जिले की 161 ग्राम पंचायतों में से 29 में नही बन सकें जनसुविधा केंद्र

गाजियाबाद। जिले की 161 ग्राम पंचायतों में 29 ग्राम पंचायतें ऐसी है। जिनमें अभी तक भी जनसुविधा केंद्र नहीं बनाए जा सके हैं। बीते वित्तीय वर्ष-2021-22 में सभी ग्राम पंचायतों में जनसुविधा केंद्र बनाए जाने थे। इससे ग्रामीणों को छोटे-छोटे कार्यों जैसे राशन कार्ड, पेंशन के लिए आवेदन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आदि के लिए शहर में भटकना पड़ रहा है। दरअसल, जिले में कुल 161 ग्राम पंचायत हैं। इनमें 205 गांव हैं। गांवों में रहने वाले लोगों को गांव में ही जनसुविधा केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिले। इसके लिए वित्तीय वर्ष-2021-22 में ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में जनसुविधा केंद्र का निर्माण कराया जाना था। लेकिन अभी तक 132 ग्राम पंचायतों में इन जनसुविधा केंद्र की सुविधा दी गई है। बाकी ग्राम पंचायतों में अभी तक भी जनसुविधा केंद्र नहीं बनाए गए हैं।

जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारी शासन की योजनाओं को पूरी करने में लापरवाही बरत रहे हैं। यहीं कारण है कि दूसरे वित्तीय वर्ष के छह माह बीत जाने के बाद भी अभी तक गांंव के लोगों को जनसुविधा केंद्र की सुविधा नहीं मिली है। इस बारे में जिला पंचायत राज अधिकारी प्रदीप कुमार द्विवेदी का कहना है कि 29 ग्राम पंचायतों में से 8 गांवो में जनसुविधा केंद्र बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर ली गई है। इन गांवों में जल्द केंद्र का निर्माण शुरू कराया जाएगा। इसके अलावा जिन ग्राम पंचायतों में जनसुविधा केंद्र नहीं बने हैं। उनमें भी जल्द जनसुविधा केंद्र का निर्माण कराया जाएगा। अन्य गांवों में जनसुविधा नहीं बनने से गावों के लाखों लोगों को राशन कार्ड, पेंशन, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र समेत अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं में आवेदन करने के लिए शहर जाना पड़ रहा है। इससे कई बार चक्कर काटने के बाद भी काम नहीं हो पाता है। जितने पैसे योजना में मिलने होते हैं उससे कहीं ज्यादा खर्चा हो जाता है। इससे गांव के लोग योजनाओं का लाभ मिलने की उम्मीद छोड़ देते हैं।

प्रदेश सरकार ने गांव-गांव में जनसुविधा केंद्र बनाने की योजना बनाई थी। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारी इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। आय, जाति, मूल निवास, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र समेत विभिन्न प्रमाण पत्र बनवाने के लिए सरकारी शुल्क निर्धारित है। जिन गांवों में जन सुविधा केंद्र की सुविधा है। वहां के जनसुविधा केंद्र संचालकों को निर्धारित शुल्क लेने की अनुमति है। इसके साथ ही किसी भी योजना में आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण के लिए सरकारी शुल्क 15 रुपए है। जबकि निजी जनसुविधा केंद्र संचालक मनमाने ढंग से 400 से 500 रुपए तक शुल्क वसूलते हैं। जिला पंचायती राज विभाग जल्द ही जनपद की 8 ग्राम पंचायतों में जनसुविधा केंद्र का निर्माण कराने की तैयारी कर रहा है। इन ग्राम पंचायतों में केंद्र के लिए एक-एक कमरे का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए चार-चार लाख रुपए निर्माण पर खर्च किया जाएगा। उम्मीद है कि जनवरी माह में यह जनसुविधा केंद्र बनकर तैयार हो जाएंगे।इससे ग्राम पंचायतों के लोगों को सुविधा मिल सकेगी।