जीडीए से मानचित्र स्वीकृत कराना अब टेड़ी खीर नहीं

-विशेष शिविर शुरू, पहले दिन निपटाए गए 16 मामले

गाजियाबाद। जीडीए ने मानचित्र संबंधी समस्या को दूर करने के लिए नई पहल की है। इससे आवेदकों को बड़ी राहत मिलेगी। जीडीए सभागार में मंगलवार को आयोजित शिविर में 16 मानचित्र स्वीकृत कर दिए गए। मानचित्र से संबंधित यह मामले काफी समय से लंबित पड़े थे। उत्तर प्रदेश ऑनलाइन बिल्डिंग प्लान एप्रुवल सिस्टम (यूपीओबीपीएएस) पोर्टल पर मानचित्र अपलोड किए जाने एवं आवेदन करने में आ रही परेशानी को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। जीडीए उपाध्यक्ष कृष्णा करूणेश के निर्देश पर 28 अगस्त तक यह शिविर लगेगा। शिविर में पहले दिन स्वीकृत मानचित्र के लंबित मामलों का निस्तारण करने के साथ मौके पर मानचित्र भी पास किए गए। जीडीए के अपर सचिव सीपी त्रिपाठी की अध्यक्षता में मुख्य आर्किटेक्ट (टाउन प्लानर) आशीष शिवपुरी, ओएसडी सुशील कुमार चौबे, ओएसडी संजय कुमार, तहसीलदार दुर्गेश सिंह की मौजूदगी में मानचित्र स्वीकृत किए गए। सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक आयोजित शिविर में कुल 16 नक्शे पास किए गए। इनमें गु्रप हाउसिंग आवासीय के 10 मानचित्र का निस्तारण किया गया। शिविर में 6 नक्शे पास किए गए। जबकि 4 मानचित्र के कागजात पूर्ण नहीं होने की वजह से पास नहीं किए जा सके। इसके अलावा नक्शे से अधिक अवैध रूप से किए गए निर्माण के कंपाउंडिंग शुल्क के 10 मानचित्र शिविर में स्वीकृत किए गए। शिविर में मानचित्र स्वीकृति के लंबित मामलों का मौके पर निदान किया गया। प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन दीपक कुमार ने नक्शा स्वीकृति के लंबित मामलों का निस्तारण करने के निर्देश दिए थे। यूपीओबीपीएएस पोटर््ल पर जिन लोगों व आर्किटेक्ट को नक्शा अपलोड करने व आवेदन करने में दिक्कत आ रही हैं, उन लोगों की समस्याओं का भी निस्तारण किया गया। जीडीए के सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि शिविर में नियोजन अनुभाग के अधिकारी व कर्मचारी ने आर्किटेक्ट की मदद की। आॅनलाइन सिस्टम लागू होने के बाद जीडीए में अब तक 1975 मानचित्र स्वीकृति के लिए आवेदन आए हैं। इनमें से 1609 मानचित्र स्वीकृत करने के बाद जारी किए गए। 61 नक्शे शुल्क न जमा किए जाने के कारण लंबित हैं। नक्शे की रसीद लेकर शिविर में आ सकते हैं। शिविर में पंजीकृत आर्किटेक्ट को भी आमंत्रित किया गया। कोरोना प्रोटोकॉल को देखकर पहले दिन 13 आर्किटेक्ट को भी ट्रेनिंग दी गई। जीडीए में लगभग 150 आर्किटेक्ट पंजीकृत हंै। नक्शे इन्हीं के द्वारा अपलोड किए जाते हैं।