आमदनी बढ़ाने के लिए जीडीए ने तेज की कसरत

-भूखंडों के भू-उपयोग में परिवर्तन की तैयारी

गाजियाबाद। आय बढ़ाने के लिए जीडीए खूब कसरत कर रहा है। इसके तहत भूखंडों के भू-उपयोग बदलने परिवर्तन करने की तैयारी चल रही है। इसके अलावा दिल्ली के कनाट प्लेस और लखनऊ के हजरतगंज की भांति बाजारों को लुक दिया जाएगा। पिछले दिनों जीडीए की बोर्ड बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पास किया गया था। भविष्य में सभी बाजार एक रंग में रंगे नजर आएंगे। सबसे पहले महानगर के मुख्य बाजारों को एक कलर थीम में विकसित किया जाएगा। मंडलायुक्त ने शहर में एक बाजार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित करने के लिए डीएम, जीडीए उपाध्यक्ष एवं नगर आयुक्त की एक कमेटी बनाई है। कमेटी द्वारा शहर में आरडीसी,आंबेडकर रोड समेत अन्य प्रमुख बाजार में से किसी एक का चयन करेगी। इसके बाद बाजार की सभी दुकानों का एक ही रंग, बोर्ड, बाजार के आगे की रेलिंग, स्ट्रीट लाइट, डस्टबिन एक रंग में रंगी नजर आएंगी। इस संबंध में अगली जीडीए बोर्ड बैठक में रिपोर्ट देनी होगी। वहीं,जीडीए की इंदिरापुरम, वैशाली और कौशांबी कॉलोनी को छोड़कर शहर के अन्य क्षेत्रों में जीडीए की संपत्तियों के सेक्टर रेट मार्च- 2022 तक फ्रीज किए गए है।

मगर जीडीए ने लॉटरी और नीलामी के जरिए बेची जाने वाली 744 आवासीय,गु्रप हाउसिंग,व्यावसायिक संपत्तियों के रेट फ्रीज के मामले में मंडलायुक्त ने विभिन्न योजनाओं में भवनों के सेक्टर रेट फ्रीज करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। जबकि योजनाओं में भूखंडों के सेक्टर रेट एवं जिलाधिकारी सर्किल रेट के अनुसार चार्ज लिए जाएंगे। ऐसे में भूखंड आवंटित होने पर 10 प्रतिशत लीज रेंट और 2 प्रतिशत फ्री-होल्ड चार्ज अतिरिक्त आवंटियों को देना होगा।वहीं,बोर्ड बैठक में भवन एवं भूखंड आवंटियों को ब्याज की किस्त दरों में एकरूपता लाने और ब्याज में दो फीसद की छूट देने संबंधी प्रस्ताव पास हो गया।

प्रदेश शासन ने फरवरी में किस्तों की ब्याज दर में दो साल तक दो फीसदी की छूट का प्रावधान किया था।बोर्ड बैठक में मंजूरी होने के बाद अब शहर में आवासीय, व्यावसायिक,गु्रप हाउसिंग और औद्योगिक भूखंड करीब 8 हजार आवंटियों को अब इसका लाभ मिल सकेगा। ऐसे में औद्योगिक भूखंडों की किस्त में आवंटियों को 11 फीसदी ब्याज की जगह अब 9 फीसद ब्याज किस्तों पर देना होगा। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश ने बताया कि जीडीए की आय बढ़ाने के लिए अब भू-उपयोग बदलकर भूखंड बेचे जाएंगे। मंडलायुक्त के निर्देश पर भूखंड़ों का भू-उपयोग बदलकर बेचने का निर्णय लिया गया है। जीडीए की योजनाओं में ऐसे भूखंडों को चिन्हित किया जा रहा है जो 8-10 साल के दौरान कई बार योजना लांच करने के बाद भी नहीं बिके हैं।

जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश प्राधिकरण की आय बढ़ाने के लिए अधिकारियों से लगातार मंथन कर रहे हैं। ऐसे भूखंड़ों को चिन्हित कर नियमानुसार ऐसे भू-उपयोग में परिवर्तित किया जाएगा,जो उस क्षेत्र के लोगों की जरूरत के हिसाब से बेहतर हो और भूखंड आसानी से बिक सके। भूखंड बेचकर जीडीए को आय होगी, जिससे शहर की विकास रफ्तार को तेज किया जाएगा। जीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि पर्यटन स्थल को ऐतिहासिक बनाया जाएगा। इसके लिए जगह चिन्हित करने के लिए नगर निगम के साथ मिलकर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। 250-300 एकड़ में बनाया जाएगा। इस तरह से विकसित किया जाएगा कि बच्चों से लेकर बुजर्गों तक हर आयु वर्ग के लोगों के लिए मनोरंजन के साधन हों। इसके अलावा दिल्ली के प्रवेश द्वार भोपुरा व ज्ञानी बार्डर पर सुंदरीकरण किया जाएगा।