एमएमएच महाविद्यालय में शोध विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला संपन्न

-शोध की गुणवत्ता के लिए नई तकनीकों का प्रयोग आवश्यक: पीयूष चौहान

गाजियाबाद। एमएमएच कॉलेज में शोध लेखन और संदर्भ प्रबंधन विषय पर रविवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन संपन्न हुआ। महाविद्यालय के सभागार में कार्यशाला का शुभारंभ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और वंदना के साथ आरंभ हुआ। कार्यशाला संयोजक डॉ उत्तम कुमार ने कार्यशाला की प्रस्तावना रखते हुए कहा शोध और संदर्भ के विभिन्न प्रकारों के लिए मेंडेले का प्रयोग शोधार्थियों के लिए अत्यंत सहायक है एवं डॉ एसबी कुलश्रेष्ठ ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला में अतिथियों का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य, प्रोफेसर पीयूष चौहान ने कहा कि शोध की गुणवत्ता के लिए नई तकनीकों का प्रयोग आवश्यक है।

इस राष्ट्रीय कार्यशाला के मुख्य अतिथि प्रोफेसर संजीव शर्मा चौधरी चरणसिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के राजनीति शास्त्र विभाग एवं पूर्व कुलपति, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी (बिहार) ने अपने व्यक्तव्य में कार्यशाला के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि हमें अनुकरण के बजाय शोध की मौलिकता पर अपनी ऊर्जा केंद्रित करना होगी एवं प्राचीन भारत में शास्त्रो का सन्दर्भ लेते हुए वर्तमान में शोध कैसे हो उस पर प्रकाश डाला। कार्यशाला की मुख्य वक्ता डॉ. शिवा कनौजिया डिप्टी लाइब्रेरियन डॉ बीआर अंबेडकर केंद्रीय पुस्तकालय जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली ने प्रथम सत्र में शोध लेखन की बारीकियों पर व्याख्यान दिया और द्वितीय सत्र में मेंडले सॉफ्टवेयर के बारे में व्यापक जानकारी दी।

कार्यक्रम के बिशिष्ठ अतिथि, प्रोफेसर अखिलेश मिश्रा, प्राचार्य एसडी कॉलेज, उमा शकर मिश्रा मुख्य संपादक यूएसएम पत्रिका, एससी त्यागी अध्यक्ष यूपीएलए ने कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला के सत्रों का सफल संचालन सुप्रसिद्ध अन्तरराष्ट्रीय कवयित्री एवं आयोजन समिति सदस्य डॉ सीता सागर ने किया। कार्यशाला का आयोजन एमएमएच कॉलेज के पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग और भूगोल विभाग के संयुक्त तत्वाधान में किया गया। जिसमें दो सौ पचास से अधिक शिक्षकों तथा शोधार्थियों एवं डीन प्रोफेसर केशव कुमार, चीफ प्रॉक्टर डॉ योगेंद्र तोमर इस कार्यशाला में उपस्थिति रहे।