संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेंद्र कुमार ने पेश की इंसानियत की मिसाल, कोरोना से मृत अनजान लोगों का गंगा घाट पर जाकर किया अंतिम संस्कार

-18 अस्थियों का बृजघाट में कराया विसर्जन

गाजियाबाद। संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेंद्र कुमार ने कोरोना काल में इंसानियत की मिसाल पेश की है। उन्होंने मानवीय दृष्टिकोण को अपना कर 18 मृतकों की अस्थियों का बृजघाट (गढ़मुक्तेश्वर) में विसर्जन कराया है। पूर्ण विधि-विधान के साथ इस कार्य को अंजाम दिया गया। हिंडन श्मशान घाट पर वर्तमान में 18 मृतकों की अस्थियां रखी थीं। इनमें 14 अस्थियां ऐसे लोगों की थी, जिनकी मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो गई थी। अंतिम संस्कार होने के बावजूद इनके परिवार वहां अस्थियां लेने नहीं पहुंचे थे। इसका अलावा 4 लावारिस नागरिकों की अस्थियां थीं। इन अस्थियों का विसर्जन पिछले डेढ़ से दो माह के बीच नहीं हो पाया था। इसकी जानकारी मिलने के बाद संयुक्त आयुक्त उद्योग बीरेंद्र कुमार काफी विचलित हो गए थे। उन्होंने उक्त सभी अस्थियों को गंगा जी में विसर्जित करने का मन बनाया। उन्होंने मानवीय दृष्टिकोण से नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर से अनुमति लेने के उपरांत हिंडन शमशान घाट पर रखी इन अस्थियों की सूची नगर निगम से प्राप्त की। तदुपरांत जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र गाजियाबाद के कर्मचारियों के साथ पूर्ण विधि-विधान से बृजघाट गढ़मुक्तेश्वर गंगा घाट पर विसर्जित किया। इसके उपरांत गो ग्रास व गंगा ग्रास आदि कराकर गरीब बच्चों एवं व्यक्तियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ भोजन कराया गया। बता दें कि कोरोना काल में ऐसे भी मामले प्रकाश में आए हैं कि किसी व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद उसके परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से भी दूरी बना ली थी। इसके चलते हिंडन मोक्ष स्थली पर ऐसे मृतकों की अस्थियों की संख्या निरंतर बढ़ती चली गई।