नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग लाचार और बेकार

– भ्रष्टाचार में फंसे अधिकारियों का नहीं है समस्याओं के निस्तारण के प्रति ध्यान
– शहर में गंभीर होती जा रही है कूड़े की समस्या, कॉलोनियों से भी मिल रही शिकायत

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। हमेशा नगर निगम की किरकिरी कराने वाला स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर लाचार और बेकार साबित हो रहा है। शहर में कूड़े की समस्या का किस तरह निस्तारण हो इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के पास कोई रोड मैप नही है। समस्या को लेकर जिम्मेदार अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर बैठे हैं। अधिकारियों की सुस्ती और काम के प्रति बेपरवाही का ही नतीजा है कूड़ा निस्तारण की समस्या अब गले तक पहुंच चुकी है। फिर भी स्वास्थ विभाग के प्रभारी नगर स्वास्थ अधिकारी किंकर्तव्यविमूढ नजर आ रहे हैं। इससे विभाग की छवि को भी पलीता लग रहा है।
बुधवार को गांव महमूदाबाद-मकरेड़ा में ग्रामीणों ने कूड़े से भरी नगर निगम की गाडिय़ों को वापिस लौटा दिया। ग्रामीणों द्वारा कूड़ा डाले जाने का विरोध किया जा रहा है। राजनगर एक्सटेंशन और पिलखुवा के गालंद में भी कूड़े डालने को लेकर विरोध चल रहा है। समस्या सिर्फ कूड़ा डंपिंग को लेकर ही नहीं है, बल्कि कॉलोनियों में भी गाडिय़ों से कूड़ा नहीं उठाये जाने की शिकायतें मिल रही है। कूड़ा डंपिंग की समस्या यदि आज बिकराल हुई है तो वह सिर्फ स्वास्थ्य विभाग के नकारेपन की वजह से हुआ है।
तेल के खेल में माहिर और रिश्वतखोरी में फंसे अधिकारी ना तो काम की प्राथमिकता सही समय पर तय कर पा रहे हैं और ना ही ठीक ढ़ंग से किसी समस्या को निस्तारित करने में कोई दिलचस्पी दिखाते हैं। यही वजह है कि विभाग की छोटी सी छोटी समस्याओं के निस्तारण के लिए नगरायुक्त को पहल करनी पड़ती है। नगर निगम में तो चर्चाएं यहां तक चल रही है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जमानत करवाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं और इन्हीं व्यस्तता की वजह से वह नगर निगम के कामकाज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रहे हैं। ज्ञात हो कि नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश और स्वास्थ विभाग का बाबू भ्रष्टाचार के मामले में नामजद आरोपी हैं और विजलेंस द्वारा मुकदमा दर्ज कर इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बहरहाल अधिकारियों के इस रवैये का खामियाजा शहरवासियों को भुगतना पड़ रहा है।
वहीं, बुधवार को ग्रामीणों ने गांव मकरेड़ा में की गई पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि किसी भी कीमत पर कूड़ा डंप नहीं करने दिया जाएगा। कोर्ट व एनजीटी का भी सहारा लिया जाएगा। पंचायत की अध्यक्षता धनपाल सिंह,संचालन सलेक भईया ने किया।किसान विकास संघर्ष समिति के सचिव सलेक भईया ने कहा कि यहां कूड़ा डंप नहीं होने दिया जाएगा। मकरेड़ा सहित आसपास के तीन दर्जन से अधिक गांवों में जनसंपर्क अभियान चलाने पर सहमति बनी हैं।