गाजियाबाद में रॉ एजेंट बनकर लोगों से करते थे, पूजापाठ के बहाने पंडित करता था बेरोजगार युवाओं को टारगेट

नगर कोतवाली पुलिस एवं स्वॉट टीम ने किया भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार
शादी कार्ड छापने की आड़ में साथी प्रिंटिग प्रेस का मालिक करता था फर्जी लेटर व आईडी तैयार

गाजियाबाद। रॉ एजेंट बनकर सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का नगर कोतवाली पुलिस एवं डीसीपी नगर की स्वाट टीम ने भंडाफोड़ करते हुए तीन शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए ठग शातिर किस्म के है, जो बेरोजगार लोगों को सेना व बैंक में नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनके साथ ठगी करते थे। ठगी से पूर्व विश्वास दिलाने के लिए फर्जी आईडी दिखाकर फर्जी ट्रेनिंग व ज्वाइनिंग के लिंक भी भेजते थे।
हरसांव पुलिस लाइन में ठगी की घटना का खुलासा करते हुए डीसीपी (नगर) निपुण अग्रवाल ने एसीपी नगर कोतवाली सुजीत कुमार रॉय की मौजूदगी में बताया कि न्यू पंचवटी कालोनी निवासी रवि पाल एक मोबाइल की दुकान पर नौकरी करता है। उनके पास वर्ष 2022 में मूल रूप से पश्चिम बंगाल निवासी अनिकेत दत्ता आया। मोबाइल फोन खरीदते समय आरोपित ने अपने को सेना व रा का उच्चाधिकारी बताया। जिसके बाद उसने आरोपी ने सेना में नौकरी लगवाने का झांसा दिया। धीरे-धीरे रवि पाल को पहले अपने विश्वास में लिया।

उसने अपनी सर्विस पिस्टल व वर्दी में फोटो भी दिखाएं और उन्हें कई बार दिल्ली कैंट ले गया। जहां वह उन्हें बाहर छोड़कर खुद अंदर चला जापता था। नौकरी के नाम पर आरोपी ने रवि पाल से 2.10 लाख रुपये ले लिए। जिसके बाद आरोपी ने उन्हें अपनी एक महिला मित्र व उसके पिता से मिलवाते हुए पिता को रेलवे में बड़ा अधिकारी बताया और अपने पिता प्रबीर दत्ता को भारत सरकार का उच्चाधिकारी बताया। जब पीड़ित को उस पर विश्वास हुआ तो अपने साथ उसने अपने मुकेश आर्य की भी नौकरी लगवाने के लिए 1.30 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। उन्हें व उनके साले को ईमेल के माध्यम से कई ट्रेनिंग, भर्ती के लिंक भेजे। जिन पर रक्षा मंत्रालय की मुहर व हस्ताक्षर थे। उनके साले को नियुक्ति पत्र भी मेल के माध्यम से भेजा गया। बाद में जांच में यह फर्जी निकाला। नौकरी का दबाव डालने पर वह झारखंड के जसीडीह ले गया और बोला की तुम्हारी नौकरी पक्की हो गई है।


जब आरोपित का वहां जाकर राज खुला तो उसने पैसे लौटाने की बात कही। जिसके बाद उसने उनके पास अपना पहचान पत्र, आधार कार्ड, शस्त्र लाइसेंस, सर्विस का कार्ड समेत अन्य दस्तावेज रख दिए। लेकिन सभी दस्तावेज फर्जी निकले। पीड़ित ने घटना की शिकायत नगर कोतवाली थाने में दर्ज कराई। पीड़ित की शिकायत पर जांच करते हुए टीम का गठन किया गया। सर्विलांस की मदद से नगर कोतवाली प्रभारी महेश सिंह राणा, दरोगा धर्मवीर सिंह एवं स्वॉट टीम प्रभारी नरेंद्र कुमार की टीम ने शनिवार को अनिकेत दत्ता पुत्र प्रोबीर कुमार दत्ता निवासी नांगलोई नई दिल्ली मूल पता ग्राम सुभाष गंज उत्तर दिनाजपुर पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया गया। जब आरोपी से सख्ती से पूछताछ की गई तो पता चला कि उसके साथ मुकुल वर्मा पुत्र राजकुमार वर्मा निवासी सोहनलाल सिहानी गेट व अभिषेक शर्मा पुत्र संजीव शर्मा निवासी जटवाड़ा भी जुड़े हुए है। दोनों आरोपियों को सुबह घर से गिरफ्तार किया गया। जिनकी निशानदेही पर एक लैपटॉप, तीन स्मार्ट मोबाइल फोन, दो फर्जी आईडी कार्ड बरामद किया गया।
डीसीपी (नगर) ने बताया अनिकेत दत्ता अपने आप को सेना का बडा अधिकारी बताकर तथा अपने साथी अभिषेक शर्मा व मुकुल वर्मा के साथ मिलकर बेरोजगार व्यक्तियों को चिन्हित कर उनको झांसे मे लेकर सेना व रेलवे मे नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करता था। मुकुल वर्मा फर्जी आईडी व फर्जी ज्वाइनिंग लेटर अपने लैपटॉप पर तैयार करता था। जिसे अनिकेत दत्ता अपनी मेल आईडी सर्विस डिफेंस एट द रेट जीमेल डॉट कॉम से लोगों को मेल करता था। आरोपी 10 से 12 लोगों से ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके है। तीनों आरोपी नौकरी लगवाने के नाम पर प्रत्येक व्यक्ति से करीब सवा लाख रुपए लेते थे। जिन्हें बाद में आपस में बांट लेते थे।

पंडिताई के भेष में देता था नौकरी का झांसा

अभिषेक शर्मा (पंडित) पूजा-पाठ का काम करता है। कई वर्ष पूर्व अभिषेक शर्मा घूमने के पश्विम बंगाल गया हुआ था। वहां उसकी मुलाकात अनिकेत दत्ता से हुई। जिसके बाद दोनों में दोस्ती हुई। उसके बाद दोनों ने मिलकर लोगों को कैसे ठगा जा सकता है। उसकी योजना बनाई। अभिषेक शर्मा गाजियाबाद में पूजापाठ का काम करता था। जो पूजा पाठ के बहाने बेरोजगार युवाओं को टारगेट करता था। बेरोजगार लोगों की सूची देने में अभिषेक शर्मा का अहम रोल था। जो बेरोजगार लोगों को चिन्हिंत करता था और जिन्हें नौकरी की सख्त जरुरत है। उन्हें सेना व रेलवे में नौकरी लगवाने का झांसा देकर कहता था कि उसकी सेना व रेलवे के बड़े अधिकारियों से जानकारी है। फिर उन्हें अनिकेत दत्ता से मिलवाता था। आगे का काम अनिकेत दत्ता करता था, जो खुद को सेना व रा का उच्चाधिकारी बताकर उन्हें विश्वास में लेकर ठगी करता था।

प्रिंटिग प्रेस की आड़ में तैयार करता था फर्जी आईडी व फर्जी ज्वाइनिंग लेटर

मुकुल वर्मा अभिषेक शर्मा का बचपन का दोस्त है। मुकुल वर्मा की चौपला मंदिर पर भरत प्रिङ्क्षटग प्रेस के नाम से दुकान है। लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देने के लिए फर्जी आईडी और ज्वाइनिंग लेटर छापने के लिए अभिषेक शर्मा ने मुकुल वर्मा को तैयार किया। क्योंकि बिना आईडी और लेटर के लोगों को विश्वास में लेना संभव नही था और यह काम कोई और कर भी नहीं सकता था। जिसके बाद मुकुल वर्मा ने शादी कार्ड छापने की आड़ में सेना व रेलवे के फर्जी आईडी व फर्जी ज्वाइनिंग लेटर छापने काम करने लगा। आरोपी पिछले कई वर्षों से यह काम कर रहा था। लोगों को शक न हो इसके लिए प्रिंटिग प्रेस की मशीन पर शादी कार्ड, पम्पलेट छापने का काम करता था।