जीडीए कॉलोनी के कूड़े के मामले में एनजीटी ने नगर निगम पर लगाया 1 करोड़ का जुर्माना

– इंदिरापुरम में कूड़ा निस्तारण की प्रगति से एनजीटी नहीं हुआ संतुष्ट

गाजियाबाद। जीडीए की कॉलोनी इंदिरापुरम के कूड़ा से संबंधित एक मामले में एनजीटी ने नगर निगम पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जीडीए ने इंदिरापुरम कॉलोनी बसा दी लेकिन कॉलोनी से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण किस तरह हो इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जीडीए द्वारा इंदिरापुरम के शक्तिखंड-4 में खाली पड़े प्लॉट पर कूड़ा डंप किया जाता रहा। नतीजा शक्तिखंड में कूड़े का पहाड़ बन गया। स्थानीय लोगों द्वारा एनजीटी में मुकदमा दायर करने के बाद नगर निगम को कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी दी गई। नगर निगम ने कूड़ा निस्तारण की कवायद शुरू कर दी। कूड़ा निस्तारण को लेकर काफी काम हुआ लेकिन कोविड की वजह से काम को निर्धारित अवधि में पूरा नहीं किया जा सका। ऐसे में एनजीटी ने नगर निगम पर जुर्माना लगाया है। नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि एनजीटी के आदेशों के क्रम में कूड़ा निस्तारण का काम हुआ है। जो काम बचा हुआ है उसे भी जल्द पूरा कराया जाएगा। उधर, एनजीटी के हालिया आदेशों के क्रम में रिव्यू पेटीशन दाखिल कर एनजीटी के समक्ष वास्तविक स्थिति और सभी तथ्यों को रखा जाएगा।nagar-nigam-gzb
शक्ति खंड-4 में कूड़ा डाले जाने के मामले में कंफेडरेशन आफ ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए की ओर से एनजीटी में याचिका दायर की गई थी। जिसके बाद एनजीटी ने आदेश जारी कर नगर निगम को कूड़ा निस्तारित करने को कहा। कूड़ा निस्तारण में आने वाले खर्च का वहन जीडीए द्वारा किया जा रहा है। वर्षों से जमा कूड़े के ढ़ेर का निस्तारण के लिए नगर निगम बायोरेमेडिएशन प्लांट लगाया। लेकिन कोविड-19 और अन्य तकनीकि कारणों की वजह से काम में देरी हुई। इससे आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इसी को लेकर स्थानीय निवासियों ने फिर से एनजीटी के समक्ष अपना पक्ष रखा। इसके बाद एनजीटी ने एक करोड़ का जुर्माना लगाते हुए जिम्मेदार लोगों से इसकी वसूली करने का आदेश दिया।विदित हो कि एनजीटी के आदेशों के क्रम में गठित ओवर साईट कमेटी के चैयरमेन जस्टिस राठौर के नेतृत्व में एक रिपोर्ट सौंपी थी। जिसमें कूड़ा निस्तारण को लेकर नगर निगम के काम के प्रयास को सराहा गया था।
एनजीटी द्वारा लगाए गये जुर्माने को लेकर पूछे गये सवाल के जवाब में नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि एनजीटी के आदेशों का पालन कराया जा रहा है। कुछ समय पूर्व कमेटी ने साइट का निरीक्षण किया था। कमेटी ने इस बाबत रिपोर्ट भी सौंपी थी। कोविड-19 की वजह से भी कुछ काम प्रभावित हुआ है। ऐसे में सभी तथ्यों की जानकारी देते हुए एनजीटी में रिव्यू पेटीशन दाखिल की जाएगी।