भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर कुसुम गोयल ने निर्दलीय पार्षद का भरा नामांकन

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में दो चरणों में होने वाले नगर निकाय चुनाव के द्वितीय चरण का नामांकन सोमवार को पूरा हो गया है। नगर निगम चुनाव के लिए प्रमुख दलों के मेयर प्रत्याशियों ने नामांकन किया, तो वही बड़ी संख्या में पार्षद प्रत्याशियों ने नामांकन किया। नगर निकाय चुनाव के लिए बीजेपी और बसपा ने सबसे आखिरी में अपने प्रत्याशियों के नामो की घोषणा की। जिन्हे टिकट मिला उन पार्षद प्रत्याशियों ने नामांकन किया और जिन्हें टिकट नहीं मिला उन्होंने निर्दलीय यानी कि अपनी पार्टी से बगावत कर मैदान में उतर आए। लेकिन इन सबके बीच में लोकप्रिय निवर्तमान पार्षद मनोज गोयल ने पार्टी से टिकट न मिलने पर अपनी पत्नी का निर्दलीय नामांकन किया।

कहते विकास की किसी की मोहताज नही होती, इस वाक्या को विवर्तमान पार्षद मनोज गोयल सार्थक साबित करते नजर आ रहे है। पिछले पांच सालों में जिस तरह से मनोज गोयल ने अभिभावक के रुप में क्षेत्र के लिए कार्य किया। वह शायद किसी अन्य पार्षद ने किया होगा। मनोज गोयल की पत्नी को टिकट न मिलने पर क्षेत्र के लोगों में भी काफी आक्रोश है। उन्हें उम्मीद थी कि जिस तरह से मनोज गोयल ने क्षेत्र के लिए काम किया है, पार्टी एक बार फिर उन्हें टिकट देकर हमारे बीच भेजेगी। मगर संगठन ने वार्ड-72 से उनकी प्रत्नी कुसुम गोयल का टिकट काटकर विमला देवी को टिकट दे दिया। विमला देवी को टिकट मिलने से क्षेत्र के लोगों में रोष है। कोई सोशल मीडिया तो ट्विीटर पर टिवीट् कर अपना विरोध जाहिर कर रहा है।

लोगों का कहना है कि कौशांबी जैसे पॉश इलाके मेंं एक ऐसी महिला को भाजपा द्वारा टिकट दिया गया। जो पहले 10 साल भोवापुर गांव से नगर निगम के सदन में कभी किसी विषय पर चर्चा नहीं कर पाए। लोगों का कहना है कि शायद उन्होंने कभी स्कूल भी नहीं देखा, बड़े दुर्भाग्य की बात है। वैसे भी यह सीट सामान्य थी, उसके बाद भी पार्टी के कुछ मठाधीश द्वारा आंखों पर पट्टी बांधकर टिकट दे दिया। वहीं मनोज गोयल का कहना है कि पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी से टिकट नही मिला, इसका अफसोस नही है। मगर पांच साल के कार्यकाल में जिस तरह से दिन-रात एक कर क्षेत्र व पार्टी के लिए कार्य किया। उसका फल नही मिला है। क्षेत्र के लोगों के कहने पर ही निर्दलीय नामांकन किया गया है। मुझे पार्षद पद का कोई लालच नही है। बस जब तक हूॅ क्षेत्र का विकास करु। इसी उद्देश्य के साथ ही नामांकन किया गया है। क्षेत्र के लोगों का पूरा सपोर्ट है, जो कार्य अधूरे रह गए थे, उन कार्यों को पूरा किया जाएगा। क्षेत्र के विकास को ओर ऊचांई पर ले जाना है।