वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के साथ उद्यमियों की अह्म बैठक

गाजियाबाद। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के साथ इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआई) के प्रतिनिधियों ने महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में जरूरी बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया गया। आईआईए के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल के मार्गदर्शन में आईआईए गाजियाबाद चैप्टर के प्रतिनिधिमंडल ने इस बैठक में भाग लिया। प्रतिनिधिमंडल ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सचिव अरविंद नोटियाल को समस्याओं से अवगत कराया। एनसीआर एवं निकटवर्ती क्षेत्रों में स्थित सभी उद्योगों को 30 सितम्बर तक प्राकृतिक गैस एवं बायोमॉस से उद्योगों का संचालन किए जाने तथा ऐसा न किए जाने की दशा में उन्हें बन्द किए जाने संबंधी वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश की जानकारी दी गई।

बैठक में मनोज कुमार (चेयरमैन), राकेश अनेजा (सचिव), संदीप कुमार (सं0 सचिव) व ब्रिजेश अग्रवाल इत्यादि उपस्थित रहे। इस दौरान विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें 250 केवीए से कम क्षमता के जेनसेट को परिवर्तित करने की कोई तकनीक एवं प्राविधान उपलब्ध नहीं है, जबकि देखा जाए तो एक एमएसएमई इकाई में अधिकतम 25 केवीए क्षमता के जेनसेट ही औसत आता है। गाजियाबाद में पीएनजी की वर्तमान दर लगभग 55.13 रुपए है एवं पीएनजी लकड़ी की तुलना में लगभग 6.0 गुणा महंगा तथा कोयला की तुलना में लगभग 4.0 गुणा महंगा है। इसके अलावा पीनएजी पर 10 प्रतिशत वैट अन्य राज्यों की तुलना में सबसे अधिक है, जिसके कारण एनसीआर क्षेत्र के उद्योगों की उत्पादन लागत बढ़ जाती है तथा उन इकाईयों का वर्तमान प्रतिस्पर्धात्मक दौर में संचालन असंभव है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के सचिव ने सभी बिंदुओं को गंभीरता से सुना तथा कहा कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों जिनमें 100 केवीए या इससे कम क्षमता तक के जेनसेट स्टेंड बाय के रूप में उपयोग में आते हैं, के उद्योगों की सूची उपलब्ध कराई जाए, ताकि इस संदर्भ में कुछ विचार किया जा सके। इसके अलावा उन्होने स्पष्ट किया है कि केवल ग्रेप के समय में पीएनजी परिवर्तित जेनसेट के संचालन की अनुमति होती है। इसके अलावा डीजल चालित जेनसेट उपयोग में लाए जा सकते हैं। उन्होने पीएनजी के अडोप्ट करने पर बढऩे वाली उत्पादन लागत को भी समझा तथा आश्वस्त किया कि उक्त के संबंध में विचार किया जायेगा।