फिर शुरू हुआ निगमकर्मियों का आंदोलन काम पर वापस लौटने की नगर आयुक्त ने की अपील

– मंगलवार को समझौता के बाद आंदोलन खत्म करने की हुई थी घोषणा लेकिन बुधवार को कारण बताओ नोटिस को लेकर फिर से फंस गया पेंच
– हड़ताल खत्म नहीं करने पर हड़ताल में शामिल कर्मचारियों के खिलाफ हो सकती है कार्रवाई, मिल रहे हैं संकेत
– मोदीनगर नगर पालिका के कर्मचारियों ने गाजियाबाद नगर निगम कर्मचारियों के समर्थन में कार्य बहिष्कार की दी चेतावनी
– नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने कहा मांगे मान लिये जाने के बाद फिर से हड़ताल करना है गैरकानूनी

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। नगर निगम कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार आंदोलन बुधवार से फिर से दोबारा शुरू हो गया। हालांकि मंगलवार को नगर आयुक्त द्वारा धरना दे रहे कर्मचारियों से वार्ता करने के बाद आंदोलन खत्म करने की घोषणा की गई थी और सभी कर्मचारी धरना से वापिस चले गये थे। लेकिन बुधवार सुबह एक बार फिर से कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय में कार्य बहिष्कार करते हुए धरना पर बैठ गये। बुधवार को गाजियाबाद नगर निगम कर्मचारी संघ ने 17 सूत्रीय नया मांग पत्र नगर आयुक्त को भेजा। उधर, कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन की वजह से नगर निगम का कामकाज प्रभावित हो रहा है। नगर निगम आने वाले लोगों को बैरंग लौैटना पड़ रहा हौ। कर्मचारियों के कार्यालय में नहीं बैठने के कारण रोजमर्रा के कामकाज भी प्रभावित हो रहे हैं। नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने एक बार फिर से निगम कर्मचारियों से काम पर वापिस लौटने की अपील की है। कर्मचारियों से अपील करते हुए नगर आयुक्त ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें मान ली गई है। उनकी मांगों पर कार्रवाई भी शुरू हो गई है। रातों रात सभी मांगों को एक साथ पूरा नहीं किया जा सकता। मांगों को पूरा करने में समय लगेगा। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों को शहरवासियों एवं नगर निगम के विषय में भी सोचना चाहिये। नगर आयुक्त ने कर्मचारियों से अपील की है कि वह किसी के बहकावे में ना आयें, उनके सभी हितों का ध्यान रखा जा रहा है और उनकी हड़ताल की वजह से शहरवासियों को भी परेशानी हो रही है। उधर, निगम प्रशासनिक सूत्रों से जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक यदि कर्मचारी हड़ताल जारी रखते हैं और काम पर वापिस नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है।

कारण बताओ नोटिस पर फंसा है पेंच
विदित हो कि 15 सूत्रीय मांग को लेकर गाजियाबाद नगर निगम कर्मचारी संघ ने मंगलवार से नगर निगम में कार्य बहिष्कार शुरू किया था। मंगलवार शाम को अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बीच एक समझौता भी हुआ जिसके बाद आंदोलन को समाप्त किया गया था। लेकिन बुधवार को फिर से आंदोलन शुरू हो गया। नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रविंद्र कुमार ने बताया कि मंगलवार को नगर आयुक्त ने आश्वासन दिया था कि शाम तक कारण बताओ नोटिस वापिस ले लिया जाएगा। इसी आश्वासन के बाद कर्मचारी ने कार्य बहिष्कार आंदोलन स्थगित किया था, लेकिन इस पर अमल नहीं हुआ। यूनियन के महामंत्री नितिन भारद्वाज को परेशान करने के उद्देश्य से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में नगर आयुक्त की घोषणा के बाद भी कारण बाताओ नोटिस का वापिस नहीं लिये जाने से कर्मचारियों के मन में संदेह बढ़ गया है। ऐसे में निगम कर्मचारियों ने कारण बताओ नोटिस वापिस नहीं लिये जाने तक कार्य वहिष्कार आंदोेलन जारी रखने का निर्णय लिया है। निगम अधिकारी और कर्मचारी यूनियन के बीच यदि कोई समझौता होता है तो उसे माना जाएगा लेकिन अधिकारियों द्वारा एक पक्षीय अपनी बात कह कर आंदोलन को खत्म करने की साजिश की जा रही है। यदि कर्मचारी यूनियन और नगर आयुक्त के बीच कोई समझौता होता है तो उसे सभी कर्मचारी मानेंगे।

स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन ने फूंका बिगुल
गाजियाबाद नगर निगम कर्मचारी यूनियन के आंदोलन को समर्थन देने के लिए स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन ने भी बिगुल फूंक दिया है। स्वायत्त शासन कर्मचारी संगठन की नगर पालिका परिषद मोदीनगर शाखा ने प्रमुख सचिव नगर विकास को इस बाबत एक पत्र भेजकर गाजियाबाद के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है। मोदीनगर शाखा के अध्यक्ष अंकित गोयल और महामंत्री कामेश कुमार का कहना है कि यदि 3 दिवस के अंदर गाजियाबाद नगर निगम के नगर आयुक्त द्वारा कर्मचारी प्रतिनिधियों से सम्मानजनक समझौता नहीं किया गया तो मोदीनगर नगर पालिका में भी कार्य बहिष्कार किया जाएगा और इसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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नगर आयुक्त की अपील
कर्मचारियों से अपील करते हुए नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने कहा कि मैं हड़ताल में शामिल सभी कर्मचारियों से अपील करता हूं कि वह धरना प्रदर्शन खत्म कर काम पर वापिस लौट जाये। सभी को अनुशासन में रहना जरूरी है। अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। शासनादेश जारी है कि हड़ताल नहीं की जा सकती है। कर्मचारियों की सभी मांगें मान ली गई है। ऐसे में हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है। बेवजह से कुछ लोग निजी कारण या स्वार्थवश कर्मचारियों को बड़गला रहे हैं। कर्मचारी ऐसे किसी भी व्यक्ति के बहकावे में ना आये। कर्मचारी अपने कर्तव्य और जिम्मेदारी को समझे। कर्मचारियों द्वारा निगम के कामकाज को ठप करना गैर कानूनी है। कर्मचारियों को कोई परेशानी होेगी तो मैं तत्काल उसका समाधान करूंगा।

कौन डाल रहा है आग में घी
गाजियाबाद नगर निगम में जो कुछ प्रत्यक्ष रूप से दिखाई दे रहा है उससे कहीं ज्यादा अप्रत्यक्ष रूप से पर्दे के पीछे चल रहा है। निगम कर्मचारी भी हड़ताल के पक्षधर नहीं हैं, नगर आयुक्त ने भी कर्मचारियों की सभी मांगें मान ली। मंगलवार को हड़ताल खत्म भी हो गया था लेकिन बुधवार को फिर से हड़ताल शुरू हो गया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जब दोनोें पक्षों में सहमति बन गई थी फिर कौन है जो आग में घी डाल रहा है और नगर निगम के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहा है। कर्मचारियों का इतना बड़ा आंदोलन अचानक नहीं हो सकता। यानी पर्दे के पीछे से कई ऐसे किरदार हैं जो काफी सक्रिय हैं और कर्मचारियों को ढाल बनाकर नगर आयुक्त पर हमला कर रहे हैं। नगर निगम से जुड़े लोग बताते हैैं कि कई मजबूत लोग डॉ. नितिन गौड़ को नगर आयुक्त के रूप में नापसंद कर रहे हैं, नितिन गौड़ की वजह से उनकी इच्छाएं पूरी नहीं हो पा रही है। ऐसे में पर्दे के पीछे रहकर खेल खेला जा रहा है। ऐसे लोग चाह रहे हैं कि नगर निगम में कामकाज प्रभावित हो और डॉ. नितिन गौड़ की छवि को डैमेज किया जाये।