निगम में ठेकेदारों को दी गई टेंडर डालने की ट्रेनिंग, अधिकारियों ने ठेकेदारों के मन में उठ रहे सवालों का दिया जवाब

निगम में ठेकेदारों को टेंडर प्रक्रिया समझाने और सही तरीके से टेंडर डालने को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एग्जयूकेटिव इंजीनियर देशराज सिंह ने बताया कि ठेकेदारों को टेंडर डालने में किसी तरह की तकनीकि दिक्कतें ना आये इसको ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। प्रशिक्षण कार्यक्रम में काफी संख्या में ठेकेदारा मौजूद रहे।

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। टेंडर डालने में ठेकेदारों को आ रही परेशानियों को दूर करने के उद्देश्य से गाजियाबाद नगर निगम में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में नगर निगम के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने ठेकेदारों के सवालों का जवाब दिया और उन्हें बताया कि किस तरह से कौन-कौन से डॉक्यूमेंट टेंडर में लगाने होंगे।Nagar Nigam Contractor Training Program किस तरह से टेंडर को वेबसाइट पर अपलोड करेंगे। ठेकेदारों को ट्रेंड करने के लिए आईटी एक्सपर्ट को भी बुलाया गया था। प्रशिक्षण के बाद सवाल जवाब राउंड भी हुए जिसमें निगम अधिकारियों ने ठेकेदारों के सवालों का जवाब देते हुए टेंडर प्रक्रिया को विस्तार से मसझाया।

Nagar Nigam Contractor Training Programगाजियाबाद नगर निगम में निर्माण विभाग में लगभग डेढ़ सौ पंजीकृत ठेकेदार हैं। लेकिन इनमें से ज्यादार पेटी (छोटे) कॉट्रैक्टर हैं। शासन द्वारा टेंडर प्रक्रिया को लेकर जो नये आदेश आये हैं वह बेहद जटिल हैं। टेंडर के साथ-साथ कई डॉक्यूमेंट अपलोड करने पड़ते हैं। ज्यादातर पेटी कॉट्रैैक्टर टेक्नो फ्रेंडली नहीं हैं। ऐसे में उनके समक्ष और अधिक समस्याएं आती है। इन्हीं ठेकेदारों की मदद के लिए प्रशिक्षण शनिवार को नगर निगम सभागार में प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन हुआ। प्रशिक्षण के दौरान एक प्रजेंटेंशन दिया और उसमें टेंडर के नियम एवं शर्तों के अलावा टेंडर अपलोड करने से संबंधित समस्त प्रक्रिया को स्टेप बाई स्टेप समझाया गया।Nagar Nigam Contractor Training Program

ठेकेदारों ने भी प्रशिक्षण कार्यक्रम को लेकर प्रसन्नता जताई और कहा उनके कई सवालों का जवाब प्रशिक्षण के दौरान मिल गया। हालांकि अभी भी कई दिक्कतें हैं लेकिन आज की ट्रेनिंग से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिली। प्रशिक्षण कार्यक्रम में इकबाल वहीद, शील कुमार कौशिक, मदन अग्रवाल, कुणाल, विनोद भारती, राजीव शर्मा, रोहित, दीपक साहनी, सतवीर चौधरी, चंद्रमोहन रघुवंशी, अशोक राणा, सुखजीत सिंह सुक्खा, सुधीर जैन, सोनू, पंकज शर्मा सहित काफी संख्या में ठेकेदार मौजूद थे।

deshraj nigam engineerकॉट्रैक्टर वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा एक पत्र देकर ट्रेडर प्रक्रिया को समझाने को लेकर एक ट्रेनिंग सेशन आयोजित करने की मांग की गई थी। ठेकेदारों द्वारा कहा गया था कि ऑनलाइन टेंडर डालने एवं निविदा की शर्तों को समझाने में उन्हें दिक्कतें आती है। ऐसे में ठेकेदारों को टेंडर से जुड़े नियम एवं शर्तों को समझाने और टेंडर अपलोड करने से संबंधित टेक्नीकल जानकारी देने के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ट्रेनिंग के दौरान आईटी और टेंडर एक्सपर्ट को बुलाया गया था। निगम अधिकारियों द्वारा ठेकेदारों के सवालों का जवाब दिया गया। ट्रेनिंग से ठेकेदारों को काफी जानकारी मिली है और उन्हें टेंडर डालने में सहुलियत होगी।
देशराज सिंह
एग्जयूकेटिव इंजीनियर
गाजियाबाद नगर निगम।

एकाउंट ऑफिसर ने दिया भुगतान का आश्वासन
नगर निगम के ठेकेदारों के समक्ष समय से भुगतान नहीं होना एक बड़ी समस्या है। बड़े ठेकदार तो किसी तरह विलंब भुगतान को झेल लेते हैं। लेकिन छोटे ठेकेदारों के लिए यह बड़ी समस्या रहती है। समय से भुगतान नहीं होने के का असर नगर निगम में चल रहे विकास कार्यों पर भी पड़ता है और ठेकेदार काम करने में डरता है कि कहीं उसका पेमेंट ना अटक जाये। ठेकेदारों के भुगतान से संबंधित इन्हीं समस्याओं को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल एकाउंट ऑफिसर राजेश गौतम से मिला। प्रतिनिधि मंडल की बातों को सुनने के बाद एकाउंट ऑफिसर ने जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया। ऐसे में ठेकेदारों को इसी महीने भुगतान मिलने की उम्मीद जगी है। प्रतिनिधि मंडल में सतवीर चौधरी, शील कुमार कौशिक, विनोद भारती, मदन अग्रवाल, चंद्र मोहन रघुवंशी, दीपक साहनी, अशोक राणा, सुखजीत सिंह सुक्खा, कुणाल आदि शामिल थे।