डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की बेहतर होगी सुविधा : नगरायुक्त

फरवरी से मिशन पर जुटेगा नगर निगम, करोड़ों रुपए की बचत भी होगी

गाजियाबाद। स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के मकसद से नगर निगम फरवरी से जी-जान से जुटने की तैयारी में है। शहर को साफ-सुथरा एवं खूबसूरत बनाने की इस मुहिम में जनता का सहयोग भी लिया जाएगा। शहरवासियों को डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन की बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके अलावा नगर निगम द्वारा कूड़ा बेचने के बाद लगभग 3 करोड़ रुपए की बचत की जा सकेगी। नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर के मुताबिक शहर में एकत्र कूड़े को बेचने का निर्णय लिया गया है।

इससे नगर निगम को 3 से 6 करोड़ रुपए की बचत होगी। यह रकम अभी तक प्रतिवर्ष वाहनों के तेल, ड्राइवर, हेल्पर एवं कूड़ा उठान पर खर्च होती थी। नगर निगम द्वारा शहर में प्राइवेट कंपनी से 200 गाड़ियां किराए पर ली गई हैं। इन गाड़ियों के आने से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन किया जाएगा। वहीं, घरों से अभी तक कूड़ा कलेक्ट करने के बाद बहुत संख्या में कूड़ा इधर-उधर छोड़ देते थे। इस कूड़े को कबाड़ी एवं डलावघर में कूड़ा माफिया सेग्रीगेशन कर इसे बेचते थे।

इतना ही नहीं इस डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए नगर निगम से गाडिय़ों का डीजल,कूड़े का पैसा,ड्राइवर की सैलरी ली जाती थी। मगर अब नगर निगम ऐसा नहीं करेगा। नगर आयुक्त ने अब शहर के लिए नया इजाद करते हुए इस कूड़े को बेचने का निर्णय लिया है। नगर निगम से इसके लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटररेस्ट (ईओआई) टेंडर कॉल किए है। टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद उम्मीद है कि फरवरी से नगर निगम की यह प्लानिंग शुरू हो जाएगी।

प्रत्येक गाड़ी पर था 42 हजार का खर्च
नगर निगम द्वारा पुरानी व्यवस्था के तहत 42 हजार रुपए प्रति गाड़ी पर कूड़ा उठान के लिए खर्च किया जाता था। मगर नई व्यवस्था के तहत प्राइवेट 200 गाडिय़ां एक ही कंपनी से लेकर टाटा की यह गाडिय़ांं सीएनजी की होगी। इसमें कंपनी की ओर से ड्राइवर,हेल्पर,मेंटेनेंस,रिप्लेसमेंट यानी दूसरी गाड़ी स्वयं दी जाएगी। इन गाडिय़ों के लिए कंपनी बाग स्थित लाइब्रेरी के सेकेंड फ्लोर पर गाडिय़ों पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। यह सभी गाडिय़ां ऐप से ट्रैक की जाएगी। वहीं,इनका मासिक किराया प्रति गाड़ी का कुल 41,400 रुपए महीना निर्धारित किया गया हैं। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह का कहना है कि प्राइवेट और नगर निगम की गाडिय़ों को मिलाकर इन पर सालाना 3 करोड़ रुपए का खर्च होता है। मगर अब ईओआई टेंडर कॉल किए गए है।

सीएनजी वाहनों का होगा इस्तेमाल
नगर निगम द्वारा शहर में अब डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन सीएनजी युक्त गाडिय़ों से कूड़ा उठान कराया जाएगा। प्राइवेट 200 गाडिय़ों को किराए पर लेने के बाद 150 ई-रिक्शा और नगर निगम की खुद की 140 गाडिय़ों को मिलाकर शहर में लगभग 500 गाडिय़ों से कूड़ा कलेक्शन होगा। नगर निगम के वसुंधरा जोन में नई 100 गाडिय़ां दी गई,इनमें 64 गाड़ी टाटा,20 ई-रिक्शा,84 गाडिय़ां सीएनजी की है।कविनगर जोन में 60 सीएनजी,20 ई-रिक्शा,सिटी जोन में 90 गाड़ी और 35 र्ई-रिक्शा,विजयनगर जोन में डीजल की 150 गाड़ी,30 ई-रिक्शा और सिटी जोन और वसुंधरा जोन समेत 4 जोन में सभी सीएनजी गाड़ी होगी। जबकि एक जोन में डीजल की गाड़ी होगी। इन डीजल की गाडिय़ों को भी जल्द ही सीएनजी में परिवर्तित करने की प्लानिंग है।