भूजल स्तर में सुधार के लिए नगर निगम प्रयासरत : नगरायुक्त

गाजियाबाद। प्रतिवर्ष भूजल स्तर 2 से 4 मीटर तक नीचे जाने के चलते अब शहर में जल संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं इसे रोकने के लिए कारगर साबित होंगी। इससे भूजल के गिरते स्तर को बचाया जा सकेगा। साल-2022 में जल संरक्षण के लिए जरूरी कई परियोजनाओं की सौगात नागरिकों को मिल सकेगी। नगरायुक्त आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि यह तमाम कवायद भू-जल स्तर को सुधारने की है। नगर निगम द्वारा इंदिरापुरम में 40 एमएलडी क्षमता का टर्सियरी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (टीएसटीपी) और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगने से 25 से 30 एममलडी पानी की बचत हो सकेगी। इन्हें लगाने के लिए नगर निगम द्वारा जल्द कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इनके लगने के बाद यह गिरते भू-जल स्तर को रोकने में कारगर साबित होंगे। टीएसटीपी में एसटीपी में शोधित किए गए पानी को दोबारा शोधित किया जाएगा। ताकि उसका इस्तेमाल कर भूजल दोहन पर रोक लग सके। साल-2022 में जल संरक्षण को लेकर कई योजनाओं पर कार्य किया जाएगा। इनमें टीएसटीपी,एसटीपी का निर्माण के साथ ही तालाबों की सफाई भी कराई जाएगी। वहीं, जल संरक्षण के लिए लोगों का जागरूक भी किया जाएगा। नगर निगम द्वारा टीएसटीपी में शोधित किए 36 एमएलडी पानी को साईट-4 साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयों में व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए दिया जाएगा। इसकी एवज में प्रति लीटर के अनुसार फैक्ट्री मालिकों से शुल्क लिया जाएगा। ऐसे होने पर रोजाना 36 एमएलडी पानी की बचत होगी।

30 केएलडी का प्लांट होगा तैयार:
हिंडन एयरपोर्ट में नगर निगम द्वारा 30 केएलडी का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जा रहा है। यह प्लांट मार्च में तैयार हो जाएगा। इससे शोधित पानी का इस्तेमाल सड़कों पर पानी का छिड़काव करने के अलावा पौधों को सींचने और बागवानी में होगा। रोजाना 30 हजार लीटर पानी की बचत होगी और हिंडन एयरपोर्ट में पानी की बबार्दी शून्य हो जाएगी। वहीं,नगर निगम द्वारा 100 पार्कों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाए जा रहे हैं, ताकि वर्षा का जल संरक्षित किया जा सके। पार्कों में सिस्टम लगाने ठेका कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा। इससे भूजल स्तर में सुधार आएगा और पानी की किल्लत की समस्या कम होगी। ग्रामीण क्षेत्र में बन रहे सोख्ता गड्ढा: ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम पंचायत में पांच सोख्ता गड्ढे बनाने का कार्य भी शुरू है। इसके लिए पंचायतीराज विभाग द्वारा धनराशि भी जारी हो गई है। गांवों में सोख्ता गड्ढा बनने से भी भूजल स्तर में सुधार होगा।