नगर निगम बोर्ड बैठक में हंगामा पार्षदों ने लगाये गो बैक के नारे

इंदिरापुरम हैंडओवर, दुकानों का किराया बढ़ोत्तरी, वाबाग और डॉ. मिथलेश का मुद्दा रहा गरम

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
गाजियाबाद। हंगामे से शुरू और हंगामे से खत्म। गाजियाबाद नगर निगम की नवगठित सदन की पहली बोर्ड बैठक जबरदस्त हंगामेदार रही। इंदिरापुरम हैंडओवर  मामले से शुरू हुआ हंगामा सीवर मेंटेनेंस का काम देखने वाली कंपनी वीए टेक वाबाग के खिलाफ नारेबाजी पर जाकर खत्म हुआ। सदन ने एकमत से वीए टेक वाबाग कंपनी का कांटेक्ट निरस्त करने का प्रस्ताव पास किया। मेयर सुनीता दयाल ने कहा कि वाबाग का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कराने के लिए विधायकों के माध्यम से सदन में इस मामले को भी उठवाएंगी। सीवर समस्या शहर की सबसे गंभीर समस्या है। सीवर मेंटीनेंस का बुरा हाल है। कंपनी काम के नाम पर खानापूर्ति कर रही है और करोड़ों रुपये हजम कर रही है। वीए टेक वाबाग कंपनी द्वारा एक बड़ा भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। जिसे खत्म किया जाएगा। मेयर ने कूड़ा उठाने वाली कंपनी नेचर ग्रीन के खिलाफ भी कड़े शब्दों का प्रयोग किया। बैठक के अंत में मेयर ने बीएटेक वागबाग और कूड़ा उठाने वाली कंपनी नेचर ग्रीन का मुद्दा उठाया। वाबाग गो बैक का नारा लगाते लगाते पार्षद डॉ. मिथलेश गो बैक के नारे लगाने लगे। म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए भाषा की मर्यादा में रहकर मुद्दा उठाने की बात कही। म्युनिसिपल कमिश्नर के हस्तक्षेप के बाद हंगामा शांत हुआ। मेयर सुनीता दयाल ने कहा कूड़ा और तेल में बड़ा खेल चल रहा है। इसे खत्म किया जाना जरूरी है। लगभग 10 घंटे तक चली मैराथन बोर्ड बैठक में पार्षदों ने सीवर, पेयजल, सड़क, स्ट्रीट लाइट, माली, सड़क सहित कई मुद्दों पर जमकर भड़ास निकाली। टैक्स के मुद्दे पर जबरदस्त घमासान हुआ। सीटीओ डॉ. संजीव कुमार सिन्हा पर आरोपों और सवालों की बौछार कर दी गई। बैठक के दौरान मेयर ने अधिकारियों द्वारा फाइलें उपलब्ध नहीं कराने का मसला भी रखा। जिसके बाद यह तय हुआ कि जो भी फाइलें दी जाएंगी वह रिकार्ड में चढ़ाकर नियमानुसार दी जाएगी।
नगर निगम के नए बोर्ड बोर्ड का गठन होने के साढ़े चार माह बाद मंगलवार को पहली बोर्ड बैठक हुई। नगर निगम सभागार में मेयर सुनीता दयाल की अध्यक्षता एवं म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक की मौजूदगी में सुबह 11 बजे से बोर्ड बैठक की शुरूआत हुई। बैठक की शुरुआत में सबसे पहले म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य सिंह मलिक ने सभी पार्षदों से परिचय प्राप्त किया। बोर्ड बैठक में मेयर और पार्षदों की सहमति के बाद निगम द्वारा रखे गए 17 प्रस्तावों में सिर्फ 14 प्रस्ताव पास हुए। सबसे पहले इंदिरापुरम के पार्षद संजय सिंह ने इंदिरापुरम के हैंडओवर का मामला उठाते हुए इंदिरापुरम में विकास कार्य नहीं कराये जाने को लेकर आपत्ति दर्ज की। एक दर्जन से अधिक पार्षदों ने प्रस्ताव का समर्थन किया। इस मुद्दे पर भाजपा के पार्षद आपस में ही टकरा गए और दोनों पक्षों के बीच गहमागहमी बहस हुई। काफी देर तक शोर-शराबा और हंगामा होता रहा। सुबह 11 बजे से शाम पांचे बजे तक सभी पार्षदों ने अपने-अपने क्षेत्र में विकास कार्य कराने से लेकर पानी की सप्लाई, गंदगी,सड़क,टैक्स से लेकर अन्य समस्याओं का गिनाते रहे।
शाम करीब साढ़े पांच बजे से निगम सदन सचिव अरूण कुमार यादव की ओर से प्रस्तावों को पढ़कर सुनाया गया। इसके बाद प्रस्तावों पर चर्चा करने के बाद पास किया गया। बोर्ड बैठक में अपर नगर आयुक्त अरुण कुमार यादव, चीफ इंजीनियर एनके चौधरी, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ.संजीव सिन्हा, लेखाधिकारी डॉ.गीता रानी, उद्यान प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.मिथिलेश सिंह, महाप्रबंधक जलकल आनंद त्रिपाठी, मुख्य नगर लेखा परीक्षक विवेक सिंह, सहायक नगर आयुक्त पल्लवी सिंह, एग्ज्यूकेटिव इंजीनियर जैदी, देशराज सिंह, कविनगर जोनल प्रभारी सुनील राय, लेखा परीक्षक रोहताश शुक्ला, विमलकांत सिंह, संपत्ति प्रभारी भोलानाथ समेत अन्य अधिकारी बैठक के दौरान उपस्थित रहे। यूजर चार्ज और स्ट्रीट लाइट के मुद्दे पर खूब बहस हुई।
इंदिरापुरम कॉलोनी हैंडओवर पर दुकान किराया बढ़ोतरी पर जमकर भिड़ंत
नगर निगम के नए सदन की मंगलवार को पहली बोर्ड बैठक की शुरुआत में ही इंदिरापुरम कॉलोनी हैंडओवर को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। इंदिरापुरम स्थित वार्ड-100 के पार्षद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर न कर वहां रह रही 4.50 लाख की जनता के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। पार्षद वहां पर विकास कार्य नहीं करा पा रहे हैं। जबकि 300 से अधिक अवैध कालोनियों में नगर निगम लगातार विकास कार्य करा रहा है। 1200 एकड़ में इंदिरापुरम कॉलोनी है। संजय सिंह ने कहा कि इंदिरापुरम के हम सभी पार्षद भिक्षा मांगते हैं कि इंदिरापुरम को नगर निगम के हैंडओवर किया जाए। हैंडओवर को लेकर टेक्निकल पहलू और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का बातों को उठाते हुए नगर निगम कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने विरोध जताया। राजीव शर्मा ने कहा कि जीडीए ने इंदिरापुरम को बसाया है। वहां पर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की जिम्मेदारी जीडीए की है।
बिना रुपए लिए हैंडओवर की प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाए। काफी देर तक दोनों पक्षों में हंगामा होता रहा और दोनों पक्ष एक दूसरे के काफी नजदीक आ गये। म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य मलिक ने दोनों पक्षों से शांति की अपील की गई। इंदिरापुरम के अन्य पार्षदों ने विरोध जताया और उन पर हैंडओवर की प्रक्रिया में अड़ंगा डालने का आरोप लगाया। इसके बाद हंगामा तेज हो गया। करीब 15 मिनट तक दोनों पक्ष के बीच जमकर बहस हुई। मेयर सुनीता दयाल ने कि हैंडओवर की प्रक्रिया को नियम के तहत आगे बढ़ाया जाएगा, वहां पर जीडीए को विकास कार्य कराने होंगे। हालांकि, अब नगर निगम द्वारा पार्षदों को विकास कार्य के लिए जो कोटा दिया जाएगा, उस कोटे 30-30 लाख रुपए के इंदिरापुरम के पांच पार्षदों को कार्य के लिए दिया जाएगा। जिससे वहां पर वह विकास कार्य करा सकेंगे। पार्षद प्रवीण चौधरी ने कहा कि इंदिरापुरम में जरूरी कार्य होने चाहिए। पार्षद आदिल मलिक ने सभी वार्डों में समान कार्य की मांग की गई।
पार्षदों ने डॉ. मिथलेश पर किया खूब हमला
पार्षदों ने वार्ड से कूड़ा नहीं उठाये जाने का मुद्दा उठाया। सदन में मेयर सुनीता दयाल सहित कई पार्षदों ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉॅ. मिथिलेश कुमार को आरोपों के कठघड़े में खड़ा किया। पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर स्वास्थ अधिकारी फोन तक नहीं उठाते हैं। बोर्ड बैठक में कुत्तों का प्रस्ताव पास हो गया। नये प्रस्ताव के मुताबिक पंजीकरण 5000 रुपए शुल्क लेने के अलावा 500 रुपए रिन्यूवल का प्रस्ताव पास किया गया। 1702 दुकानों एवं ठिए का किराया बढ़ोतरी को लेकर भी खूब हंगामा हुआ। लेकिन इस प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बनी। कार्यकारिणी उपाध्यक्ष राजीव शर्मा ने इसका विरोध किया। इस मामले में कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया।
निगम खरीदेगा दिवाली से पहले लगवाएगा 6500 लाइटें
नगर निगम सदन की पहली बैठक में म्युनिसिपल कमिश्नर विक्रमादित्य मलिक ने स्ट्रीट लाइट के मसले पर कहा कि समस्या का समाधान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि दीपावली से पहले 6500 स्ट्रीट लाइटें नई खरीदी जाएंगी। 235 जगह चिन्हित की गई है। इन पर लाइट लगाई जाएंगी। 350 कूड़ा उठाने वाले वाहन खरीदें जाएंगे। एसबीएम में पैसा बचा हुआ है। इससे वाहनों की खरीद की जाएगी।