गौतम पब्लिक स्कूल में भारतीय संविधान दिवस और समाजिक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन

  • भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान: पूनम गौतम
  • शिक्षकों ने बच्चों को किया जागरूक, विद्यार्थियों को मूल कर्तव्यों की दिलाई शपथ

गाजियाबाद। गौतम पब्लिक सीनियर सेंकेडरी स्कूल, पी ब्लॉक प्रताप विहार में शनिवार को भारतीय संविधान दिवस और समाजिक विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। विद्यार्थियों को मूल कर्तव्यों, संवैधानिक आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रीय प्रतीकों आदि का आदर करने की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्या पूनम गौतम ने विधार्थियो को भारतीय संविधान के बारे में बताया। भारतीय संविधान सभी भारतीयों का गर्व है। भारत के संविधान के बारे में सुनकर हमे डॉ भीमराव आंबेडकर जी की वह छवि याद आ जाती है। जो सभी हिन्दुस्तानियो के दिलो दिमाग तक बसी है।

भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है जिसकी रचना डॉ भीमराव आंबेडकर ने किया था। 14 अगस्त सन 1947 तक क्योंकि भारत ब्रिटिश सत्ता के अधीन था, अत: उसका अपना कोई स्वतंत्र संविधान नहीं था। ब्रिटिश पार्लियामेंट अपनी साम्राज्यवादी इच्छाओं के अनुरूप हमारे देश में बैठकर जो संविधान बना देती, वहीं यहां पर लागू हो जाता। वह यहां के जन-मानस की इच्छा-आकांक्षांए और आवश्यकतांए कहां तक पूरी कर पाता है, इसकी चिंता कतई नहीं की जाती थी।

उप प्रधानाचार्या तनूजा ने बताया कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे पहले निर्वाचित संसद ने जो नया संविधान प्रसिद्ध संविधानविद डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में बनाया, उसी का मूल स्वरूप आज भारत में लागू है। यधपि समय और स्थितियों के अनुरूप अब तक उसमें कई सुधार, संशोधन और परिवर्तन किए जा चुके हैं, समय-समय पर अब भी किए जाते हैं, फिर भी कुल मिलाकर उसका मूल ढांचा अभी तक सुरक्षित बना हुआ है। वर्तमान समय में हमारा संविधान कुल 22 भाग तथा 395 अनुच्छेदों तथा 12 अनुसूचियों से मिलकर बना हुआ है। हमारा सविधान 26 नवम्बर 1949 को अस्तित्व में आया था तथा 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।

यह हमे मूलभूत अधिकारों के साथ-साथ हमारे देश के प्रति मूल कर्तव्यों की भी विवेचना करता है जिसका हमे सभी भारतीयों को हर परिस्थिति में ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने बताया कि इस प्रदर्शनी में स्कूल के इन बाल वैज्ञानिकों ने अपने मॉडलों से यह दिखाने का प्रयास किया कि आने वाला कल उनका है बच्चों ने समाजिक विज्ञान प्रर्दशनी मे जल संरक्षण, विभिन्न ऋतुओं, अंतरिक्ष, स्वस्थ और मशीनों के बारे में वर्किग मॉडल पेश किए संविधान दिवस के उपलक्ष्य मे उत्सव, गरिमा, दिव्याशी नीरज, शिवा, यश द्वारा मौलिक अधिकारों को प्रदर्शित करते हुए नाटक का मंचन किया तथा जूनियर विंग के विधार्थियों द्वारा भारत की विविधता में एकता को बड़े ही रोचक रूप से प्रदर्शित किया विद्यालय के एकडमिक हेड चेतन शर्मा ने विद्यार्थियों का मनोबल बढ़ाया और विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित करने की प्रेरणा दी। साथ ही उन्होंने अध्यापक, अध्यापिकाओं और अभिभावकों के मार्गदर्शन की सराहना की। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल शिक्षक एवं शिक्षिकाओं का योगदान रहा।