शराब माफिया का सफाया, आबकारी विभाग का ताबड़तोड़ एक्शन जारी

मुखबिर तंत्र के सहारे तोड़ी जा रही अवैध शराब के कारोबार में लिप्त माफिया की कमर
चेकिंग अभियान के जरिये तस्करी पर भी रखी जा रही नजर, दहशत में माफिया
आयोजनकर्ताओं को चेताया, ऑकेजनल बार लाइसेंस के लिए एफएल-11 अनिवार्य

गाजियाबाद। जनपद में अवैध शराब के कारोबार में लिप्त कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए आबकारी विभाग की टीम अभियान चलाकर कार्रवाई कर रही है। जिससे बड़ों के साथ छोटे तस्करों को भी सलाखों के पीछे भेजा जा सकें। अवैध रूप से शराब का कारोबार करने वाले शराब माफिया पर शिकंजा कसते हुए आबकारी विभाग की टीम लगातार अपनी छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दे रहा है। विभाग की लगातार चल रही कार्रवाई से माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। अवैध शराब बनाने, उसकी बिक्री व तस्करी रोकने के लिए आबकारी विभाग पिछले कई महीने से अभियान चला रखा है, लेकिन उसके बाद भी चोरी-छिपे शराब माफिया तस्करी करने से बाज नही आ रहे है। हालांकि आबकारी विभाग शराब माफिया के कई सिंडिकेट को ध्वस्त कर चुका है। अगर बात की जाए जिले में शराब तस्करी की तो अब पहले के मुकाबले शराब माफिया गाजियाबाद में कदम रखने से भी डर रहे है।

बाहरी राज्यों से आने वाली शराब चाहे गाजियाबाद में आए, या फिर गाजियाबाद की सीमा होते हुए अन्य राज्य में जाए, दोनों पर ही आबकारी विभाग ने अपना पूरी तरह से शिकंजा कसा हुआ है। जिसकी कमान खुद आबकारी अधिकारी संभाले हुए है। दिन और रात को भूलकर आबकारी विभाग की टीमें हाईवे, नेशनल हाईवे पर वाहनों की चेकिंग तो कर रही है। साथ ही ट्रेन व बस में सफर करने वाले यात्रियों के सामानों की भी चेकिंग की जा रही है। गाजियाबाद दिल्ली से सटा होने के कारण अक्सर लोग ट्रेन व बस में सफर के दौरान आनंद विहार से दिल्ली की सस्ती शराब खरीद लेते है। मगर उन्हें यह नहीं पता होता है कि अगर वह पकड़े गए तो उनकी जगह सिर्फ जेल ही होगी। जिसके लिए आबकारी विभाग की टीमें चेकिंग के साथ-साथ लोगों को बाहरी राज्यों से होने वाली शराब तस्करी के खिलाफ जागरुक भी करती है। जिससे लोग अब जागरूक भी होते नजर आ रहे है। या फिर यह कहा जाएं कि बाहरी राज्यों में होने वाली शराब तस्करी के लिए माफिया ने अपना रास्ता ही बदल दिया है। आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा, हिम्मत सिंह, राकेश त्रिपाठी, त्रिवेणी प्रसाद मौर्य, मनोज शर्मा, अनुज वर्मा और अभय दीप सिंह की टीम द्वारा शनिवार रात व रविवार को भी अभियान चलाकर कार्रवाई की गई है।

शराब को लेकर बढ़ी आबकारी विभाग की सख्ती और लगातार की जा रही कार्रवाई के बाद शराब तस्करों ने अपना रूट बदल दिया है। अब अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली से शराब सीधे गाजियाबाद में ना आकर हाईवे से होते हुए बाहर जा रही है। आबकारी विभाग के मंसूबों को देखकर शराब माफिया को निरंतर अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ रहा है। इसके बावजूद उन्हें जिले में पांव जमाने का मौका नहीं मिल पा रहा है। सख्ती होने पर वह अपनी रणनीति और ठिकानों में बदलाव कर लेते हैं। इसके चलते आबकारी विभाग को सधी रणनीति अपना कर कार्रवाई करनी पड़ती है। शराब माफिया और उनके गुर्गों की नींद उड़ी पड़ी है। इसका कारण साफ है कि विभाग ने अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन की चेन तोडऩे के लिए प्रभावी कार्ययोजना अपना रखी है।

इसके तहत शराब माफिया और उनके गुर्गों को संभलने का मौका नहीं दिया जा रहा है। आबकारी विभाग ने अपने नेटवर्क का विस्तार किया है। इसके अलावा सभी आबकारी निरीक्षकों के मध्य तालमेल को बढ़ाया गया है। निरीक्षक भी एक-दूसरे का भरपूर सहयोग कर सूचना का आदान-प्रदान कर रहे हैं। इसके नतीजे भी अच्छे मिल रहे हैं।

शराब पार्टी के लिए बैंक्वट हॉल, फार्म हाउस मालिक को दी लाइसेंस की हिदायत

जनपद में बगैर बार लाइसेंस के शराब परोसना भारी पड़ेगा। इस प्रचलन पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के लिए आबकारी विभाग ने कमर कस ली है। किसी कार्यक्रम के दौरान शराब परोसने के लिए ऑकेजनल बार लाइसेंस यानि एफएल-11 का होना अनिवार्य है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मातहतों को निर्देश दिए हैं कि बगैर लाइसेंस के कार्यक्रम होने की शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाए। इस संबंध में जनपद के सभी होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, बैंक्वट हॉल, फार्म हाउस और मैरिज लॉन संचालकों को भी निर्देशित किया गया है कि उनके यहां होने वाले आयोजनों में मदिरापान की व्यवस्था बगैर लाइसेंस के ना हो। गाजियाबाद के विभिन्न आयोजन स्थल जहां शादी व पार्टी आयोजित की जाती हैं, जिसमें आयोजक द्वारा मदिरापान भी कराया जाता है।

ऐसे प्रत्येक आयोजनकर्ता द्वारा आबकारी विभाग से नियमानुसार ऑकेजनल बार लाइसेंस प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। यदि कोई ऑकेजनल बार लाइसेंस के बिना मदिरापान कराते पाया जाता है तो संबंधित होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, बैंक्वट, फार्म हाउस एवं मैरिज लॉन के विरूद्ध नियमानुसार एफआईआर दर्ज कराकर जिला प्रशासन से प्राप्त अन्य अनुज्ञा-पत्रो को निरस्त कराया जाएगा। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया अवैध शराब के विरुद्ध टीम द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है। डासना, दुहाई चेक पोस्ट, पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे, यूपी बोर्डर, लोनी बॉर्डर एवं सीमावर्ती क्षेत्रों आबकारी विभाग के साथ-साथ मुखबिर तंत्र भी पूरी तरह से सतर्क है। डासना टोल प्लाजा से शराब तस्कर अक्सर आवागमन करते थे।

इसे देखकर विभाग ने वहां सतर्कता बढ़ाई है। मुख्य मार्गों पर संदिग्ध व्यक्तियों एवं वाहनों की सघन चेकिंग होने से शराब तस्करों की बेचैनी बढ़ी हुई है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया अवैध शराब की बिक्री रोकने और वैध शराब की बिक्री सुनिश्चित कर राजस्व बढ़ाने के लिए इस तरह की कार्यवाही आगे भी जारी रहेगी। आबकारी निरीक्षकों को लगातार हाईवे, ढाबा, औद्योगिक क्षेत्र एवं खादर क्षेत्रों में चेकिंग करने के सख्त निर्देश दिए गये है। ढाबा संचालकों को किसी भी हालत में अवैध रूप से अवैध शराब की बिक्री न करने की चेतावनी दी गई है। अवैध शराब की बिक्री मिलने पर संबंधित ढाबा मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही फुटकर दुकानों एंव मॉडल शॉप का निरीक्षण के साथ दुकानों पर गोपनीय रूप से टेस्ट परचेज  कराया गया। विक्रेताओं को नियमानुसार दुकानों को संचालित करने के लिए निर्देशित किया गया।