संबंध में संबंधित अधिकारी व कर्मचारी का उत्तर दायित्व निर्धारित करते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की जाए। नगर आयुक्त ने अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव, शिवपूजन यादव, जलकल महाप्रबंधक आनंद त्रिपाठी, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा, प्रकाश प्रभारी योगेंद्र यादव को जारी किए गए पत्र में निर्देशित किया कि सभी विभागों में पटल सहायकों से पत्रावलियों का रजिस्ट्रर तैयार कराकर पटल पर संरक्षित सभी पत्रावलियों को उसमें दर्ज कराएं।
फाइल के मुख्य कवर, पृष्ठ पर नंबर लिखा जाए। पत्रावली में रखे सभी रजिस्ट्ररों के पेज पर नंबरिंग की जाए। यह सुनिश्चित कराते हुए एक सप्ताह के अंदर अनुपालन आख्या प्रमाण पत्र सहित हस्ताक्षर कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त ने इसकी प्रति मेरठ मंडल मंडलायुक्त व जिलाधिकारी को भी भेजी हैं।

जमीनों पर कब्जे एवं अतिक्रमण रोकने को संपत्ति सेल गठित:

नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने इसके अलावा शहर में नगर निगम की जमीनों पर भू-माफियाओं द्वारा किए जाने वाले कब्जे एवं संपत्तियों पर अतिक्रमण को लेकर संपत्ति प्रकोष्ठ का गठन किया है। नगर आयुक्त ने गठित की गई संपत्ति सेल का अध्यक्ष अपर नगर आयुक्त अरूण कुमार यादव को बनाया है। इसके साथ ही संपत्ति अधीक्षक भोलानाथ गौतम,तहसीलदार विश्वनाथ सिंह, राजस्व निरीक्षक सुरेंद्र कुमार कौशिक राजस्व निरीक्षक ओंकार सिंह,लेखपाल बनवारी लाल शर्मा सदस्य बनाए गए है। इनके मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। संपत्ति प्रकोष्ठ द्वारा नगर निगम की संपत्तियों की सुरक्षा की जाएगी। इसके साथ ही सड़क, ग्रीन बैल्ट, डिवाइडर, सेंट्रल वर्ज, नालियों, भूमि आदि से अवैध कब्जा, अतिक्रमण हटाना होगा। हाउस टैक्स व यूजर चार्ज की वसूली में मुख्य कर निर्धारण अधिकारी एवं जोनल प्रभारियों को सहायता देंगे। शासनादेश के क्रियान्वयन में अपने से संबंधित योजनाओं पर समय पर कार्रवाई सुनिश्चित करना होगा। निगम संपत्ति के लिए सुझाव व क्रियान्वयन की कार्रवाई करना एवं आईजीआरएस, पीजीआरएस,पोर्टल, मुख्यमंत्री पोर्टल, ई-मेल आदि से नगर निगम की संपत्ति से अवैध कब्जे से संबंधित शिकायतों का निगम पुलिस प्रवर्तन दल की सहायता से जल्द निस्तारण करना होगा। हाईकोर्ट, सुप्रीमकोर्ट, एनजीटी एवं अन्य कोर्ट में संबंधित प्रकरणों में निर्धारित अवधि के अंतर्गत प्राथमिकता पर अतिक्रमण हटाया जाएगा। न्यायालयों में नगर निगम के विरूद्ध वाद एवं याचिकाओं का समय पर प्रभावी पैरवी भी सुनिश्चित कराना होगा।

वाहनों की मरम्मत कराकर उपयोग में लाने के दिए दिए सख्त निर्देश :

नगर आयुक्त ने विजय नगर जोनल कार्यालय का औचक निरीक्षक करते हुए जोन के निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की मरम्मत के लिए सख्त निर्देश दिए।
गुरूवार को नगर आयुक्त ने विजयनगर जोनल कार्यालय का औचक निरीक्षण करते हुए जोनल प्रभारी से मौके पर वार्ता करने के बाद गैराज में खड़े वाहन ई-रिक्शा खराब स्थिति में खड़े मिले। उन्होंने तत्काल इन्हेंं ठीक कराने के निर्देश दिए। ताकि शहर में वाहनों से कूड़ा उठाया जा सकें। जोन ऑफिस में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति रजिस्टर को भी चेक किया।आगंतुकों से भी मौके पर वार्ता की। जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर की जा रही कार्रवाई को लेकर जोनल प्रभारी से जानकारी ली। उन्होंने इसे बेहतर करने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश कुमार को निर्देश दिए कि जोन में खराब खड़े वाहनों की मरम्मत कराई जाए। ई-रिक्शा की बैट्री खराब होने पर इसे ठीक कराया जाए। जिससे उन्हें पुन: उपयोग में लाया जा सकें।
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