मंडी शुल्क लागू करने का किराना व्यापारियों ने किया विरोध

गाजियाबाद। राज्य सरकार द्वारा मंडी शुल्क लागू होने को लेकर व्यापारियों में आक्रोश है। मंगलवार को किराना मंडी में व्यापार मंडल द्वारा बैठक का आयोजन किया गया। जहां व्यापारियों ने निर्णय लिया कि अगर सरकार द्वारा व्यापारियों की मांगों को नहीं माना गया तो व्यापारी पूरे उत्तर प्रदेश में एकजुट होकर अपने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में धरने पर किसान एक वर्ष से ज्यादा दिनों तक बैठे रहे। कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब व्यापारियों ने आंदोलन करने की तैयारी कर ली है। व्यापारी संजय गर्ग ने बताया कि मंडी शुल्क को व्यापारी वर्ग बिल्कुल भी बर्दास्त नही करेगा। इसके लिए अगर आंदोलन भी करना पड़ा तो पीछे नही हटेंगे। व्यापार मंडल की मांग पर प्रधानमंत्री ने संपूर्ण देश से मंडियों का लाइसेंस 9-आर, 6-आर, गेटपास व अन्य प्रावधानों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया था। जिससे व्यापारी वर्ग को काफी राहत मिली और भ्रष्टाचार भी अंकुश लगा। कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद प्रदेश में मंडी शुल्क की पुरानी व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है, जो पूर्णरूप से गलत है। मंडी अधिनियम में साफ लिखा है जो जिस प्रदेश में उत्पाद होगी उसपर उसी प्रदेश में मंडी शुल्क लगेगा। किराना, मेवा, सुपारी, काली मिर्च, मसाले आदि वस्तुओं पर मंडी शुल्क लग जाएगा जो असंवैधानिक है। इससे मंडियों में फिर से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। जितनी फीस सरकार को मिलती है, उससे कई गुना पैसा मंडी सचिव व कर्मचारियों को जाता है। इस प्रकार के कानून से भ्रष्टाचार बढ़ेगा और महंगाई भी बढ़ेगी। बैठक में किराना मंडी के सभी पदाधिकारी वह दुकानदारों ने मंडी समिति नामक कर को अविलंब हटाने का अनुरोध किया।