शहर को हरा-भरा करने के लिए नगर निगम को मिला 97 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य

-पौधे लगाने के साथ उनकी देखभाल करेंगे क्षेत्र के हेड माली: डॉ. अनुुज कुमार सिंह

गाजियाबाद। हर साल पौधारोपण का कार्यक्रम वृहद स्तर पर चलता है। इसके बाद भी न तो उतने वृक्ष दिखाई देते हैं और न ही पर्यावरण में उतना सुधार महसूस होता है। इसकी वजह वानिकी को बढ़ावा देने के लिए मौजूद नीतियों में विसंगतियां हैं। शहर को प्रदूषण से बचाने और हरा-भरा करने के लिए नगर निगम ने कवायद शुरू कर दी है। शासन की ओर से नगर निगम को इस बार महानगर में 97 हजार से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है। सड़क किनारे गमलों में और डिवाइडर पर भी हरे पेड़ लगाए जाएगें। इसके आवाला पार्कों में छायादार और फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा। इस लक्ष्य को हासिल करने की कोशिश चल रही है। हाल ही में इस बार प्रदेश सरकार ने एक खास घोषणा की है कि वह 13 करोड़ पौधे लगाएगी। हर वर्ष कई-कई करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य शासन की ओर से दिया जाता है। इस बार भी यह लक्ष्य दिया गया है, पौधे तो लगा दिए जाते हैं। लेकिन देखरेख के आभाव में सूख जाते है। ऐसे में पौधारोपण अभियान का कोई फायदा नहीं होता है। मगर इस बार नगर निगम का प्रयास है, जो पौधे लगाएगा वह ही उसका रख रखाव भी करेगा। जिससे किसी तरह की कोई परेशानी नही होनी चाहिए। नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने उद्यान विभाग को खास निर्देश दिए हैं। उद्यान विभाग के प्रभारी डॉ. अनुज कुमार सिंह ने बताया कि इस बार बरसात के मौसम में नगर निगम को करीब 97 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य दिया गया है। नगर निगम का प्रयास लक्ष्य से दो गुना पौधे रोपित करने का है। जिसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। उन्होने बताया पूर्व में शासन की ओर से 94 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य हासिल हुआ था। जिसमें निगम द्वारा दो गुना पौधे महानगर में रोपित किए गये थे। इस बार शासन की ओर से हासिल लक्ष्य का दो गुना पौधा रोपित किया जाएगा। डॉ. अनुज कुमार सिंह बताया कि प्रयास है कि बरसात के समय इस बार पौधे वहीं रोपित किए जाएंगे, जो सुरक्षित हो। संबधित क्षेत्र के हेडमाली और सुपरवाइजर को अपने-अपने क्षेत्र में पौधे की देखभाल करने की जिम्मेदारी सांैपी जाएगी। क्योंकि होता यह है कि पौधे तो लगा दिए जाते है, लेकिन देखभाल न होने की वजह से वह सूख जाते है। लेकिन इस बार ऐसा नही है, पौधे लगाने के साथ उनकी देखभाल की जाएगी। जिस क्षेत्र में पौधे की देखभाल में लापरवाही बरती जाएगी, उसकी जवाबदेही संबधित हेड माली एवं सुपरवाइजर जवाबदेही तय होगी। निर्माण विभाग को कहा गया है कि जहां भी पौधे लगाए जाने हैं, उस खाली जमीन की पहले वह तारकशी करे, ताकि पौधे लगने के बाद उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकें।
पौधे लगाने के साथ देखभाल भी जरूरी
पौधारोपण करने के बाद उसकी देखभाल और धैर्य की जरूरत होती है। नगर निगम प्रशासन की ओर से हर साल भले ही बड़े स्तर पर पौधारोपण कराया जाता हो, लेकिन इसके बाद इन पौधों का क्या हुआ, इसकी खोज खबर नहीं रहती। इसके लिए लोगों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी। घर के आसपास पौधा सूख रहा है या झुक रहा है तो लोगों को उसकी देखभाल करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। यह सोच कर पौधे को नहीं छोड़ देना चाहिए कि उसकी देखभाल सरकारी महकमा ही करेगा। सभी को थोड़ा-थोड़ा प्रयास भविष्य के लिए बड़ी राहत देने वाला हो सकता है। कई पौधों को पांच साल तो कई को दस साल विशेष देखभाल की जरूरत होती है। जितने पौधे हर साल लगते हैं यदि उनकी ही देखभाल अच्छे से हो जाए तो भविष्य में वानिकी की कमी नहीं होगी।                                                    डॉ. अनुज कुमार सिंह , उद्यान विभाग प्रभारी