डीएम राकेश कुमार सिंह के प्रयास से दिव्यांंगों के पुर्नवास में गाजियाबाद को प्रदेश में मिला प्रथम स्थान

डीएम राकेश कुमार सिंह के प्रयास के चलते गाजियाबाद को पूरे प्रदेश में दिव्यांगजन को पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जिले का सम्मान मिला है। शासन स्तर पर गठित समिति द्वारा जिले को राज्य स्तरीय पुरस्कार 2022 के लिए जनपद को इस श्रेणी में चुना गया है। यह पुरस्कार तीन दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा।

गाजियाबाद। सरकारी स्तर पर विभिन्न योजनाएं आमजन के लाभ पहुंचाने के लिए लाई जाती हैं, लेकिन कई बार उन योजनाओं का लाभ आमजन तक नहीं पहुंच पाता और योजनाएं ठंडे बस्ते में चली जाती हैं। मगर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की कार्यशैली के चलते सरकारी योजनाएं धरातल पर भी आई और आमजन को उसका लाभ मिला। जिलाधिकारी जनता की शिकायत सुनने के बाद उसके निस्तारण की खुद मॉनिटिरिंग करते है। जिससे यह स्पष्ट हो सकें कि शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण हुआ है कि नही। यही स्थिति सरकारी योजनाओं को लागू कराने में भी रहती है। योजनाओं का लाभ पात्र को मिल रहा है या नहीं इसकी मॉनीटिरिंग लगातार जिलाधिकारी द्वारा की जाती है। उनके इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि जनपद में दिव्यांगों के लिए शासन स्तर से चलाई गई योजनाओं का लाभ न सिर्फ उन तक पहुंच रहा है, बल्कि योजनाओं के तहत दिव्यांगों का पुर्नवास भी बेहतर तरीके से हो रहा है।

डीएम के इन्हीं प्रयास के चलते गाजियाबाद को पूरे प्रदेश में दिव्यांगजन को पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने वाले सर्वश्रेष्ठ जिले का सम्मान मिला है। शासन स्तर पर गठित समिति द्वारा जिले को राज्य स्तरीय पुरस्कार 2022 के लिए जनपद को इस श्रेणी में चुना गया है। यह पुरस्कार तीन दिसंबर को विश्व दिव्यांग दिवस के अवसर पर लखनऊ के डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रदान किया जाएगा। जिलाधिकारी का मानना है कि शासन ने जिस मंशानुसार हमे यहां भेजा उसका पूरी ईमानदारी के साथ निर्वहन किया जाए। जब तक हम अपने कार्यों को निष्ठा एवं ईमानदारी से नही करेंगे, तब कोई भी कार्य पूर्ण नही हो सकता है। इससे पूर्व भी भारत सरकार के आजादी से अंतोदय तक अभियान का लाभ जन-जन तक पहुंचाने में जनपद गाजियाबाद को संपूर्ण भारत में प्रथम स्थान मिलने पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह को सम्मन्नित किया गया था।