ग्रह दशा खराब बताकर लोगों के साथ करते थे ठगी, चार गिरफ्तार

लाखो रुपए कीमत की ज्वैलरी बरामद, यूपी, उत्तराखंड, राजस्थान, झारखण्ड व हरियाणा में 500 से अधिक वारदातों को दें चुके अंजाम

गाजियाबाद। महिला व बुजुर्गों को अपनी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह के चार शातिर ठगों को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से टीम ने दो सोने की चेन, चार जोड़ी कान के टॉप्स, अंगूठी, लॉकेट, 6 जोड़ी कान की बाली, चार चूड़ी, 6 मोती की माला, तांबे का कटोरा, 38 हजार रुपए, 53 छोटी बडी गोल डिब्बी जिनमें रग बिरंगे फर्जी नग भरे, घटना में प्रयुक्त दो बाइक बरामद किया गया। आरोपी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में 500 से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके है। हरसांव पुलिस लाइन में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान एडिशनल पुलिस कमिश्नर दिनेेश कुमार पी ने बताया शनिवार को क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने इंदिरापुरम क्षेत्र से आबिद पुत्र शेर अली निवासी ग्राम आसिफाबाद मेरठ, सैफ अली पुत्र मोहम्मदीन निवासी ग्राम कोपा ठण्डा नाला गुलरभोज उत्तराखण्ड, खालिक पुत्र लियाकत अली निवासी ग्राम कोपा ठण्डा नाला गुलरभोज उत्तराखण्ड और फुरकान पुत्र जाफर अली निवासी ग्राम कोपा ठण्डा नाला गुलरभोज उधमसिह नगर उत्तराखण्ड को गिरफ्तार किया है। आबिद शादी बारात मे घोडी बग्गी चलाने का काम करता है।

पुलिस पूछताछ में 12वीं पास सैफ अली ने बताया नग बेचने का काम करता है। पांचवी पास खालिक नाई का काम करता है और फुरकान 12वीं पास है। आरोपियों का एक संगठित गिरोह है। जिसमे इन लोगो के अलावा युसुफ उर्फ मोटा, खुर्शीद, आमिर उर्फ कल्लू, बादशाह खान मेरठ के व गुलरभोज उत्तराखण्ड का शहजाद है। आरोपी भोली-भाली महिला-बुजुर्गों को अपनी बातों में फंसा कर उनके साथ ठगी करते थे। बहला फुसलाकर सम्मोहित कर उनकी ग्रह दशा खराब बताकर धोखे से उनके जेवर उतरवा लेते और उसके बदले नकली जेवर या नकली नग देकर असली जेवर लेकर भाग जाते थे। कभी-कभी ग्रह नक्षत्र खराब होने का बताकर ग्रह दशा सही करने के लिए तांबे के कटोरे में नग रखकर एक लकडी की मूसली को उसके किनारे-किनारे घुमाते है और अपनी टेक्नीक से नग को कम्पन्न कराते है।

जिससे वह कटोरे मे आवाज करने लगता है, तो यह लोग कह देते थे कि ये नग आपके ग्रह के हिसाब से बिल्कुल सही है। आपके ग्रह सही कर देगा जिससे आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएगी और उनको सम्मोहित कर उनके जेवरात उतरवा लेते और वहां से भाग जाते थे। जब हम लोग यह काम करते है उसी बीच मे हमारे दूसरे साथी आकर उन नगों को असली बताते और हमें पैसे देकर मंहगे दामों मे ले जाते, जिससे सामने वाला भी इनके विश्वास में आ जाता था। आरोपी ठगी का माल गुलरभोज उत्तराखण्ड में गिरोह के सरगना जलालुद्दीन, असगर व पाथीराम को देते थे और जो भी पैसा मिलता उसे बराबर में बांट लेते थे। आरोपी गाजियाबाद, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, फतेहपुर, मिर्जापुर, बस्ती व बिहार, झारखण्ड, हरियाणा, मध्य प्रदेश तथा दिल्ली एन.सी.आर. व आस-पास के राज्यों में ठगी कर जेवर उतरवाने की कई वारदातों को अंजाम दिया है।