52 करोड़ की हुई बिजली चोरी में 900 लोगों पर केस दर्ज

गाजियाबाद। जिले में बिजली चोरी धड़ल्ले से हो रही है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि बीते एक महीने में लगभग 52 करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो गई। विद्युत वितरण निगम की ओर से आनन-फानन में 900 लोगों पर केस दर्ज कराया। इसके बावजूद भी विद्युत वितरण निगम जुर्माने की राशि वसूलने में नाकाम रहा। बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न कार्यों पर साढ़े तीन साल में 170 करोड़ रुपए का बजट भी खर्च किया गया है।फिलहाल जिले में बिजली चोरी रोकना विद्युत वितरण निगम के लिए चुनौती बना हुआ है। पिछले एक माह में करीब 52 करोड़ रुपए की बिजली चोरी हुई है। विद्युत निगम ने छापेमारी कर एक माह में करीब 900 बिजली चोरों के खिलाफ  मुकदमा दर्ज कर खानापूर्ति कर दी। जुर्माने की वसूली करने में भी विभाग नाकाम रहा।जनपद में हर माह करीब 50 से 60 करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो रही है।

विद्युत वितरण निगम जोन-1 के चीफ इंजीनियर नीरज स्वरूप का कहना है कि बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ  छापेमार कार्रवाई लगातार की जा रही है।जो भी बिजली चोरी करता पाया जाता है उसके खिलाफ  मुकदमा दर्ज कराया जाता है। अधिक लाइनलास वाले इलाकों में सुबह में छापेमारी की जा रही है। दरअसल, गाजियाबाद में बिजली पर पॉवर कॉरपोरेशन हर माह करीब 400 करोड़ रुपए खर्च करता है। पिछले माह विद्युत निगम के पास करीब 348 करोड़ रुपए राजस्व का हिसाब ही है। बिजली चोरी होने के कारण बाकी राजस्व का कोई हिसाब नहीं है। विद्युत निगम बिजली चोरी रोकने के लिए विभिन्न कार्य भी करा रहा है। गाजियाबाद शहर से लेकर लोनी, मुरादनगर, मोदीनगर, विजयनगर, कैला भट्टा आदि क्षेत्रों में बिजली चोरी के सबसे ज्यादा मामले आ रहे हैं। विद्युत निगम के अधिकारी विजिलेंस टीम के साथ मिलकर छापेमारी करते हैं, लेकिन बिजली चोरी नहीं रुक रही है

बिजली चोरी रोकने के लिए ट्रांसफॉर्मरों पर डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर (डीटी) मीटर लगाए गए हैं। इन मीटरों का उपयोग ट्रांसफार्मर की पावर सप्लाई को मापने में किया जा रहा है। ट्रांसफार्मर को मिलने वाली बिजली, उपभोक्ताओं के मीटर में खपत के अंतर के आधार पर चोरी का पता किया जा सकता है। लेकिन डीटी मीटर लगने के बाद भी बिजली चोरी नहीं रुकी। कौन से क्षेत्र में किस फीडर पर कितना लोड है, इसकी निगरानी करने के लिए रियल टाइम डाटा एक्विजिशन सिस्टम भी लगाए गए हैं। इससे भी विद्युत निगम बिजली चोरी नहीं रोक पा रहा है। विद्युत निगम के अधिकारियों का कहना है कि जिन फीडरों पर अचानक खपत से ज्यादा लोड सामने आ रहा है। ऐसे फीडरों पर सुबह रेड डाली जा रही है।आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले माह में बिजली चोरी के केस सामने आए है। इनमें नवंबर में 52 बिजली चोरी,अक्टूबर-59,सितंबर-58,अगस्त-61, जुलाई-64 केस आए है।

इसके तहत सालभर में दर्ज किए गए मुकदमे:

वर्ष-2019 में 1,112 मुकदमे, वर्ष-2020 में 4,412,वर्ष-2021-2,303,वर्ष-2022- 2,932 और वर्ष-2023 में 3,299 मुकदमे दर्ज हुए हैं।

लाइनलॉस वाले क्षेत्र:

लोनी 22 फीसदी, मुरादनगर 8 फीसदी, कैलाभट्टा 5 फीसदी, डासना 4 फीसदी, मोदीनगर 6 फीसदी एवं अन्य शहरी क्षेत्र में 11 फीसदी तक लाइनलॉस है।