देश की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करना सबकी जिम्मेदारी: सीडीओ

-संविधान दिवस पर अधिकारियों ने ली एकता व अखंडता की शपथ

गाजियाबाद। संविधान दिवस के मौके पर कलेक्ट्रेट सभागार में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अस्मिता लाल ने संविधान दिवस के अवसर पर मौलिक कर्तव्यों की शपथ दिलाई। सूचना विभाग के तत्वाधान में कलेक्ट्रेट परिसर एवं जिला न्यायलय कलेक्ट्रेट परिसर में एलईडी वेन के माध्यम से संविधान दिवस के अवसर पर दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश में आयोजित कार्यक्रम का हुआ सजीव प्रसारण हुआ। सीडीओ अस्मिता लाल ने कहा 26 नवंबर का दिन भारत का एक ऐतिहासिक दिन होता है। इस दिन सम्मेलन से निर्मित किसी देश का सर्वोच्च उच्च प्राथमिक मूल कानून को तैयार किया गया था। इस दिन को हम संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 नवंबर 2015 से इसे संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया था। उन्होंने कहा आज आप सभी को जो संविधान की शपथ दिलाई गई है इसी का सब अपने जीवन में सरकारी दायित्व के साथ अनुपालन करें। हमें सरकारी कार्य करने का जो सौभाग्य प्राप्त हुआ है यह हमारे लिए बहुत गौरव की बात है। अपने स्तर पर जो भी कार्य हो उसे ईमानदारी सत्यनिष्ठा लगनता, तत्परता के साथ करें। आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया था। इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ0 भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई।
दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से देखने-परखने के बाद बाबा साहब डॉ0 अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया, इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया। संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था, यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र देश हैं। 72 वर्ष पहले हमारे संविधान निर्माताओं ने स्वाधीन भारत के उज्जवल भविष्य के दस्तावेज को यानी हमारे संविधान को अंगीकार किया था तथा भारत की जनता के लिए आत्मार्पित किया था। लगभग 7 दशक की अल्प अवधि में भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक विकास की एक ऐसी अद्भुत गाथा लिख दी, जिसने समूची दुनिया को विस्मिृृत कर दिया। इस मोके पर जिला सूचना अधिकारी गौरव दयाल एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।