आबकारी विभाग ने अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 102 लोगों को पहुंचाया जेल

मुखबिर तंत्र और लोगों की जागरूकता से तोड़ा जा रहा अवैध शराब का चक्रव्यूह
चेकिंग अभियान के जरिये तस्करी पर नजर, दहशत में माफिया
आबकारी विभाग की कार्रवाई का धरातल पर असर, 15 लाख की शराब सहित करोड़ों के वाहन थाने में धूल फांक रहे 13 वाहन

गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब का कारोबार करने वाले शराब तस्करों का नेटवर्क टूटता नजर आ रहा है। आबकारी विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई से माफिया में हड़कंप मच गया है। जबकि कुछ तस्करों ने तो इस गैरकानूनी कार्य से तौबा कर लिया है। इसी का नतीजा है कि अब पहले की तरह अवैध शराब की खेप बरामद नहीं हो रही है। आबकारी विभाग निरंतर कड़ी कार्रवाई कर शराब तस्करों को सबक सिखाने में लगा है। इससे तस्करों का नेटवर्क बिखरने के अलावा उनके हौसले भी पस्त होते दिखाई दे रहे हैं। गाजियाबाद व बाहरी राज्यों में हरियाणा और पंजाब व हिमाचल तक की शराब तस्करी कर लाई जाती है। विभिन्न रास्तों से शराब तस्कर जिले में प्रवेश करने का प्रयास करते है। मगर गाजियाबाद में आबकारी विभाग का सख्त पहरा होने के कारण तस्करों ने भी अपना रास्ता बदल लिया है। वर्तमान में शराब तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए विभाग मुस्तैदी से काम कर रहा है। शनिवार को आबकारी निरीक्षक सेक्टर-1 अखिलेश वर्मा, आबकारी निरीक्षक राकेश त्रिपाठी सर्किल-2, आबकारी निरीक्षक हिम्मत सिंह सेक्टर-2, आबकारी निरीक्षक अनुज वर्मा-3, आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा-4, आबकारी निरीक्षक त्रिवेणी प्रसाद मौर्य सेक्टर-5, आबकारी निरीक्षक सेक्टर-6 अभय दीप सिंह अपनी टीम के साथ शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश एवं चेकिंग की गई। टीम लगातार फील्ड में उतर कर अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन रोकने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। आबकारी विभाग की कार्रवाई ने शराब तस्करों को करारी चोट पहुंचाई है।


अवैध शराब तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग ने जागरूकता अभियान को हथियार बनाया हुआ है। नागरिकों को जागरूक कर अवैध शराब का सेवन न करने की अपील की जा रही है। इसके तहत विभिन्न स्थानों पर पोस्टर चस्पा किए गए हैं। जनपद में पुलिस एवं आबकारी विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई करते रहते हैं। आबकारी विभाग की जागरूकता का असर भी लोगों में हो रहा है। तस्करों को जेल भेजने के साथ-साथ राजस्व बढ़ाने के लिए भी हरसंभव प्रयास कर रहा है। साथ ही साल दर साल अवैध शराब की बरामदगी और तस्करों की गिरफ्तारी का आंकड़ा बढ़ रहा है। टीम वर्क की भावना से काम होने के कारण नतीजे भी अच्छे मिल रहे हैं। संपूर्ण स्टाफ पूरी मेहनत से काम कर रहा है। जिला आबकारी अधिकारी के स्पष्ट निर्देश है कि अवैध शराब की बिक्री करते हुए कोई भी पकड़ में आता है तो तत्काल कार्रवाई की जाए। हर हाल में अवैध शराब की बिक्री को शून्य करना है। माफिया अवैध शराब का कारोबार छोड़ दें, या फिर सलाखों के पीछे जाने का तैयार रहे। अभी तक जिले में शराब माफिया के मुखबिर तंत्र मजबूत हुआ करता था। मगर जिले में अब आबकारी विभाग के मुखबिर तंत्र पूरी तरह से मजबूत है।

पांच माह में 102 तस्कर खा रहे जेल की हवा

आंकड़े बताते हैं कि आबकारी विभाग ने अवैध शराब की बरामदगी और तस्करों की गिरफ्तारी के मामले में पांच माह में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त 102 तस्करों को जेल भेजने का काम किया है। अप्रैल से अगस्त तक आबकारी विभाग की टीम ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर जहां 466 मुकदमे दर्ज किए। जिसमें से 11 बड़ी कार्रवाई की है। जिसमें बाहरी राज्यों में होने वाली शराब तस्करी के मामले पकड़े है। पांच में शराब तस्करों के संबंधित ठिकानों पर दबिश एवं छापेमारी की कार्रवाई में 23 हजार 439 बल्क लीटर शराब बरामद किया है। बरामद शराब की कीमत करीब 15 लाख रुपए है। वहीं शराब तस्करी में उपयोग होने वाले 13 वाहनों को सीज किया गया। इन पांच माह की कार्रवाई में 110 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 102 को सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है। जिले में शराब तस्करी करना अब इतना आसान नहीं है, अगर पकड़े गए तो एक दो माह नहीं बल्कि 6 माह से 1 वर्ष या फिर उससे अधिक जेल में हवा खानी पड़ेगी। जेल भेजे गए शराब तस्कर को जल्द जमानत न मिले, इसके लिए आबकारी विभाग खुद पैरवी भी करता है। सीज 13 वाहनों दुपहिया वाहन से लेकर लग्जरी कार और बड़े वाहन शामिल है। बरामद वाहनों की कीमत करीब करोड़ो रुपए से कम नहीं है, जो थाने में धूल फांक रही है।

इन आंकड़ों से स्थिति साफ है कि विभाग की कार्रवाई ज्यादा असरदार रही है। दरअसल गाजियाबाद में दिल्ली के अलावा हरियाणा व हिमाचल प्रदेश व पंजाब तक से अवैध शराब की तस्करी होती रही है। मगर पिछले कुछ वर्षों से राष्ट्रीय मार्गों पर आबकारी विभाग की टीम का सख्त पहरा होने के कारण वह भी रुक गया है। शराब तस्करी के पीछे कई गिरोह का हाथ रहा है। यह गिरोह अपनी मजबूत पकड़ के कारण अब से पहले अपने धंधे को बखूबी अंजाम देते रहे थे, मगर वर्तमान में ऐसा नहीं है। आबकारी विभाग की सख्ती और नीति में बदलाव के कारण शराब तस्करों की कमर टूटती चली गई है। ट्रांसपोर्ट नगर में भी आबकारी विभाग लगातार अभियान चलाकर अवैध शराब बरामद कर चुका है। इसके अलावा दिल्ली से सटे यूपी के सभी बॉर्डर पर दिन-रात चौकसी बरती जा रही है।

 

राकेश कुमार सिंह
जिला आबकारी अधिकारी
गाजियाबाद।

अवैध शराब के खिलाफ जारी रहेगी कार्रवाई

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह का कहना है कि जिले में अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाना और राजस्व में वृद्धि करना प्राथमिकता में शुमार है। इसके लिए हरसंभव कदम उठाए जा रहे हैं। जनपद में जहां कहीं भी शराब तस्करों के ठिकाने थे, उन्हें चौपट कर दिया गया है। जो कोई भी व्यक्ति शराब तस्करी में लिप्त है, उसकी पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा लाइसेंसशुदा विक्रेताओं को भी समय-समय पर दिशा-निर्देश दिए जाते रहे हैं। आबकारी विभाग ने छोटे तस्कर से लेकर बड़े माफिया के कारोबार को ध्वस्त करते हुए सलाखों की पीछे भेजने की मुहिम चलाई हुई है। जहां शिकायत या सूचना मिलती है टीम बिना देरी किए मौके पर पहुंचकर कार्रवाई कर रही है। अवैध शराब के निर्माण, परिवहन एवं बिक्री को रोकने के लिए विभागीय स्तर पर निरंतर कार्रवाई चल रही है। शराब माफिया को मनमानी करने की छूट नहीं दी जाएगी। अवैध शराब की बिक्री के विरूद्ध कार्रवाई के साथ-साथ जन जागरूकता का भी सहारा लिया गया है। इस अभियान में सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवी संस्थाओं की भी मदद ली जा रही है। सिर्फ कार्रवाई से लोग जागरूक नहीं हो सकते हैं, अवैध रूप से शराब बनाकर बेचने वाले लोगों को इसके नुकसान के बारे में बताया जाएगा, जिससे लोग जागरूक हो।